बिलासपुर: कोनी के ग्राम पौंसरा में रहने वाले आनंद कुमार भार्गव ने कोनी थाने में ठगी की शिकायत दर्ज कराई है. आनंद के मुताबिक उसका दोस्त संदीप कुमार है. जो पेंटिंग का काम करता है. 15 मार्च को संदीप के मोबाइल नंबर पर अनजान शख्स का फोन आया. जिसने अपना नाम अमित कुमार बताया. अमित ने संदीप को बताया कि वो उसे कुछ काम देना चाहता है. जिसके लिए उसे मजदूरी की रकम एडवांस में दी जाएगी.
ए़डवांस पेमेंट देने की कही बात : एडवांस पेमेंट के लिए अमित ने संदीप से खाता नंबर मांगा.लेकिन संदीप ने किसी भी तरह का खाता खुद के पास होने से इनकार किया. एडवांस पेमेंट रिसीव करने के लिए संदीप ने अपने दोस्त आनंद भार्गव का नंबर ठग को दे दिया. इसके बाद ठग ने आनंद से बात की और आनंद को एडवांस पेमेंट डालने से पहले पेटीएम का लिंक भेजा. ठग ने आनंद को कहा कि वो इस लिंक पर एक रुपए डाल दे. आनंद ने पेटीएम पर एक रूपया ट्रांसफर किया. इसके बाद ठग ने आनंद को दो रुपये वापस किए.
कैसे की ठगी : आनंद को दो रुपये मिलने के बाद ठग ने कहा कि वो अब 50 हजार रुपए उसके अकाउंट में ट्रांसफर करे ताकि वो 1 लाख रुपए वापस कर सके. आनंद को ठग ने यकीन दिलाया कि एडवांस रकम इसी तरह से डबल होकर मिलेगी. फिर क्या था आनंद ने अलग अलग किस्तों में 1 लाख 49 हजार रुपए ठग के पेटीएम लिंक पर ट्रांसफर कर दिए. लेकिन ठग ने पैसे पाने के बाद ना तो रकम भेजी और ना ही काम दिलवाया. खुद के साथ ठगी होने की जानकारी होने का अंदेशा होने के कारण आनंद ने पुलिस में मामला दर्ज कराया. पुलिस ने कथित अमित कुमार नाम के युवक के खिलाफ धारा 420 के तहत जुर्म दर्ज कर लिया है.
डेढ़ साल बाद ठग गिरफ्तार : वहीं दूसरे मामले में पुलिस को नौकरी के नाम पर ठगने वाले आरोपी को गिरफ्तार करने में कामयाबी मिली है. मामला 2021 सरकंडा थाना क्षेत्र का है. जहां सरकंडा निवासी ऋषभ से आईटीआई में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी हुई थी. सरकंडा थाना प्रभारी फैजुल शाह ने बताया की " कपिल नगर में रहने वाली स्वाति पांडेय ने 10 सितंबर 2021 को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उसके भाई ऋषभ को संतोष श्रीवास नामक शख्स मिला. जिसने अपने साथी नीरजलाल के साथ मिलकर नौकरी लगाने के नाम पर ठगी की है. संतोष ने बताया कि गीतांजलि सिटी में रहने वाला नीरजलाल कोनी आईटीआई में नौकरी लगवा सकता है.जिसके लिए तीन लाख रुपए लगेंगे.''
बहन से पैसे मांगकर ठग को दिए : पुलिस के मुताबिक ''नीरज ने ये बात अपनी बहन को बताई और दोनों ने नीरजलाल से मुलाकात की. मुलाकात में नीरज ने भरोसा दिलाया कि वो नौकरी लगवा देगा. इसलिए स्वाति ने नीरज को तीन लाख रुपए दे दिए. कुछ दिनों बाद नीरज ने एक नियुक्ति पत्र ऋषभ को थमाया और कंपोजिट बिल्डिंग के कार्यालय में जाकर नौकरी ज्वाइन करने को कहा.''
ऑफिस में फर्जी लेटर का हुआ खुलासा: महिला जब अपने भाई को लेकर जालसाज के बताये जगह पर पहुंची. पता चला कि नियुक्ति पत्र फर्जी है.इस पर महिला ने नीरजलाल को फोन लगाया और पत्र फर्जी होने की जानकारी दी. इसके बाद नीरज शहर छोड़कर फरार हो गया था. रिपोर्ट पर पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई थी. इसी बीच पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी युवक धमतरी में छुपा हुआ है. जहां जाकर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई में जुटी है.