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Cyclone Biporjoy: बिपारजॉय तूफान को लेकर घबराया रेलवे, उठाए एहतियाती कदम

बिपारजॉय तूफान को लेकर रेल्वे अलर्ट मोड में आ गया है. मौसम विभाग ने तूफान को लेकर अलर्ट जारी किया. जिसके बाद से ही रेलवे लगातार एततियाती कदम उठा रहा है. रेलवें ने इसके लिए कई एडवाइजरी जारी किया है. Biporjoy Cyclone

railway alert for Cyclone Biporjoy
चक्रवाती तूफान बिपारजॉय
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Published : Jun 12, 2023, 11:13 PM IST

Updated : Jun 13, 2023, 7:44 AM IST

बिलासपुर: पूर्वी मध्य अरब सागर के ऊपर चक्रवाती तूफान बिपारजॉय की संभावना को देखते हुए भारतीय रेलवे घबरा रहा है. रेलवे ने इससे निपटने के लिए कई एहतियाती कदम उठाए हैं. दरअसल भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने 11 जून को शाम 5 बजे बजे बुलेटिन जारी कर बताया है कि पूर्वी मध्य अरब सागर के ऊपर बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान "बिपारजॉय" बढ़ रहा है. सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों में इसके प्रभाव रखने की संभावना जताई जा रही है. इसे देखते हुए रेलवे ने यात्री ट्रेनो और यात्रियो की सुरक्षा के लिए कई उपाय किये है. रेलवे इस तूफान से निपटने के संवेदनशील कार्य कोई है.

मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट: भारतीय मौसम विज्ञान केंद्र नई दिल्ली ने अरब सागर में चक्रवाती तूफान बिपारजॉय का पूर्वानुमान लगाया है. मौसम विभाग ने बताया है कि "यह बिपारजॉय तूफान 11 से 14 जून तक अगले 4 दिनों के लिए चक्रवात सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों को प्रभावित करने की उम्मीद है. इसकी वजह से भावनगर, महुवा, वेरावल से पोरबंदर क्षेत्र, ओखा से एचएपीए और गांधीधाम क्षेत्र शामिल हैं. यह तूफान 14जून की शाम को मांडवी-जखाऊ बंदरगाह के पास लैंडफॉल होने का अनुमान है. भारतीय रेलवे ने सुरक्षा के लिए चक्रवात के प्रभाव को कम करने के लिए विभिन्न उपायों को लागू किया है, जो इस प्रकार हैं."

जोनल रेलवे मुख्यालय में आपदा प्रबंधन कक्ष बनाया है. रेलवे के विभिन्न विभागों में चौबीसों घंटे मॉनिटरिंग.
भावनगर, राजकोट, अहमदाबाद, गांधीधाम में मंडल मुख्यालयों पर आपातकालीन नियंत्रण कक्षों का संचालन किया जा रहा है.
कई स्थानों पर हवा की गति की नियमित निगरानी और 50 किमी प्रति घंटे से अधिक हवा का वेग होने पर ट्रेनों को उसी जगह में नियंत्रित करने या रोकने के निर्देश दोय गया है. स्टेशनों पर एनीमोमीटर लगाए गए हैं और हर घंटे के आधार पर हवा की गति की रीडिंग की जा रही है.
वास्तविक समय की निगरानी और समन्वय के लिए ऑनलाइन टीम का गठन किया गया है.
mausam.imd.gov.in वेबसाइट पर चक्रवात से संबंधित जानकारी की निरंतर निगरानी रखी जा रही है.
आपातकालीन निकासी के लिए पर्याप्त डीजल लोकोमोटिव और कोचिंग रेक की उपलब्धता कराई गई है.
डबल स्टैक कंटेनरों के लदान पर रोक और उनके संचलन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
पैसेंजर ट्रेनों के शेड्यूल की समीक्षा और चक्रवात की स्थिति के आधार पर जरूरी फैसले लिए जाएंगे.
राहत ट्रेन की तैयारी कर ली गई है.
चक्रवात, तूफान की स्थिति के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल के संबंध में लोको पायलटों और सहायक लोको पायलटों की काउंसलिंग को गई है. चालक दल के विश्राम के लिए बनाए गए विभिन्न रनिंग रूम में सभी आवश्यक व्यवस्थाएं (भोजन, चिकित्सा ) की गई हैं.
हवा के मुक्त आवागमन के लिए कोचों के दरवाजे और खिड़कियां खुली रखने के निर्देश दिये गए है.
कड़ी निगरानी के लिए गहन फुटप्लेट निरीक्षण किए गए हैं.
आरसीडी ईंधन की आवाजाही के लिए सड़क के बुनियादी ढांचे में बाधा आने की स्थिति में चक्रवात के बाद पूरी तरह से ईंधन वाले डीजल इंजनों और भरे हुए आरसीडी ईंधन टैंकों की सामान्य परिचालन में उपलब्धता की व्यवस्था की गई है.
वैकल्पिक संचार व्यवस्था की गई है. संचार विफलता के मामले में सैटेलाइट फोन, एफसीटी और डीओटी फोन सहित आपातकालीन नियंत्रण कक्ष तैयार किये गए है.
साइट संचार के लिए वीएचएफ सेट उपलब्ध हैं.



