बिलासपुर: नेशनल हाईवे के लिए भूमि अधिग्रहण किए जाने पर तय की गई मुआवजा राशि का भुगतान नहीं होने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. जिस पर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने 90 दिनों के अंदर मामले का निराकरण करते हुए मुआवजा राशि का भुगतान करने का आदेश राजस्व अधिकारी और भू-अर्जन अधिकारी को दिया है.
बता दें कि धमतरी निवासी प्रभु लाल और अन्य के नाम से कृषि भूमि का अधिग्रहण 2015 में राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए किया गया था. शासकीय अधिकारियों की ओर से अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा 11 लाख साढ़े 19 हजार तय किया गया था, लेकिन 2 साल बाद मुआवजा राशि 6 लाख 84 हजार रुपय कर दी गई.
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मामले को लेकर प्रभु लाल ने शासन के समक्ष कई बार आवेदन भी प्रस्तुत किया, लेकिन कोई भी जवाब शासन की ओर से नहीं दिया गया. इसके साथ ही 2015 में अधिग्रहित की हुई जमीन के मुआवजे का कोई भी भुगतान नहीं किया गया. इसको लेकर प्रभु लाल ने हाईकोर्ट के समक्ष याचिका प्रस्तुत की थी. इस पूरे मामले की सुनवाई जस्टिस पी. सेम कोशी की सिंगल बेंच की ओर से की गई.