बिलासपुर: बिलासपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना के निर्माण के लिए मंगलवार को नगर निगम की सर्वे टीम जरहाभाठा के मिनी बस्ती पहुंची. टीम के पहुंचते ही वार्डवासियों ने इनका जमकर विरोध किया. कानून व्यवस्था न बिगड़े इसके लिए सिविल लाइन पुलिस ने मोर्चा संभालते हुए आक्रोशित लोगों को शांत कराया.
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नगर निगम की टीम के खिलाफ मोर्चा खोला
बिलासपुर के गुरुघासीदास नगर में उस वक्त कानून व्यवस्था बिगड़ने लगी जब मोहल्ले वासियों ने नगर निगम की टीम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. जब प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सर्वे करने नगर निगम की टीम वार्ड के मिनी बसरी पहुंची. वार्डवासियों ने सर्वे दल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और झुग्गी झोपड़ी सर्वे का विरोध किया.
राजीव गांधी आश्रय योजना के तहत मिले पट्टा
वार्ड के नागरिकों ने बताया कि निगम यहां से उन्हें हटाने की कोशिश कर रही है और दूसरे स्थान भेज देगी. जबकि 5 साल से भी ज्यादा का समय हो गया है. नागरिकों का कहना है कि उन्हें राजीव गांधी आश्रय योजना के तहत पट्टा दे दिया जाए ताकि वे यहीं अपना मकान बनवा कर रह सके. वे इस जगह में उस समय से रहते आ रहे है. जब बिलासपुर का इतना विकास नहीं हुआ था. यहां आसपास जंगल जैसा माहौल रहता था. नागरिक यहां को छोड़कर नही जाएंगे फिर चाहे कुछ भी हो जाए.
हंगामे को देखते हुए सीविल लाइन थाने को दी सूचना
निगम टीम के सर्वे की जानकारी लगने पर लोगों के हंगामे को देखते तत्काल निगम की टीम ने सीविल लाइन थाने को सूचना दी. जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस लोगों को शांत कराया.
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झुग्गी झोपड़ियों में बीता रहे जीवन
दरअसल, वार्ड क्रमांक 21 मिनीमाता बस्ती में बीते 50 साल से झुग्गी झोपड़ियों में 300 से ज्यादा परिवार अपना जीवन यापन कर रहे हैं. लेकिन स्मार्ट सिटी की तर्ज पर शहर को झुग्गी मुक्त किया जाना है. जिसके तहत राजीव गांधी आवास योजना के तहत भवन निर्माण कर यहां के लोगों को बसाने की योजना है. वार्डवासियों की मांग है कि उन्हें यथावत रहने दिया जाए और राजीव गांधी आवास योजना के तहत उन्हें पट्टा प्रदान किया जाए. मांग पूरी नहीं होने पर वार्डवासियों ने उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है.