बिलासपुर: राजधानी रायपुर के बाद सबसे ज्यादा कोरोना के मरीज शहर में पाए जा रहे हैं. कोरोना संक्रमितों को लेकर शहर में संवेदनशीलता बनी हुई है. लेकिन जिले के स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही अपने चरम पर है. स्वास्थ्य विभाग मरीजों के सैंपलों की जांच को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहा है. ताजा आंकड़ों की बात करें तो अभी हाल ही में रायपुर लैब से 140 सैंपल बिलासपुर स्वास्थ्य विभाग को यह कहकर लौटा दिया गया है, कि सैंपल जांच की सुविधा अब बिलासपुर में भी है. लिहाजा बिलासपुर में ही जांच की जाए. जिसके बाद सिम्स (CIMS) में सैंपलों की जांच की गई है.
सैंपलों को एक जगह से दूसरी जगह भेजने में समय और पैसा दोनों बर्बाद होता है. इससे सैंपल खराब होने की संभावना भी रहती है. अब सवाल ये उठता है कि क्या स्वास्थ्य विभाग के बीच इतना भी कॉर्डिनेशन नहीं है कि आपस में फोन पर चर्चा कर मामले को सुलझा लिया जाए. विभाग में तालमेल होने से समय की बचत होगी.
बता दें कि जिले से भेजे गए 140 कोरोना संदिग्धों का सैंपल रायपुर लैब से वापस भेज दिया गया है. सिम्स में कोरोना टैस्टिंग लैब खुलने के बाद रायपुर लैब ने बिलासपुर से भेजे जा रहे सैंपलों की जांच करना बंद कर दिया है.
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सैंपलों की हुई जांच
बिलासपुर सीएमएचओ (CMHO) डॉ. प्रमोद महाजन ने बताया कि 140 सैंपल रायपुर से वापस भेजे गए हैं. जिसका यहां टेस्ट करा लिया गया है. स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली की वजह से कोरोना मरीजों के सैंपल की जांच में देरी हो रही है.
311 सैंपलों की जांच बाकी
बिलासपुर जिले में जांच के लि अब तक 18 हजार 861 सैंपल लिए गए हैं. जिसमें 18 हजार 550 की रिपोर्ट निगेटिव आई है. वहीं कुल 787 सैंपल पॉजिटिव पाए गए हैं. इसके अलावा अब तक 311 सैंपलों की रिपोर्ट नहीं मिल पाई है.