बिलासपुर: दुर्गा विसर्जन और रावण दहन को लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट हो गया है. पुलिस ने शहर के मुख्य मार्गो के साथ ही चौक चौराहों में भारी पुलिस बल तैनात कर दी गई है. शहर में सैकड़ों दुर्गा के पांडाल है और सभी को शहर के घाट में ही विसर्जित किया जाता है. पचरीघाट और छटघाट में दुर्गा विसर्जित की जाती है. कानून व्यवस्था बनाने और सुरक्षित विसर्जन के साथ समितियों द्वारा बड़े पैमाने में रावण दहन का कार्यक्रम होता है. जिनमें हजारों लोग शामिल होते है जिसकी सुरक्षा की तैयारी पुलिस ने शुरू कर दी है.
शहर में नवरात्रि के दौरान जिला पुलिस ने चाक-चौबंद और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर रखी थी. यही कारण है कि चौक चौराहों में पुलिस के होने की वजह से किसी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं घटी और अब पुलिस दुर्गा विसर्जन और रावण दहन को लेकर भी अपनी कमर कस ली है. पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने और अप्रिय घटना की आशंका को देखते हुए भारी पुलिस बल शहर में तैनात कर दी है. शहर में अरपा नदी के किनारे दो स्थानों पर दुर्गा विसर्जन किया जाता है.
शनिचरी बाजार के पचरीघाट और तोरवा के छठघाट में दुर्गा विसर्जित की जाती है. विसर्जन के दौरान हजारों की संख्या में आम जनता और समिति के लोग दुर्गा विसर्जित करने पहुंचते हैं. जिसको देखते हुए पुलिस प्रशासन ने दोनों ही स्थानों पर भारी बल तैनात कर दिया है. इसके साथ ही किसी अप्रिय घटना से निपटने और शांति व्यवस्था को बनाए रखने के कड़े कदम उठाए हैं और इसमें थाने के स्टाफ के साथ ही पुलिस लाइन के बल और एसएफ के जवानों की भी ड्यूटी लगाई गई है.
5 सौ से ज्यादा पुलिसकर्मियों की विसर्जन में लगी है ड्यूटी
जिला प्रशासन ने दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के लिए दो दिन का समय दिया है और दो दिनों में ही विसर्जन करना है. शहर में सैकड़ों की संख्या में दुर्गा पंडालों में दुर्गा स्थापित की जाती है. इसके अलावा घरों में भी दुर्गा स्थापित की जाती है. अगर बात करे तो सौ से भी ऊपर प्रतिमाए विराजित होती है. जिनका विसर्जन दो दिन में ही करना है. इसलिए सभी समितियां एक साथ ही सड़क पर आ जाती है. इसे संभालने और कानून व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी पुलिस की होती है और पुलिस ने भी पूरी व्यवस्था कर ली है.
पिछले साल दुर्गा विसर्जन में हुआ था विवाद
गत वर्ष दुर्गा विसर्जन में दो समितियों के बीच पहले जाने के चक्कर में विवाद हुआ था. दोनों पक्ष पहले जाने के चक्कर में एक दूसरे से भिड़ गए थे. साथ ही पुलिस की समझाइश पर भी नहीं मान रहे थे. जिसके बाद पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए दोनों पक्षों को दौड़ाकर भगाया था. एएसपी उमेश कश्यप ने दुर्गा समितियों की मीटिंग कर सख्ती से समझाइश दी है. साथ ही दो टूक कहा है अगर कुछ भी हुआ तो पुलिस मोर्चा संभालेगी और फिर जो होगा उसके बाद कोई विवाद करने की सोच भी नहीं सकेगा.