15. वैकल्पिक विद्युत व्यवस्था की गई है, जैसे:

A.सभी डिपो के टावर वैगन चालक और टीआरडी स्टाफ अलर्ट पर रहेंगे

B. अगर पावर ग्रिड की आपूर्ति बाधित होती है, तो ट्रेन सेवाएं डीजल ट्रैक्शन पर चलेंगी.

C. जंक्शन स्टेशनों, कंट्रोल रूम और प्रमुख कॉलोनियों, पंपों पर बिजली की आपूर्ति विफल होने पर डीजी सेट के माध्यम से बिजली की आपूर्ति की जाएगी.

16. मटेरियल, मशीनरी और मैन पावर रिजर्व रखने की व्यवस्था की गई है, जैसे:

A. जमीन के साथ-साथ पहियों पर सभी महत्वपूर्ण सामग्रियों जैसे मलबे, गिट्टी, खदान की धूल और खदान की धूल का स्टेशनवार विवरण तैयार किया गया है.

B. वैगनों में सामग्री की लोडिंग की व्यवस्था की गई है और रात में लोडिंग जारी रहेगी.

C. पोकलेन, जेसीबी मशीन आदि किराए पर ली गई हैं और गोताखोरों के ठहरने की व्यवस्था भी की गई है.

D. भारी अर्थ मूविंग मशीनरी, ट्रक, रस्सी, चेन, आरी, पानी निकालने वाले पंप, पिकअप वैन आदि रखने वाली एजेंसियों के विवरण का आकलन किया गया है और उन्हें अलर्ट पर रखा गया है.

E. विभागीय और संविदात्मक दोनों प्रकार से जनशक्ति जुटाई गई है.

F. बेहतर समन्वय के लिए द्वारिका, जामनगर और सुरेंद्रनगर स्टेशनों पर विभिन्न शाखाओं के पर्यवेक्षकों वाली 3 टीमों का गठन किया गया है.

17. ट्रैक और पुलों की लगातार पेट्रोलिंग की व्यवस्था की गई है.

18. सीओपी और एफओबी की निगरानी करना पूर्व सर्वेक्षण और सीटों की आवश्यक सुरक्षा पहले से की जा चुकी है. सभी स्टेशन, प्लेटफार्म, शेल्टर को उचित रूप से सुरक्षित किया गया है.

19. पुलों (60 किमी प्रति घंटे की अधिकतम हवा की गति) पर आवागमन के लिए यातायात प्रतिबंध लगाने के लिए हवा के वेग को प्रति घंटे के आधार पर मापा और निगरानी की जा रही है, मानसून सावधानियों को भी पूरी तरह से लागू किया जा चुका है.

20. ट्रैक के पास कमजोर पेड़ों की पहचान और छटाई की जा चुकी है.

21. सुरक्षा के लिए विशेष निर्देश, जिसमें एलसी बूम बंद करना और पोर्टा केबिन से काम करने वाले एलसी से कर्मचारियों की वापसी शामिल है.

22. ओएचई और पारेषण लाइनों की निगरानी और निरीक्षण, बिजली अधिकारियों के साथ संपर्क, और अतिरिक्त बिजली उपकरणों का प्रावधान किया गया है.

23. सिग्नलिंग और दूरसंचार व्यवस्था इस प्रकार है:

A. डीजी सेटों और स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता की जा चुकी है.

B. आपातकालीन संचार के लिए 15 एफसीटी, एआरटी, एआरएमई में 2 सैटेलाइट फोन और वॉकी टॉकी सेट का उपयोग किया जाएगा.

24. रणनीतिक स्थानों पर एआरटी, एआरएमई (दुर्घटना राहत ट्रेन/दुर्घटना राहत चिकित्सा उपकरण) की तैयारी किये है. सभी कर्मचारी तैनात और तैयार हैं. व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण जैसे हेलमेट, जूते का उपयोग करने का निर्देश दिया गया है.

