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पैसेंजर और मेमू ट्रेनों में रेलवे वसूल रहा दोगुना किराया, कोरोनाकाल से मची लूट नहीं हुई खत्म ! - passenger and memu trains

indian railways रेलवे के पैसेंजर और मेमू ट्रेनों में दोगुना किराया वसूलने से यात्री परेशान हो रहे हैं. दरअसल रेलवे ने कोरोना काल में पैसेंजर और मेमू ट्रेनों को स्पेशल बनाकर चलाया था. लोकिन अब महामारी का प्रकोप कम होने के बाद भी रेलवे ने ट्रेन के टिकटों में कोई कटौती नही की है. जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. Arrangement General and Fare Special

Railway charging double in trains
पैसेंजर ट्रेनों में ज्यादा किराया वसूलने का आरोप
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Published : Dec 5, 2022, 10:31 PM IST

बिलासपुर: indian railways कोरोना महामारी के दौरान देशभर में ट्रेन सेवाओं को बंद कर दिया गया था. लेकिन महामारी के प्रकोप के कम होने के साथ ही ट्रेनों का परिचालन तो दोबारा शुरू कर दिया गया. लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग के नाम पर ट्रेनों को स्पेशल बना कर चलाया गया. जिसका किराया बढ़ा दिया गया. लेकिन कोरोना महामारी अब लगभग खत्म ही हो गई है. लगभग ट्रेनों को सामान्य कर दिया गया है. लेकिन अब भी पैसेंजर और मेमू ट्रेनों को रेलवे द्वारा स्पेशल बनाकर ही चलाया जा रहा है. Arrangement General and Fare Special

पैसेंजर ट्रेनों में ज्यादा किराया वसूलने का आरोप

पैसेंजर और मेमू में स्पेशल ट्रेनों का किराया: पैसेंजर और मेमू ट्रेनों में अब तक किराया बढ़ा हुआ ही लगाया जा रहा है. यात्रियों से अधिक किराया वसूला जा रहा है. इस मामले में जहां यात्री रेलवे की मनमानी से परेशान हैं. वहीं रेल अधिकारी इसे रेलवे बोर्ड का आदेश कह रहे हैं. माल लदान और विभिन्न सेक्सनों में कार्य के कारण ट्रेनों को रद्द करने से यात्री पहले ही परेशान हैं. दूसरी तरफ रेलवे अब भी पैसेंजर और मेमू में स्पेशल ट्रेनों का किराया वसूल रहा है. इस बढ़े हुए किराया से यात्री परेशान हो गए हैं. यात्री बढ़े हुए किराए की वजह से अपनी जेबों में ज्यादा भार पड़ने से परेशान हैं. यात्रियों को सुविधाए सामान्य ट्रेनों की मिल रही है. लेकिन उन्हें किराया ज्यादा देना पड़ रहा है. यात्रियो को स्पेशल के नाम पर तिगुना किराया देना पड़ रहा है. तो किसी स्टेशन तक पहुंचने के लिए 70-80 फीसदी किराया देना पड़ रहा है.



ट्रेनों को स्पेशल बनाकर बढ़ाया गया था किराया: पूरे विश्व मे 2020 में वैश्विक बीमारी फैल गई थी. यह कोरोना काल कि बात है. कोरोना काल के दौरान रेल मंत्रालय ने कोरोना महामारी से बचाव और सुरक्षागत कारणों से ट्रेनों को स्पेशल बनाकर चला रही थी. इसी समय ट्रेनों का किराया भी बढ़ा दिया गया था. लेकिन अब कोरोना महामारी का प्रकोप नहीं के बराबर हो गया है. नागरिक फिर से वापस अपने सामान्य जीवन जीने लग गए हैं. लेकिन रेल मंत्रालय अब भी लोगों को लूट रहा है. ट्रेनों के किराए में हुई बढ़ोतरी को अब तक कम नहीं किया गया है.

