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रिटायर्ड लेखपाल हेमलता द्विवेदी की याचिका पर सुनवाई,  HC  ने दिया सरकार को नोटिस - Bilaspur High notice state government

रिटायर्ड लेखपाल हेमलता द्विवेदी को मिलने वाले फायदे जैसे प्रोविडेंट फंड की राशि, पेंशन, फैमिली बेनिफिट नहीं दिए जाने पर उन्होंने बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. केस की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है.

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बिलासपुर हाईकोर्ट
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Published : Jun 7, 2020, 7:23 AM IST

बिलासपुर : रायपुर की रिटायर्ड लेखपाल हेमलता द्विवेदी की याचिका पर बिलासपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. हेमलता द्विवेदी निर्वाचन कार्यालय रायपुर से 31 जुलाई 2018 को लेखपाल के पद से रिटायर हुई थीं.

दरअसल, उनके विभाग ने रिटायरमेंट के बाद दिए जाने वाले लाभ जैसे की प्रोविडेंट फंड की राशि, पेंशन, फैमिली बेनिफिट रोक लगा दी है. इसकी वजह विभाग ने चुनाव कार्य में लगे वाहनों के भुगतान में हेमलता द्विवेदी की ओर से की गई गड़बड़ी को बताया है. विभाग की ओर से उठाए गए इस कदम के खिलाफ हेमलता द्विवेदी ने विभाग प्रमुख को कई बार आवेदन दिए. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसके बाद हेमलता द्विवेदी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

पढ़ें : बिलासपुर गैंगरेप केस: पीड़िता ने आरोपियों को पहचाना, मजिस्ट्रियल बयान दर्ज

शासन से मांगा गया जवाब

याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने शासन को नोटिस जारी किया था. नोटिस मिलते ही याचिकाकर्ता के खिलाफ विभाग ने आरोप पत्र जारी कर दिया. आरोप पत्र को याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में फिर से चुनौती दी. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता निर्वाचन आयोग कि रिटायर्ड लेखपाल है. याचिकाकर्ता को आरोप पत्र जारी करने के पहले राज्यपाल से अनुमति लेना जरूरी है. हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

बिलासपुर : रायपुर की रिटायर्ड लेखपाल हेमलता द्विवेदी की याचिका पर बिलासपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. हेमलता द्विवेदी निर्वाचन कार्यालय रायपुर से 31 जुलाई 2018 को लेखपाल के पद से रिटायर हुई थीं.

दरअसल, उनके विभाग ने रिटायरमेंट के बाद दिए जाने वाले लाभ जैसे की प्रोविडेंट फंड की राशि, पेंशन, फैमिली बेनिफिट रोक लगा दी है. इसकी वजह विभाग ने चुनाव कार्य में लगे वाहनों के भुगतान में हेमलता द्विवेदी की ओर से की गई गड़बड़ी को बताया है. विभाग की ओर से उठाए गए इस कदम के खिलाफ हेमलता द्विवेदी ने विभाग प्रमुख को कई बार आवेदन दिए. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसके बाद हेमलता द्विवेदी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

पढ़ें : बिलासपुर गैंगरेप केस: पीड़िता ने आरोपियों को पहचाना, मजिस्ट्रियल बयान दर्ज

शासन से मांगा गया जवाब

याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने शासन को नोटिस जारी किया था. नोटिस मिलते ही याचिकाकर्ता के खिलाफ विभाग ने आरोप पत्र जारी कर दिया. आरोप पत्र को याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में फिर से चुनौती दी. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता निर्वाचन आयोग कि रिटायर्ड लेखपाल है. याचिकाकर्ता को आरोप पत्र जारी करने के पहले राज्यपाल से अनुमति लेना जरूरी है. हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

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