बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना का कहर अब भी जारी है. कोरोना काल में अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय प्रबंधन ने 25 मई से ऑनलाइन परीक्षा कराने का फैसला लिया है. जिसके विरोध में एनएसयूआई (National Students Union of India) ने सभी परीक्षाओं की तारीख आगे बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन को ज्ञापन सौंपा है. NSUI प्रदेश सचिव अर्पित केशरवानी का कहना है कि प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच परीक्षा आयोजित कराना उचित नहीं होगा.
NSUI ने परीक्षा की तारीख
एनएसयूआई प्रदेश सचिव अर्पित केशरवानी ने विश्वविद्यालय प्रबंधन से परीक्षा की तिथि आगे बढ़ाने की मांग करने का कारण बताते हुए कहा कि इस समय बिलासपुर समेत प्रदेश और देश में कोरोना अपने विकराल रूप में है. जिसके कारण रोजाना हजारों लोग कोरोना की चपेट में आ रहे हैं. ऐसी स्थिति में विश्वविद्यालय का 25 मई से प्रस्तावित ऑनलाइन परीक्षा लेने का निर्णय इस वक्त सही नहीं है.
छत्तीसगढ़ HC ने आयुष यूनिवर्सिटी की बीडीएस और एमडीएस परीक्षा पर 7 जून तक लगाई रोक
अर्पित केशरवानी ने कहा कि कोरोना के बढ़ते आंकड़ों के बीच परीक्षा से ज्यादा छात्रों के लिए घर में रहकर परिवार सहित खुद को सुरक्षित रखना जरूरी है. कोरोना के प्रभाव को रोकने के लिए प्रदेश में लॉकडाउन लगा हुआ है, साथ ही कई छात्र या उनके परिजन कोरोना पॉजिटिव हैं. ऐसे में छात्रों के पास परीक्षा की तैयारी के लिए जरूरत के सामानों की भी उपलब्धता नहीं है. ऐसी स्थिति में परीक्षा आयोजित करने से छात्रों को समस्याओं का सामना करना पड़ेगा. लिहाजा छात्र हित को ध्यान में रखकर एनएसयूआई ने परीक्षा की तिथि आगे बढ़ाने की मांग की है.
हाईकोर्ट ने आयुष यूनिवर्सिटी की परीक्षा पर लगाई रोक
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय (Chhattisgarh High Court ) ने रायपुर के आयुष यूनिवर्सिटी (Ayush University Chhattisgarh) की आयोजित होने वाली बीडीएस और एमएसडी की ऑफलाइन परीक्षा पर 7 जून तक रोक लगा दी है. मामले में दायर याचिका पर हाईकोर्ट समर विकेशन के बाद सुनवाई करेगा.
आयुष यूनिवर्सिटी की ऑफलाइन परीक्षा पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने लगाई रोक
मास्टर्स के साथ बैचलर ऑफ डेंटल सर्जन का एग्जाम यूनिवर्सिटी ने 3 मई से लेकर 13 मई के बीच आयोजित जाना था. जिसको लेकर यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राओं ने अपने वकील धीरज वानखेडे के जरिए हाईकोर्ट में याचिका दायर (Petition filed in high court) की थी. याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में कहा कि इस भीषण कोरोना काल में ऑफलाइन परीक्षा आयोजित करना गलत है. यूनिवर्सिटी के इस निर्णय से कई छात्र छात्राओं पर संक्रमण का खतरा बन जाएगा. इसलिए हाईकोर्ट यूनिवर्सिटी के इस निर्णय पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाए.