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कोरोना का साइड इफेक्ट : स्पेशल ट्रेन के नाम पर किराया दोगुना, सफर "जनरल" से भी बदतर - bilaspur news

ट्रेनों के अनलॉक नहीं होने से यात्रियों को ज्यादा पैसे देकर सफर करना पड़ रहा है. यात्री इसको लेकर काफी आक्रोश में हैं. जहां उनका सफर कुछ रुपयों में जनरल टिकट खरीदकर पूरा होता था, अब दोगुने या दोगुने से थोड़ा कम पैसों में वो सफर हो रहा है. ऐसे में लोग इसे लूट-खसूट भी बता रहे हैं.

fare doubled in the name of special train
स्पेशल ट्रेन के नाम पर किराया दोगुना
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Published : Sep 1, 2021, 7:58 PM IST

बिलासपुर : कोरोना मरीजों की घटती संख्या के बीच पूरा देश अनलॉक (unlock) हो गया है, लेकिन रेलवे अब तक पूर्णरूपेण अनलॉक नहीं हुआ है. रेलवे ने अभी भी ट्रेनों को लॉक करके रखा है. एसईसीआर से ही अकेले सवा सौ से ज्यादा पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनें (Passenger and Express Trains) अभी बंद हैं. जिसका परिचालन अब तक रेलवे ने शुरू नहीं किया है. इसका खामियाजा गिनती के स्पेशल ट्रेनों में अधिक किराया देकर यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है. इधर, पैसेंजर ट्रेनों का नियमित परिचालन और एमएसटी शुरू करने की मांग लगातार उठ रही है.

स्पेशल ट्रेन के नाम पर किराया दोगुना

रेलवे बोर्ड के निर्देश पर स्पेशल ट्रेनों का हो रहा परिचालन

हालांकि रेल अधिकारियों का कहना है कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए रेलवे बोर्ड के निर्देश पर स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है. सभी ट्रेनें विशेष नोटिफिकेशन से चलाई जा रही हैं. अन्य ट्रेनों का परिचालन रेलवे बोर्ड की अनुमति और दिशा-निर्देशों के आधार पर तय होना है. गौरतलब है कि एसईसीआर में 184 मेल, एक्सप्रेस और 159 पैसेंजर, मेमू समेत कुल 343 ट्रेनों का परिचालन होता है. लेकिन लॉक डाउन के इतने दिन बाद भी अब तक कई ट्रेनों को शुरू नहीं किया गया.

स्पेशल और सामान्य ट्रेनों के फेयर स्ट्रक्चर में अंतर

एसईसीआर से चलने वाली 122 पैसेंजर मेमू और 18 मेल एक्सप्रेस ट्रेनें बंद हैं. सबसे खास बात यह कि स्पेशल ट्रेनों के फेयर स्ट्रक्चर और नॉर्मल फेयर में काफी अंतर होता है. स्पेशल फेयर स्ट्रक्चर में अगर पर्सेंट में बात करें तो 35 से 45 प्रतिशत तक ज्यादा फेयर होता है. बिलासपुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम पुलकित सिंघल ने बताया कि स्पेशल ट्रेनों के फेयर रेलवे बोर्ड तय करता है.

रेल अधिकारी भी मान रहे यात्रियों को हो रही असुविधा

हालांकि यात्रियों को हो रही असुविधा के बारे में रेल अधिकारी भी मानते हैं. इसके लिए वे बोर्ड को चिट्ठी भी लिख चुके हैं. सीनियर डीसीएम भी कहते हैं कि वह एक-दो पैसेंजर ट्रेन और बढ़ाने के लिए बोर्ड को पत्र लिख चुके हैं.

बिलासपुर : कोरोना मरीजों की घटती संख्या के बीच पूरा देश अनलॉक (unlock) हो गया है, लेकिन रेलवे अब तक पूर्णरूपेण अनलॉक नहीं हुआ है. रेलवे ने अभी भी ट्रेनों को लॉक करके रखा है. एसईसीआर से ही अकेले सवा सौ से ज्यादा पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनें (Passenger and Express Trains) अभी बंद हैं. जिसका परिचालन अब तक रेलवे ने शुरू नहीं किया है. इसका खामियाजा गिनती के स्पेशल ट्रेनों में अधिक किराया देकर यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है. इधर, पैसेंजर ट्रेनों का नियमित परिचालन और एमएसटी शुरू करने की मांग लगातार उठ रही है.

स्पेशल ट्रेन के नाम पर किराया दोगुना

रेलवे बोर्ड के निर्देश पर स्पेशल ट्रेनों का हो रहा परिचालन

हालांकि रेल अधिकारियों का कहना है कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए रेलवे बोर्ड के निर्देश पर स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है. सभी ट्रेनें विशेष नोटिफिकेशन से चलाई जा रही हैं. अन्य ट्रेनों का परिचालन रेलवे बोर्ड की अनुमति और दिशा-निर्देशों के आधार पर तय होना है. गौरतलब है कि एसईसीआर में 184 मेल, एक्सप्रेस और 159 पैसेंजर, मेमू समेत कुल 343 ट्रेनों का परिचालन होता है. लेकिन लॉक डाउन के इतने दिन बाद भी अब तक कई ट्रेनों को शुरू नहीं किया गया.

स्पेशल और सामान्य ट्रेनों के फेयर स्ट्रक्चर में अंतर

एसईसीआर से चलने वाली 122 पैसेंजर मेमू और 18 मेल एक्सप्रेस ट्रेनें बंद हैं. सबसे खास बात यह कि स्पेशल ट्रेनों के फेयर स्ट्रक्चर और नॉर्मल फेयर में काफी अंतर होता है. स्पेशल फेयर स्ट्रक्चर में अगर पर्सेंट में बात करें तो 35 से 45 प्रतिशत तक ज्यादा फेयर होता है. बिलासपुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम पुलकित सिंघल ने बताया कि स्पेशल ट्रेनों के फेयर रेलवे बोर्ड तय करता है.

रेल अधिकारी भी मान रहे यात्रियों को हो रही असुविधा

हालांकि यात्रियों को हो रही असुविधा के बारे में रेल अधिकारी भी मानते हैं. इसके लिए वे बोर्ड को चिट्ठी भी लिख चुके हैं. सीनियर डीसीएम भी कहते हैं कि वह एक-दो पैसेंजर ट्रेन और बढ़ाने के लिए बोर्ड को पत्र लिख चुके हैं.

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