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Bilaspur news : मानव तेंदुआ द्वंद्व में वन विभाग जिम्मेदार, हाईकोर्ट में लगी याचिका - Chhattisgarh High Court news

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में तेंदुआ को लेकर एक जनहित याचिका लगाई गई है.इस याचिका में ये कहा गया है कि तेंदुआ और मानव के बीच द्वंद्व बढ़ने का कारण वन विभाग और उसकी बिना सोची समझी गई नीति है.याचिका के मुताबिक किसी भी क्षेत्र से तेंदुआ को पकड़कर उसे दूर कहीं दूसरे जंगल में छोड़ना बिल्कुल ही गलत है. अवसाद के कारण तेंदुआ या तो मर सकता है या फिर हिंसक हो सकता है.Petition on leopard in Chhattisgarh High Court

Bilaspur HighCourt
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
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Published : Jan 14, 2023, 12:26 PM IST

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में तेंदुआ को संरक्षण देने के मामले में याचिका दायर हुई है. याचिका में कहा गया है कि पिंजरा लगाकर तेंदुआ को पकड़ लिया जाता है और ऐसी जगह पर छोड़ दिया जाता है, जहां के वातावरण से तेंदुआ अनजान होता है. ऐसे में भूख प्यास और अवसाद की वजह से तेंदुआ या तो मर जाता है, या फिर वह पालतू पशुओं और इंसानों पर हमला करने लगता है. ऐसे में तेंदुआ और मानव द्वंद बढ़ सकता है. इस मामले में शासन ने जवाब देने का समय मांगा था, जिस पर हाईकोर्ट ने 3 सप्ताह का समय दिया है.

किसने लगाई है याचिका : छत्तीसगढ़ में तेंदुआ के साथ हो रहे अत्याचार को रोकने को लेकर पर्यावरणविद नितिन सिंघवी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. इस जनहित याचिका की सुनवाई में चीफ जस्टिस अरुप कुमार गोस्वामी और जस्टिस अरविंद चंदेल की डिवीजन बेंच ने मामले की सुनवाई की. पर्यावरणविद और वन्य जीव प्रेमी नितिन सिंघवी ने जनहित याचिका में तेंदुओं के संरक्षण का मुद्दा उठाया था. याचिका में बताया गया था कि वन विभाग के अधिकारी ही मानव तेंदुआ बढ़ा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- सड़क हादसों को लेकर हाईकोर्ट ने मांगा नेशनल हाईवे अथॉरिटी से जवाब

तेंदुआ के साथ क्या आ रही समस्या : कोई भी तेंदुआ प्रॉब्लम एनिमल है या नहीं, इसे देखे बिना पिंजरा लगा देते हैं. उसे पकड़ते हैं और दूसरे स्थान पर छोड़ देते हैं. यह समस्या को बढ़ाने वाला है. नए जंगल में तेंदुआ अपने को अनजान जगह पाकर परेशान हो जाता है. अत्यधिक तनाव, भूख, सदमा और अवसाद में उसे समझ में नहीं आता कि वह क्या करें. ऐसे में नए स्थान पर वह पालतू पशुओं पर हमला करके खा सकता है. इसलिए मानव तेंदुआ बढ़ सकता है, लेकिन इस बात को ध्यान में रखें बिना वन विभाग उन्हें कहीं भी छोड़ देता है. जिससे मानव और तेंदुआ बढ़ रहा है.

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में तेंदुआ को संरक्षण देने के मामले में याचिका दायर हुई है. याचिका में कहा गया है कि पिंजरा लगाकर तेंदुआ को पकड़ लिया जाता है और ऐसी जगह पर छोड़ दिया जाता है, जहां के वातावरण से तेंदुआ अनजान होता है. ऐसे में भूख प्यास और अवसाद की वजह से तेंदुआ या तो मर जाता है, या फिर वह पालतू पशुओं और इंसानों पर हमला करने लगता है. ऐसे में तेंदुआ और मानव द्वंद बढ़ सकता है. इस मामले में शासन ने जवाब देने का समय मांगा था, जिस पर हाईकोर्ट ने 3 सप्ताह का समय दिया है.

किसने लगाई है याचिका : छत्तीसगढ़ में तेंदुआ के साथ हो रहे अत्याचार को रोकने को लेकर पर्यावरणविद नितिन सिंघवी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. इस जनहित याचिका की सुनवाई में चीफ जस्टिस अरुप कुमार गोस्वामी और जस्टिस अरविंद चंदेल की डिवीजन बेंच ने मामले की सुनवाई की. पर्यावरणविद और वन्य जीव प्रेमी नितिन सिंघवी ने जनहित याचिका में तेंदुओं के संरक्षण का मुद्दा उठाया था. याचिका में बताया गया था कि वन विभाग के अधिकारी ही मानव तेंदुआ बढ़ा रहे हैं.

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तेंदुआ के साथ क्या आ रही समस्या : कोई भी तेंदुआ प्रॉब्लम एनिमल है या नहीं, इसे देखे बिना पिंजरा लगा देते हैं. उसे पकड़ते हैं और दूसरे स्थान पर छोड़ देते हैं. यह समस्या को बढ़ाने वाला है. नए जंगल में तेंदुआ अपने को अनजान जगह पाकर परेशान हो जाता है. अत्यधिक तनाव, भूख, सदमा और अवसाद में उसे समझ में नहीं आता कि वह क्या करें. ऐसे में नए स्थान पर वह पालतू पशुओं पर हमला करके खा सकता है. इसलिए मानव तेंदुआ बढ़ सकता है, लेकिन इस बात को ध्यान में रखें बिना वन विभाग उन्हें कहीं भी छोड़ देता है. जिससे मानव और तेंदुआ बढ़ रहा है.

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