25. आरपीएफ सुरक्षा व्यवस्था इस प्रकार है.

A. आपात स्थिति में सहायता के लिए एक RPSF (रेलवे सुरक्षा विशेष बल) कंपनी (कंपनी) की तैनाती की गई है.

B. आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए आस-पास के डिवीजनों की RPSF कंपनी को चक्रवात संभावित क्षेत्र में तैनात किया गया है.

C. अधिकारियों को चक्रवात के मद्देनजर जीआरपी, शहर पुलिस, नागरिक अधिकारियों, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के साथ समन्वय करने और आपात स्थिति में आवश्यक सहायता लेने की सलाह दी जा रही है.

26. फंसे यात्रियों के लिए व्यवस्था इस प्रकार है:

A. पानी और खाद्य सामग्री के पर्याप्त स्टॉक के साथ चक्रवात प्रभावित अवधि के दौरान खानपान स्टॉल खुले रहेंगे.

B. यात्रियों को सतर्क करने के लिए चक्रवात की स्थिति के बारे में नियमित घोषणा की जा रही है.

C. चक्रवात संभावित क्षेत्रों में विभिन्न स्टेशनों पर हेल्प डेस्क खोला गया है.

D. जरूरत पड़ने पर यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए राज्य परिवहन सेवाओं के साथ समन्वय कोय गया है.

27. आपात कालीन चिकित्सा की तैयारी इस प्रकार है:

A.अस्पतालों और स्वास्थ्य इकाइयों में एंबुलेंस और पर्याप्त दवाएं तैयार रखी जा रही हैं.

B. जरूरत पड़ने पर मरीजों को शिफ्ट करने के लिए चक्रवात क्षेत्र में चिकित्सा राज्य प्राधिकरण और पैनलबद्ध अस्पताल संपर्क में हैं.

C. रेलवे मेडिकल टीम राज्य मेडिकल टीम के संपर्क में है और उनके साथ समन्वय कर रही है और आपात स्थिति में मरीजों को स्थानांतरित करने के लिए सूचीबद्ध अस्पतालों के साथ भी समन्वय किया गया है.

D. गुजरात राज्य एम्बुलेंस टोल फ्री नंबर 108 को अलर्ट किया गया.

E. अन्य स्थानीय अस्पतालों को भी हताहतों की संख्या से निपटने के लिए अलर्ट कर दिया गया है.

F. मुंबई में सभी डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ अलर्ट कर दिए गए है.

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28. रेलवे बोर्ड वार रूम से सतत निगरानी कर रही है.

बिलासपुर: पूर्वी मध्य अरब सागर के ऊपर चक्रवाती तूफान बिपारजॉय की संभावना को देखते हुए भारतीय रेलवे घबरा रहा है. रेलवे ने इससे निपटने के लिए कई एहतियाती कदम उठाए हैं. दरअसल भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने 11 जून को शाम 5 बजे बजे बुलेटिन जारी कर बताया है कि पूर्वी मध्य अरब सागर के ऊपर बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान "बिपारजॉय" बढ़ रहा है. सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों में इसके प्रभाव रखने की संभावना जताई जा रही है. इसे देखते हुए रेलवे ने यात्री ट्रेनो और यात्रियो की सुरक्षा के लिए कई उपाय किये है. रेलवे इस तूफान से निपटने के संवेदनशील कार्य कोई है.

मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट: भारतीय मौसम विज्ञान केंद्र नई दिल्ली ने अरब सागर में चक्रवाती तूफान बिपारजॉय का पूर्वानुमान लगाया है. मौसम विभाग ने बताया है कि "यह बिपारजॉय तूफान 11 से 14 जून तक अगले 4 दिनों के लिए चक्रवात सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों को प्रभावित करने की उम्मीद है. इसकी वजह से भावनगर, महुवा, वेरावल से पोरबंदर क्षेत्र, ओखा से एचएपीए और गांधीधाम क्षेत्र शामिल हैं. यह तूफान 14जून की शाम को मांडवी-जखाऊ बंदरगाह के पास लैंडफॉल होने का अनुमान है. भारतीय रेलवे ने सुरक्षा के लिए चक्रवात के प्रभाव को कम करने के लिए विभिन्न उपायों को लागू किया है, जो इस प्रकार हैं."