इस मामले में रेलवे अधिकारी रेल मंत्रालय और बोर्ड के निर्णय की बात करते हैं. बिलासपुर ज़ोन के सीपीआरओ साकेत रंजन ने कहा है कि "बोर्ड के द्वारा ट्रेनों को स्पेशल और नॉर्मल बनाने का निर्णय लाया गया था. वैसे तो सभी स्पेशल ट्रेनों को सामान्य कर दिया गया है. पैसेंजर लोकल और मेमू को स्पेशल ही रखा गया है. बोर्ड ने अब तक इस मामले में कोई निर्णय नहीं लिया है. बोर्ड के निर्णय पर निर्भर है."



व्यवस्था सामान्य और किराया स्पेशल: पैसेंजर और मेमू को स्पेशल बनाकर चलाया जा रहा है. इसके एवज में यात्रियों को अधिक किराया देना पड़ रहा है. जहां एक ओर पहले से ही लोग ट्रेनों की लेटलतीफी से परेशान हैं. तो वहीं दूसरी तरफ यात्रियों का कहना है कि रेलवे यात्रियो की जेबों को काटने के नए नए तरीके ईजाद कर रहा है. जिन ट्रेनों को सामान्य किया जा सकता है. उसे स्पेशल कर चला कर कई गुना किराया वसूल रहे हैं. ट्रेनों में सुविधा सामान्य की है. पर स्पेशल का किराया वसूल कर यात्रियों की जेबों को दिल्ली करने में रेलवे कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. यात्रियों को कहना है कि पहले ही वह ट्रेन कैंसिल और लेटलतीफी से परेशान हैं और किराया अलग बढ़ा हुआ देना दोहरी मार है.

यह भी पढ़ें: बिलासपुर में भूख हड़ताल पर बैठे ''गांधी'' पर हमला



पैसेंजर ट्रेनों में ज्यादा किराया चार्ज कर रही रेलवे: बिलासपुर से रायपुर पैसेंजर की कीमत कोरोना काल के पहले 25 रुपए थी. लेकिन अब 52 रुपए कर दी गई है. इसी तरह बिलासपुर से शहडोल जाने के लिए 50 रुपए किराया था. उसे बढ़ा कर किराया 80 रुपए कर दिया गया है. रेल यात्री रेल मंत्रालय की मनमानी से परेशान है. यात्रियो का कहना है कि रेल मंत्रालय आखिर क्यों ट्रेनों का किराया बढ़ा कर रखी है. छोटे छोटे स्टेशनों तक पहुंचने के लिए पहले उन्हें 10 से 20 रुपए लगते थे. अब वह बढ़ाकर 30 और 40 रुपए कर दिए गए हैं. ऐसे में यात्री सफर करते हैं तो उन्हें मजबूरी में ज्यादा पैसा देना पड़ रहा है.

बिलासपुर: indian railways कोरोना महामारी के दौरान देशभर में ट्रेन सेवाओं को बंद कर दिया गया था. लेकिन महामारी के प्रकोप के कम होने के साथ ही ट्रेनों का परिचालन तो दोबारा शुरू कर दिया गया. लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग के नाम पर ट्रेनों को स्पेशल बना कर चलाया गया. जिसका किराया बढ़ा दिया गया. लेकिन कोरोना महामारी अब लगभग खत्म ही हो गई है. लगभग ट्रेनों को सामान्य कर दिया गया है. लेकिन अब भी पैसेंजर और मेमू ट्रेनों को रेलवे द्वारा स्पेशल बनाकर ही चलाया जा रहा है. Arrangement General and Fare Special

पैसेंजर ट्रेनों में ज्यादा किराया वसूलने का आरोप

पैसेंजर और मेमू में स्पेशल ट्रेनों का किराया: पैसेंजर और मेमू ट्रेनों में अब तक किराया बढ़ा हुआ ही लगाया जा रहा है. यात्रियों से अधिक किराया वसूला जा रहा है. इस मामले में जहां यात्री रेलवे की मनमानी से परेशान हैं. वहीं रेल अधिकारी इसे रेलवे बोर्ड का आदेश कह रहे हैं. माल लदान और विभिन्न सेक्सनों में कार्य के कारण ट्रेनों को रद्द करने से यात्री पहले ही परेशान हैं. दूसरी तरफ रेलवे अब भी पैसेंजर और मेमू में स्पेशल ट्रेनों का किराया वसूल रहा है. इस बढ़े हुए किराया से यात्री परेशान हो गए हैं. यात्री बढ़े हुए किराए की वजह से अपनी जेबों में ज्यादा भार पड़ने से परेशान हैं. यात्रियों को सुविधाए सामान्य ट्रेनों की मिल रही है. लेकिन उन्हें किराया ज्यादा देना पड़ रहा है. यात्रियो को स्पेशल के नाम पर तिगुना किराया देना पड़ रहा है. तो किसी स्टेशन तक पहुंचने के लिए 70-80 फीसदी किराया देना पड़ रहा है.



