बिलासपुर: जिले में पिछले खरीफ सीजन 2021-22 में 1 लाख 17 हजार किसानों से 50 लाख क्विंटल धान की खरीदी की गई थी. इस बार धान खरीदी लक्ष्य बढ़ा दिया गया है. करीब 54 लाख क्विंटल धान खरीदी टारगेट तय किया गया है. लक्ष्य प्राप्ति के लिए जिला सहकारी केंद्रीय बैंक तैयारियों में जुट गए हैं.
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धान खरीदी टारगेट बढ़ा: छत्तीसगढ़ में साल दर साल समर्थन मूल्य पर धान खरीदी लक्ष्य बढ़ता जा रहा है. राज्य के साथ जिले में धान खरीदी की मात्रा में बढ़ोतरी होना स्वभाविक है. पिछले साल 98 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई थी. जिसे बढ़ा कर इस साल 1 करोड़ 8 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की जाएगी.
बिलासपुर में 4 लाख क्विंटल धान खरीदी ज्यादा: अकेले बिलासपुर जिले में पिछले साल की तुलना में इस साल चार लाख क्विंटल धान की अधिक खरीदी की जाएगी. छत्तीसगढ़ शासन ने इस बार 15 दिन अतिरिक्त समय देते हुए 15 नवंबर के बजाय 1 नवंबर से धान खरीदी शुरू करने की घोषणा की है. किसानों को धान बेचने के लिए ज्यादा समय मिलेगा. पिछले साल के मुकाबले जुलाई से अब तक 2000 से ज्यादा किसानों ने पंजीयन करा लिया है.
संभाग के सभी जिलों में निर्देश जारी: बिलासपुर संभाग में बिलासपुर, जांजगीर चांपा, मुंगेली, गौरेला पेंड्रा मरवाही, कोरबा और सक्ती शामिल हैं. धान खरीदी को लेकर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीकांत चंद्राकर ने बताया कि ''इस बार लक्ष्य अधिक रखा गया है. इसको देखते हुए खरीदे गए धान को रखने के लिए व्यवस्था करने की शुरुआत कर दी गई है. अभी तैयारियां शुरू की गई है, ताकि किसानों से मिलने वाले धान की व्यवस्था सही ढंग से की जाए.
धान खरीदी तैयारी शुरू: मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीकांत चंद्राकर ने कहा कि ''बिलासपुर संभाग के अंतर्गत जिलों में धान खरीदी के लिए निर्देश जारी कर दिये गए हैं. पिछले वर्ष संभाग को दो करोड़ 7 लाख 68 हजार क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य मिला था. इस बार अभी लक्ष बढ़ाया गया है. अभी एग्जेक्ट टारगेट नहीं आया है. लेकिन पहले से जानकारी दी गई है कि संभाग में धान खरीदी का लक्ष्य बढ़ाया गया है. उसकी तैयारी के लिए कहा गया है. सहकारी बैंक बिलासपुर संभाग के सभी जिलों को निर्देशित कर दिया गया है.''
धान खरीदी लक्ष्य बढ़ा, खेती का रकबा घटा: साल दर साल छत्तीसगढ़ सरकार धान खरीदी लक्ष्य बढ़ा रही है. दूसरा पहलू भी इसका कुछ अजीब है. छत्तीसगढ़ सरकार जहां धान खरीदी लक्ष्य बढ़ा रही है, वहीं खेती का रकबा भी घटाया जा रहा है. इसके पीछे किसानों को परंपरागत धान की खेती के बजाय दलहन और तिलहन के साथ ही फलदार पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसके चलते पिछले खरीफ सीजन में 1 लाख 74 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल के मुकाबले वर्तमान में 1 लाख 70 हजार हेक्टेयर में धान के फसल लेने का लक्ष्य रखा था. इस लिहाज से जिले में 4 हजार हेक्टेयर कम धान की खेती की गई थी. इसके बाद भी धान खरीदी का लक्ष्य बढ़ाया गया है.