बिलासपुरः जिले के सीपत में स्थित एनटीपीसी पावर प्लांट से आसपास के लोगों का जीना मुहाल हो गया है. प्लांट से उड़ने वाले राखड़ से शहरवासी हलाकान हैं. तमाम शिकायतों के बाद भी पर्यावरण विभाग अब तक कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.
एनटीपीसी की मनमानी
एनटीपीसी सीपत के जिम्मेदारों की मनमानी और अनदेखी के चलते स्थानीय ग्रामीण राखड़ के बीच जिंदगी जीने के लिए मजबूर हैं. बावजूद इसके एनटीपीसी प्रबधंक ग्रामीणों की समस्यायों को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहा है. एनटीपीसी सीपत ने ग्राम रलिया, सुखरीपाली, भिलाई, हरदाडीह में राखड़ का डैम बनाया है. गर्मी का समय आते ही इस डैम से बड़ी मात्रा में राखड़ उड़ कर आसपास के गांवों तक जाती है.
ग्रामीण परेशान
ग्रामीणों की मानें तो उनके घरों में राखड़ की मोटी परत चढ़ जाती है. वहीं खाने के सामान पीने के पानी और कपड़ों में डस्ट जमा हो जाती है. राखड़ से आसपास के 10 किलोमीटर तक के गांवों को प्रभावित करता है. राखड़ की मात्रा इतनी ज्यादा रहती है कि रोड पर चलने वाली गाड़ियां तक नहीं दिखती हैं. जिससे दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है.
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गर्मी में लोगों का हो जाता है बुरा हाल
एनटीपीसी की लापरवाही के कारण ग्रामीणों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. साथ ही इलाके की हवा में जहर घोल कर खुलेआम नियमों की अनदेखी भी की जा रही है. जिसके चलते पर्यावरण को भी भारी नुकसान हो रहा है. लेकिन अब तक पर्यावण विभाग की उदासीनता से इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है. फिलहाल एनटीपीसी प्रबंधन इस मामले में कुछ भी बोलने से बचता नजर आ रहा है.