ट्रेनों को स्पेशल बनाकर बढ़ाया गया था किराया: पूरे विश्व मे 2020 में वैश्विक बीमारी फैल गई थी. यह कोरोना काल कि बात है. कोरोना काल के दौरान रेल मंत्रालय ने कोरोना महामारी से बचाव और सुरक्षागत कारणों से ट्रेनों को स्पेशल बनाकर चला रही थी. इसी समय ट्रेनों का किराया भी बढ़ा दिया गया था. लेकिन अब कोरोना महामारी का प्रकोप नहीं के बराबर हो गया है. नागरिक फिर से वापस अपने सामान्य जीवन जीने लग गए हैं. लेकिन रेल मंत्रालय अब भी लोगों को लूट रहा है. ट्रेनों के किराए में हुई बढ़ोतरी को अब तक कम नहीं किया गया है.

इस मामले में रेलवे अधिकारी रेल मंत्रालय और बोर्ड के निर्णय की बात करते हैं. बिलासपुर ज़ोन के सीपीआरओ साकेत रंजन ने कहा है कि "बोर्ड के द्वारा ट्रेनों को स्पेशल और नॉर्मल बनाने का निर्णय लाया गया था. वैसे तो सभी स्पेशल ट्रेनों को सामान्य कर दिया गया है. पैसेंजर लोकल और मेमू को स्पेशल ही रखा गया है. बोर्ड ने अब तक इस मामले में कोई निर्णय नहीं लिया है. बोर्ड के निर्णय पर निर्भर है."



व्यवस्था सामान्य और किराया स्पेशल: पैसेंजर और मेमू को स्पेशल बनाकर चलाया जा रहा है. इसके एवज में यात्रियों को अधिक किराया देना पड़ रहा है. जहां एक ओर पहले से ही लोग ट्रेनों की लेटलतीफी से परेशान हैं. तो वहीं दूसरी तरफ यात्रियों का कहना है कि रेलवे यात्रियो की जेबों को काटने के नए नए तरीके ईजाद कर रहा है. जिन ट्रेनों को सामान्य किया जा सकता है. उसे स्पेशल कर चला कर कई गुना किराया वसूल रहे हैं. ट्रेनों में सुविधा सामान्य की है. पर स्पेशल का किराया वसूल कर यात्रियों की जेबों को दिल्ली करने में रेलवे कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. यात्रियों को कहना है कि पहले ही वह ट्रेन कैंसिल और लेटलतीफी से परेशान हैं और किराया अलग बढ़ा हुआ देना दोहरी मार है.

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पैसेंजर ट्रेनों में ज्यादा किराया चार्ज कर रही रेलवे: बिलासपुर से रायपुर पैसेंजर की कीमत कोरोना काल के पहले 25 रुपए थी. लेकिन अब 52 रुपए कर दी गई है. इसी तरह बिलासपुर से शहडोल जाने के लिए 50 रुपए किराया था. उसे बढ़ा कर किराया 80 रुपए कर दिया गया है. रेल यात्री रेल मंत्रालय की मनमानी से परेशान है. यात्रियो का कहना है कि रेल मंत्रालय आखिर क्यों ट्रेनों का किराया बढ़ा कर रखी है. छोटे छोटे स्टेशनों तक पहुंचने के लिए पहले उन्हें 10 से 20 रुपए लगते थे. अब वह बढ़ाकर 30 और 40 रुपए कर दिए गए हैं. ऐसे में यात्री सफर करते हैं तो उन्हें मजबूरी में ज्यादा पैसा देना पड़ रहा है.

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