बिलासपुर: योग गुरु बाबा रामदेव और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के बीच जारी विवाद के बीच बुधवार को बिलासपुर जिला कोर्ट में उनके खिलाफ याचिका दायर किया गया है. बिलासपुर के अधिवक्ता सैय्यद इशहादिल अली के माध्यम से आकाश स्वर्णकार ने रामकिशन यादव उर्फ बाबा स्वामी रामदेव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने परिवाद दायर की है. याचिका में नफरत फैलाने समेत महामारी अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है. जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है. मामले की सुनवाई 7 जून को ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट अभिनव डहरिया की कोर्ट में होगी.
महामारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज
डॉ. आकाश स्वर्णकार के वकील सैय्यद इशहादिल अली ने कहा कि अनुसार स्वामी रामदेव का विडियो वायरल हो रहा है. जिसमें एलोपैथी इलाज व एलोपैथी में प्रैक्टिस करने वाले डाक्टरों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की है. बाबा रामदेव का बयान है कि कोरोना महामारी में लाखों लोगों की जान एलोपैथी की दवाई खाने से चली गई है. इस तरह के स्टेटमेंट देकर टीकाकरण अभियान को लेकर भी भ्रम की स्थिति पैदा कर कर रहे हैं. बाबा के खिलाफ धारा 153(A) और महामारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने की मांग की है.
corona vaccine: 45+ वाले आ नहीं रहे, 18+ वाले लौट जा रहे, अलग-अलग नीति खत्म करे केंद्र: टीएस सिंहदेव
क्या है पूरा मामला ?
योग गुरु रामदेव ने हाल ही में एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति को लेकर उठाए थे. उनके एक बयान को लेकर विवाद बढ़ गया था. रामदेव ने अपने बयान में कहा था कि एलोपैथी एक स्टूपिड और दिवालिया साइंस है. बाबा के इस बयान पर आईएमए ने नाराजगी जताई थी. आईएमए ने रामदेव के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई थी. हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा पत्र भेजे जाने के बाद उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया था, लेकिन वार-पलटवार का दौर अब भी जारी है. विवाद के बीच रामदेव ने भी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और फार्मा कंपनियों से 25 सवाल पूछे थे.