बिलासपुर: NTPC के राखड़ डैम के पानी के ओवरफ्लो होने से आसपास के गांवों में बरसात के दिनों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. रात को हुई तेज बारिश के बाद यहां लोगों के घरों में डैम का पानी घुस गया है. गांव सुखरीपाली में ग्रामीणों के घर में पानी घुस जाने से उनका जीवन अस्त-वयस्त हो गया है. आज इंसान के जीवन की सबसे बड़ी मांग है घर, कुछ लोगों को जीवन भर खुद का घर नसीब नहीं होता कुछ लोगों का जीवन अपना एक अशियाना बनाने में गुजर जाता है. लेकिन जब बना बनाए आशियाने से मजबूर होकर आपको बाहर निकलाना पड़े तो आपको कैसा लगेगा, ठीक ऐसा ही हाल हुआ है सुखरीपाली के ग्रामीणों का, कुछ साल पहले तक यहां जन जीवन समान्य था. लेकिन सीपत स्थित NTPC के राखड़ डैम ने इनका जीवन को गरदिस में धकेल दिया है. डैम के पानी के ओवरफ्लो होने से आसपास के गांवों में बरसात के दिनों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं.
ग्राम सुखरीपाली में अधिकांश कच्चे मकान के बने हुए हैं, लिहाजा पानी भरने के कारण घर गिरने का खतरा भी बना हुआ है. रात में आई इस आपदा से प्रभावित बुजुर्ग महिला ने बताया कि अचानक रात में घर के अंदर बारिश का पानी घुसने लगा. घर में पानी भर जाने की स्थिति में महिला और उसके बेटे ने रात घर के बाहर गुजारी. इस दौरान जोरदार बारिश हो रही थी. लेकिन वो लोग मजबूर थे घर में लबालब पानी भरा हुआ था. बता दें परिवार का पूरा आनाज पानी में बह गया. आज उनके पास खाने के लिए अनाज तक नहीं है.
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पूरे साल राखड़ से परेशान ग्रामीण
ऐसा नहीं है कि NTPC का राखड़ डैम ही इस गांव के लिए अभिशाप साबित हो रहा है, यहां के ग्रामीण गर्मी के दिनों में भी उड़ते राखड़ से परेशान रहते हैं. खाने से लेकर पानी तक में राखड़ का प्रभाव दिखता है. फसलों और यहां की भूमि पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है. ग्रामीण पूरे साल इस समस्या से परेशान रहते हैं. बाढ़ का पानी घुसने से पूरे गांव के लोग प्रभावित हुए हैं.
गलती मानने से किया इंकार
आपदा की खबर NTPC को दी गई थी. लेकिन ग्रामीणों के हालातों का जायजा लेने पहुंचे NTPC के अधिकारी ने इसमें NTPC प्रबंधन की गलती होने से साफ इंकार कर दिया. गांव सुखरीपाली के हालात फिलहाल खराब हैं, जिम्मेदारों ने भी अब पल्ला झाड़ लिया है. ऐसे में जरूरत है कि शासन-प्राशासन अपनी ओर से इन ग्रामीणों के लिए मदद के हाथ बढ़ाए, साथ ही NTPC के राखड़ से हो रहे नुकासान की कोई स्थाई व्यवस्था हो ताकि आने वाले दिनों में ऐसी स्थिति पैदा न हो.