बिलासपुर :रायपुर में चौपाटी के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है. Former Minister Rajesh Munat ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. याचिका के माध्यम से पूर्व मंत्री ने कोर्ट को बताया कि ''निर्माणाधीन चौपाटी के पास एजुकेशन हब है. चौपाटी निर्माण से असामाजिक तत्वों का उस जगह पर जमावड़ा हो सकता है, जिससे बच्चे परेशान होंगे.'' इस मामले में हाईकोर्ट में हुई पहली सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस अरूप गोस्वामी और जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल की डिवीजन बेंच ने सुनवाई करते हुए राज्य शासन, स्मार्ट सिटी लिमिटेड, नगर निगम रायपुर और कलेक्टर रायपुर को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. अब अगली सुनवाई आगामी सोमवार को तय की गई है. Raipur Chowpatty case in Bilaspur High Court
रायपुर में पहले ही राजनीति है गर्म : इस मामले में पहले ही रायपुर की राजनीति गरमाई हुई थी और पूर्व मंत्री की सुनवाई नही होने पर राजेश मूणत ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगा दी. पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने कहा है कि '' भाजपा पार्षद दल ने जब इस विषय को उठाया तब जाकर इस तरह की गड़बड़ियां जनता के सामने आई. हमारा उद्देश्य विकास के कार्यों में अड़ंगा लगाना नहीं है, जनता के हितों के लिए लड़ना है. महापौर ने इस संबंध में अपने चार वक्तव्य दिए हैं और चारों में अलग-अलग बातें कहीं.हमने 15 साल तक रायपुर शहर को संवारा ,लेकिन बीते 4 साल में कांग्रेस ने इसे उजाड़ने का काम किया है.रायपुर में तालाबों को पाटकर चौपटियां बनाई ज रही हैं,जबकि सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन अनुसार तालाबों का रकबा कम नहीं किया जा सकता है.''Allegations of former minister Rajesh Munat
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चौपाटी निर्माण पर कांग्रेस को घेरा : former minister Rajesh Munat ने कहा कि '' मैं दावे के साथ कहता हूं कि चौपाटी का निर्माण पूर्णतः अवैध है. यहां नियम विरुद्ध निर्माण कार्य पर किया जा रहा है,इसलिए नियमों को लेकर कोई कांग्रेसी नेता या निगम अधिकारी जवाब नहीं दे पा रहा है. कांग्रेस का आरोप अनर्गल है कि हम स्काई वॉक की जांच को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. मैंने पहले भी प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी जांच करवाएं क्यों नहीं करवाते हैं.विरोध में स्काई वॉक के ऊपर चढ़कर नकली नोट उड़ा रहे हैं जिसमें गांधी जी फोटो पैरों तले रौंदी गई ये कैसे अनुयायी हैं.चौपाटी का यह टेंडर 2020 में हुआ था, जिसकी निर्माण अवधि 6 महीने थी, अब साल 2023 चल रहा है.''