जोनल रेलवे मुख्यालय में आपदा प्रबंधन कक्ष बनाया है. रेलवे के विभिन्न विभागों में चौबीसों घंटे मॉनिटरिंग.
भावनगर, राजकोट, अहमदाबाद, गांधीधाम में मंडल मुख्यालयों पर आपातकालीन नियंत्रण कक्षों का संचालन किया जा रहा है.
कई स्थानों पर हवा की गति की नियमित निगरानी और 50 किमी प्रति घंटे से अधिक हवा का वेग होने पर ट्रेनों को उसी जगह में नियंत्रित करने या रोकने के निर्देश दोय गया है. स्टेशनों पर एनीमोमीटर लगाए गए हैं और हर घंटे के आधार पर हवा की गति की रीडिंग की जा रही है.
वास्तविक समय की निगरानी और समन्वय के लिए ऑनलाइन टीम का गठन किया गया है.
mausam.imd.gov.in वेबसाइट पर चक्रवात से संबंधित जानकारी की निरंतर निगरानी रखी जा रही है.
आपातकालीन निकासी के लिए पर्याप्त डीजल लोकोमोटिव और कोचिंग रेक की उपलब्धता कराई गई है.
डबल स्टैक कंटेनरों के लदान पर रोक और उनके संचलन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
पैसेंजर ट्रेनों के शेड्यूल की समीक्षा और चक्रवात की स्थिति के आधार पर जरूरी फैसले लिए जाएंगे.
राहत ट्रेन की तैयारी कर ली गई है.
चक्रवात, तूफान की स्थिति के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल के संबंध में लोको पायलटों और सहायक लोको पायलटों की काउंसलिंग को गई है. चालक दल के विश्राम के लिए बनाए गए विभिन्न रनिंग रूम में सभी आवश्यक व्यवस्थाएं (भोजन, चिकित्सा ) की गई हैं.
हवा के मुक्त आवागमन के लिए कोचों के दरवाजे और खिड़कियां खुली रखने के निर्देश दिये गए है.
कड़ी निगरानी के लिए गहन फुटप्लेट निरीक्षण किए गए हैं.
आरसीडी ईंधन की आवाजाही के लिए सड़क के बुनियादी ढांचे में बाधा आने की स्थिति में चक्रवात के बाद पूरी तरह से ईंधन वाले डीजल इंजनों और भरे हुए आरसीडी ईंधन टैंकों की सामान्य परिचालन में उपलब्धता की व्यवस्था की गई है.
वैकल्पिक संचार व्यवस्था की गई है. संचार विफलता के मामले में सैटेलाइट फोन, एफसीटी और डीओटी फोन सहित आपातकालीन नियंत्रण कक्ष तैयार किये गए है.
साइट संचार के लिए वीएचएफ सेट उपलब्ध हैं.



15. वैकल्पिक विद्युत व्यवस्था की गई है, जैसे:

A.सभी डिपो के टावर वैगन चालक और टीआरडी स्टाफ अलर्ट पर रहेंगे

B. अगर पावर ग्रिड की आपूर्ति बाधित होती है, तो ट्रेन सेवाएं डीजल ट्रैक्शन पर चलेंगी.

C. जंक्शन स्टेशनों, कंट्रोल रूम और प्रमुख कॉलोनियों, पंपों पर बिजली की आपूर्ति विफल होने पर डीजी सेट के माध्यम से बिजली की आपूर्ति की जाएगी.

16. मटेरियल, मशीनरी और मैन पावर रिजर्व रखने की व्यवस्था की गई है, जैसे:

A. जमीन के साथ-साथ पहियों पर सभी महत्वपूर्ण सामग्रियों जैसे मलबे, गिट्टी, खदान की धूल और खदान की धूल का स्टेशनवार विवरण तैयार किया गया है.

B. वैगनों में सामग्री की लोडिंग की व्यवस्था की गई है और रात में लोडिंग जारी रहेगी.

C. पोकलेन, जेसीबी मशीन आदि किराए पर ली गई हैं और गोताखोरों के ठहरने की व्यवस्था भी की गई है.

D. भारी अर्थ मूविंग मशीनरी, ट्रक, रस्सी, चेन, आरी, पानी निकालने वाले पंप, पिकअप वैन आदि रखने वाली एजेंसियों के विवरण का आकलन किया गया है और उन्हें अलर्ट पर रखा गया है.

E. विभागीय और संविदात्मक दोनों प्रकार से जनशक्ति जुटाई गई है.

F. बेहतर समन्वय के लिए द्वारिका, जामनगर और सुरेंद्रनगर स्टेशनों पर विभिन्न शाखाओं के पर्यवेक्षकों वाली 3 टीमों का गठन किया गया है.

