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'लेमरू एलिफेंट रिजर्व की योजना सराहनीय लेकिन सरकार को लेना चाहिए था विशेषज्ञों से राय' - बिलासपुर

लेमरू एलिफेंट रिजर्व योजना की विशेषज्ञों ने तारीफ की है लेकिन एलिफेंट रिजर्व के कम दायरे को लेकर चिंता भी जताई है.

प्राणी शास्त्र विशेषज्ञ प्राण चड्ढा
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Published : Aug 17, 2019, 6:12 PM IST

बिलासपुर: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने लेमरू एलिफेंट रिजर्व की घोषणा की. विशेषज्ञ इस पहल की तारीफ कर रहे हैं, लेकिन एलिफेंट रिजर्व के कम दायरे को लेकर सवालिया निशान भी लगाया जा रहा है. इस विषय पर ETV भारत ने बिलासपुर के प्राणी शास्त्र विशेषज्ञ प्राण चड्ढा से बातचीत की.

बिलासपुर के प्राणी शास्त्र विशेषज्ञ प्राण चड्ढा से बातचीत

'लेमरू रिजर्व का हम स्वागत करते हैं'

विशेषज्ञ प्राण चड्ढा ने ETV भारत से बातचीत करते हुए कहा कि 'हाथियों के संरक्षण के दिशा में सरकार की यह पहल अच्छी है. लेकिन महज 450 वर्ग किमी का दायरा प्रदेशभर के 250 से अधिक हाथियों के कम है'. हर साल हाथी के कारण औसतन 100 से अधिक लोगों की मौत हो रही जो चिंता का विषय है, इसलिए लेमरू रिजर्व का हम स्वागत करते हैं'.

पढें :ETV भारत की मुहिम से जुड़े वृक्षमित्र ओपी अग्रवाल, पर्यावरण सरंक्षण पर की खास बातचीत

'विशेषज्ञों से लेनी चाहिए थी राय'

उन्होंने कहा कि '450 वर्ग किमी का दायरा 25 से 30 हाथियों के लिए ही उपयुक्त है. लिहाजा रिजर्व एरिया का दायरा और ज्यादा विकसित करने पर ही योजना सफल हो सकती है. हाथी स्वभाव से जंगलों में विचरण करने वाले प्राणी होते हैं, उन्हें बांधना मुश्किल काम है, इसलिए लेमरू का दायरा बढ़ाने का प्रयास करना होगा. सरकार को इस महत्वपूर्ण निर्णय से पहले विशेषज्ञों से राय लेनी चाहिए थी'.

बिलासपुर: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने लेमरू एलिफेंट रिजर्व की घोषणा की. विशेषज्ञ इस पहल की तारीफ कर रहे हैं, लेकिन एलिफेंट रिजर्व के कम दायरे को लेकर सवालिया निशान भी लगाया जा रहा है. इस विषय पर ETV भारत ने बिलासपुर के प्राणी शास्त्र विशेषज्ञ प्राण चड्ढा से बातचीत की.

बिलासपुर के प्राणी शास्त्र विशेषज्ञ प्राण चड्ढा से बातचीत

'लेमरू रिजर्व का हम स्वागत करते हैं'

विशेषज्ञ प्राण चड्ढा ने ETV भारत से बातचीत करते हुए कहा कि 'हाथियों के संरक्षण के दिशा में सरकार की यह पहल अच्छी है. लेकिन महज 450 वर्ग किमी का दायरा प्रदेशभर के 250 से अधिक हाथियों के कम है'. हर साल हाथी के कारण औसतन 100 से अधिक लोगों की मौत हो रही जो चिंता का विषय है, इसलिए लेमरू रिजर्व का हम स्वागत करते हैं'.

पढें :ETV भारत की मुहिम से जुड़े वृक्षमित्र ओपी अग्रवाल, पर्यावरण सरंक्षण पर की खास बातचीत

'विशेषज्ञों से लेनी चाहिए थी राय'

उन्होंने कहा कि '450 वर्ग किमी का दायरा 25 से 30 हाथियों के लिए ही उपयुक्त है. लिहाजा रिजर्व एरिया का दायरा और ज्यादा विकसित करने पर ही योजना सफल हो सकती है. हाथी स्वभाव से जंगलों में विचरण करने वाले प्राणी होते हैं, उन्हें बांधना मुश्किल काम है, इसलिए लेमरू का दायरा बढ़ाने का प्रयास करना होगा. सरकार को इस महत्वपूर्ण निर्णय से पहले विशेषज्ञों से राय लेनी चाहिए थी'.

Intro:स्वतंत्रता दिवस के दिन मुख्यमंत्री द्वारा लेमरू एलिफेंट रिजर्व की घोषणा के बाद अब विशेषज्ञ जहां इस पहल की तारीफ कर रहे हैं तो वहीं इस एलिफेंट रिजर्व के कम दायरे को लेकर सवालिया निशान भी लगाया जा रहा है ।


Body:इस संदर्भ में हमने बिलासपुर के प्राणी विशेषज्ञ प्राण चड्ढा से बातचीत की । प्राण चड्ढा ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि हाथियों के संरक्षण के दिशा में सरकार की यह पहल अच्छी है लेकिन महज 450 वर्ग किमी का दायरा प्रदेशभर के 250 से अधिक हाथियों के कम है ।


Conclusion:प्राण चड्ढा ने कहा कि हर साल हाथी के कारण औसतन सौ से अधिक लोगों की मौत हो रही जो चिंता का विषय है इसलिए लेमरू रिजर्व का हम स्वागत करते हैं लेकिन 450 वर्ग किमी का दायरा अधिक से अधिक 25 से 30 हाथियों के लिए ही उपयुक्त है । लिहाजा रिजर्व एरिया का दायरा और ज्यादा विकसित करने पर ही यह पहल सफल होगा । प्राण चड्ढा ने बताया कि हाथी स्वभाव से जंगलों में विचरण करनेवाले प्राणी होते हैं उन्हें बांधना मुश्किल काम है लिहाजा लेमरू का दायरा बढ़ाने की दिशा में प्रयास करना होगा । प्राणी विशेषज्ञ ने कहा कि सरकार को चाहिए था कि इस महत्वपूर्ण निर्णय से पहले विशेषज्ञों से राय ली जाय ।
बाईट..... प्राण चड्ढा...प्राणी विशेषज्ञ
विशाल झा..... बिलासपुर
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