बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के चुनावी मैदान में अब निषाद पार्टी भी जगह तलाश रही है. इस पार्टी ने 41 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है. दरअसल, प्रदेश में मछुआ समाज के निषाद, केवट, धीवर समाज के लगभग 27 लाख मतदाता है. इस लिहाज से प्रदेश के 65 विधानसभाओं में समाज के लोगों की संख्या अधिक है. शनिवार को निषाद पार्टी के राष्ट्रीय सचिव संजय सिंह राजपूत ने इस बात की पुष्टि की है.
बीजेपी ने नहीं दिया साथ तो अकेले लड़ेंगे चुनाव: दरअसल, संजय सिंह पार्टी पदाधिकारियों के साथ बिलासपुर पहुंचे. उन्होंने भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की बात कही. निषाद पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभारी संजय सिंह राजपूत ने कहा कि, "अगर आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से उनकी पार्टी को समर्थन नहीं मिला, तो चुनाव में पार्टी अकेले ही 41 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी. मछुआ समाज की जनसंख्या प्रदेश में तकरीबन 27 लाख है. समाज में 16 जातियों का समावेश है, जिनकी अलग-अलग विधानसभा सीटों पर 20 से 65 हजार तक जनसंख्या है. केंद्र सरकार में निषाद पार्टी भाजपा के साथ गठबंधन का हिस्सा है. इसके बाद भी प्रदेश में सीटों के बंटवारे में पार्टी को निराशा ही हाथ लगी है. पार्टी प्रदेश के 41 विधानसभाओं पर चुनाव लड़ने की अपनी पूरी तैयारी कर चुकी है."
यदि भाजपा उनकी पार्टी को छत्तीसगढ़ में सम्मान नहीं देगी तो हम स्वतंत्र रूप से प्रदेश की 41 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. -संजय सिंह राजपूत, राष्ट्रीय सचिव, निषाद पार्टी
कांग्रेस पर बोला हमला: इसके साथ ही संजय सिंह राजपूत ने राज्य की बघेल सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कांग्रेस सरकार घोटालों की सरकार बताया. साथ ही कहा कि, " कांग्रेस सरकार को हराने के लिए पार्टी भाजपा के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना चाहती थी. लेकिन भाजपा इस बार भी पार्टी को टिकट देने में भेदभाव करेगी तो विधानसभा चुनाव में 41 सीटों पर निषाद पार्टी के प्रत्याशी उतारे जाएंगे."
बसपा में विलय होने का किया खंडन: प्रदेश प्रभारी संजय राजपूत ने कहा कि, "निषाद पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार निषाद ने सात दिन पहले ही पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. वे बेमेतरा से चुनाव लड़ना चाहते थे और बीजेपी और निषाद पार्टी के गठबंधन में सीट की मांग कर रहे थे. उन्होंने अकेले ही बहुजन समाज पार्टी की सदस्यता ले ली है. उनके साथ निषाद पार्टी का कोई भी पदाधिकारी और कार्यकर्ता बसपा में शामिल नहीं हुआ है. निषाद पार्टी के बसपा में शामिल होने की घोषणा अफवाह है."
बता दें कि अन्य पार्टियों की तरह निषाद पार्टी भी प्रदेश में अपनी जगह बनाने की कोशिश में हैं. इस बीच प्रदेश दो प्रमुख पार्टी बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही चुनाव में असली मुकाबला दिख रहा है. वहीं, निषाद पार्टी ने क्लियर किया है कि अगर बीजेपी ने साथ नहीं दिया तो वो 41 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.