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जेल में दाखिल होने से पहले कैदियों का होगा कोरोना टेस्ट - छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

हाईकोर्ट ने कैदियों को जेल में दाखिल करने से पहले उनका कोरोना टेस्ट कराने के निर्देश दिए हैं. बता दें कि 15 जनवरी तक बेल और पैरोल पर बाहर आए हुए छत्तीसगढ़ के कैदियों को सरेंडर करना है.

CHHATTISGARH HIGHCOURT
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
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Published : Jan 11, 2021, 10:19 PM IST

बिलासपुर: कोरोना को लेकर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है. जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि बेल और पैरोल पर बाहर आए कैदियों को जेल में दाखिल करने से पहले उनका कोरोना टेस्ट किया जाए.

इसके साथ ही अब कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव पाए जाने पर ही कैदियों को जेल दाखिल किया जाएगा. कोर्ट ने यह भी कहा कि कैदी के पॉजिटिव पाए जाने पर राज्य सरकार उन्हें कोविड सेंटर में भर्ती करे.

पढ़ें-'ताबड़तोड़ एक्शन वाले आईजी ने कहा कि हम जनता के सेवक हैं, राजा नहीं'

15 जनवरी तक करना है सरेंडर

बता दें कि 15 जनवरी तक बेल और पैरोल पर बाहर आए हुए राज्य के कैदियों को सरेंडर करना है. पूरे मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस के डिवीजन द्वारा की गई है.कोरोना संकट के दौरान सुप्रीम कोर्ट से मिले गाइडलाइन के अनुसार छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रदेश के विभिन्न जेलों में बंद बंदियों को पैरोल और जमानत पर छोड़ा गया था. सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के आधार पर छत्तीसगढ़ की जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों की संख्या कम करने का यह फैसला लिया गया था.

बिलासपुर: कोरोना को लेकर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है. जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि बेल और पैरोल पर बाहर आए कैदियों को जेल में दाखिल करने से पहले उनका कोरोना टेस्ट किया जाए.

इसके साथ ही अब कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव पाए जाने पर ही कैदियों को जेल दाखिल किया जाएगा. कोर्ट ने यह भी कहा कि कैदी के पॉजिटिव पाए जाने पर राज्य सरकार उन्हें कोविड सेंटर में भर्ती करे.

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15 जनवरी तक करना है सरेंडर

बता दें कि 15 जनवरी तक बेल और पैरोल पर बाहर आए हुए राज्य के कैदियों को सरेंडर करना है. पूरे मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस के डिवीजन द्वारा की गई है.कोरोना संकट के दौरान सुप्रीम कोर्ट से मिले गाइडलाइन के अनुसार छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रदेश के विभिन्न जेलों में बंद बंदियों को पैरोल और जमानत पर छोड़ा गया था. सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के आधार पर छत्तीसगढ़ की जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों की संख्या कम करने का यह फैसला लिया गया था.

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