17. ट्रैक और पुलों की लगातार पेट्रोलिंग की व्यवस्था की गई है.

18. सीओपी और एफओबी की निगरानी करना पूर्व सर्वेक्षण और सीटों की आवश्यक सुरक्षा पहले से की जा चुकी है. सभी स्टेशन, प्लेटफार्म, शेल्टर को उचित रूप से सुरक्षित किया गया है.

19. पुलों (60 किमी प्रति घंटे की अधिकतम हवा की गति) पर आवागमन के लिए यातायात प्रतिबंध लगाने के लिए हवा के वेग को प्रति घंटे के आधार पर मापा और निगरानी की जा रही है, मानसून सावधानियों को भी पूरी तरह से लागू किया जा चुका है.

20. ट्रैक के पास कमजोर पेड़ों की पहचान और छटाई की जा चुकी है.

21. सुरक्षा के लिए विशेष निर्देश, जिसमें एलसी बूम बंद करना और पोर्टा केबिन से काम करने वाले एलसी से कर्मचारियों की वापसी शामिल है.

22. ओएचई और पारेषण लाइनों की निगरानी और निरीक्षण, बिजली अधिकारियों के साथ संपर्क, और अतिरिक्त बिजली उपकरणों का प्रावधान किया गया है.

23. सिग्नलिंग और दूरसंचार व्यवस्था इस प्रकार है:

A. डीजी सेटों और स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता की जा चुकी है.

B. आपातकालीन संचार के लिए 15 एफसीटी, एआरटी, एआरएमई में 2 सैटेलाइट फोन और वॉकी टॉकी सेट का उपयोग किया जाएगा.

24. रणनीतिक स्थानों पर एआरटी, एआरएमई (दुर्घटना राहत ट्रेन/दुर्घटना राहत चिकित्सा उपकरण) की तैयारी किये है. सभी कर्मचारी तैनात और तैयार हैं. व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण जैसे हेलमेट, जूते का उपयोग करने का निर्देश दिया गया है.

25. आरपीएफ सुरक्षा व्यवस्था इस प्रकार है.

A. आपात स्थिति में सहायता के लिए एक RPSF (रेलवे सुरक्षा विशेष बल) कंपनी (कंपनी) की तैनाती की गई है.

B. आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए आस-पास के डिवीजनों की RPSF कंपनी को चक्रवात संभावित क्षेत्र में तैनात किया गया है.

C. अधिकारियों को चक्रवात के मद्देनजर जीआरपी, शहर पुलिस, नागरिक अधिकारियों, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के साथ समन्वय करने और आपात स्थिति में आवश्यक सहायता लेने की सलाह दी जा रही है.

26. फंसे यात्रियों के लिए व्यवस्था इस प्रकार है:

A. पानी और खाद्य सामग्री के पर्याप्त स्टॉक के साथ चक्रवात प्रभावित अवधि के दौरान खानपान स्टॉल खुले रहेंगे.

B. यात्रियों को सतर्क करने के लिए चक्रवात की स्थिति के बारे में नियमित घोषणा की जा रही है.

C. चक्रवात संभावित क्षेत्रों में विभिन्न स्टेशनों पर हेल्प डेस्क खोला गया है.

D. जरूरत पड़ने पर यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए राज्य परिवहन सेवाओं के साथ समन्वय कोय गया है.

27. आपात कालीन चिकित्सा की तैयारी इस प्रकार है:

A.अस्पतालों और स्वास्थ्य इकाइयों में एंबुलेंस और पर्याप्त दवाएं तैयार रखी जा रही हैं.

B. जरूरत पड़ने पर मरीजों को शिफ्ट करने के लिए चक्रवात क्षेत्र में चिकित्सा राज्य प्राधिकरण और पैनलबद्ध अस्पताल संपर्क में हैं.

C. रेलवे मेडिकल टीम राज्य मेडिकल टीम के संपर्क में है और उनके साथ समन्वय कर रही है और आपात स्थिति में मरीजों को स्थानांतरित करने के लिए सूचीबद्ध अस्पतालों के साथ भी समन्वय किया गया है.

D. गुजरात राज्य एम्बुलेंस टोल फ्री नंबर 108 को अलर्ट किया गया.

E. अन्य स्थानीय अस्पतालों को भी हताहतों की संख्या से निपटने के लिए अलर्ट कर दिया गया है.

F. मुंबई में सभी डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ अलर्ट कर दिए गए है.

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28. रेलवे बोर्ड वार रूम से सतत निगरानी कर रही है.

Last Updated : Jun 13, 2023, 7:44 AM IST
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