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झीरम कांड: एनआईए ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा, दरभा थाने में दर्ज FIR को चुनौती

झीरम कांड में शहीद उदय मुदलियार के बेटे जितेंद्र मुदलियार ने दरभा थाने में FIR दर्ज कराई है. इसे लेकर NIA एक बार फिर हाईकोर्ट पहुंच गई है. केस की सुनवाई के दौरान NIA के वकील ने जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा है.

High Court
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Published : Mar 10, 2021, 9:17 PM IST

बिलासपुर: झीरम कांड को लेकर NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने एक बार फिर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. NIA की ओर से दायर याचिका में दरभा थाने में दर्ज FIR को चुनौती दी गई है. यह FIR झीरम हमले में मारे गए पूर्व विधायक उदय मुदलियार के बेटे ने दर्ज कराई है. केस की सुनवाई के दौरान NIA के वकील ने जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा है.

दरभा थाने में दर्ज FIR को पहले NIA ने निचली अदालत में चुनौती दी थी, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया था. इसके बाद NIA ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. इसमें कहा गया है कि वह केंद्रीय स्तर की जांच एजेंसी है. वह मामले की जांच पहले ही कर चुकी है. ऐसे में राज्य शासन को अधिकार नहीं है कि फिर से उसी मामले में अपराध दर्ज कराकर जांच कराए.

झीरम हमला: प्रत्यक्षदर्शी दौलत रोहड़ा, लेखिका प्रीति और वरिष्ठ पत्रकार से खास बातचीत

हमला नहीं राजनीतिक षड्यंत्र था

केस में जितेंद्र मुदलियार ने हाईकोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की है. उनके वकील संदीप दुबे का कहना है कि झीरम हमला सामान्य नक्सली घटना नहीं है. बल्कि, यह एक राजनीतिक षड्यंत्र के तहत कराया गया है. उन्होंने याचिकाकर्ता जितेंद्र को भी पक्षकार बनाने का आग्रह किया है.

30 लोगों की हुई थी हत्या

25 मई 2013 को हुए झीरम घाटी हमले में प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख नेताओं सहित 30 लोगों की नक्सलियों ने हत्या कर दी थी. इसके बाद पूर्व की BJP सरकार ने मामले की जांच NIA को सौंप दी थी. प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद पूर्व विधायक उदय मुदलियार के बेटे जितेंद्र मुदलियार ने घटना के पीछे षड्यंत्र होने का आरोप लगाते हुए मई 2020 को दरभा थाने में FIR दर्ज कराई है.

बिलासपुर: झीरम कांड को लेकर NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने एक बार फिर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. NIA की ओर से दायर याचिका में दरभा थाने में दर्ज FIR को चुनौती दी गई है. यह FIR झीरम हमले में मारे गए पूर्व विधायक उदय मुदलियार के बेटे ने दर्ज कराई है. केस की सुनवाई के दौरान NIA के वकील ने जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा है.

दरभा थाने में दर्ज FIR को पहले NIA ने निचली अदालत में चुनौती दी थी, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया था. इसके बाद NIA ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. इसमें कहा गया है कि वह केंद्रीय स्तर की जांच एजेंसी है. वह मामले की जांच पहले ही कर चुकी है. ऐसे में राज्य शासन को अधिकार नहीं है कि फिर से उसी मामले में अपराध दर्ज कराकर जांच कराए.

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हमला नहीं राजनीतिक षड्यंत्र था

केस में जितेंद्र मुदलियार ने हाईकोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की है. उनके वकील संदीप दुबे का कहना है कि झीरम हमला सामान्य नक्सली घटना नहीं है. बल्कि, यह एक राजनीतिक षड्यंत्र के तहत कराया गया है. उन्होंने याचिकाकर्ता जितेंद्र को भी पक्षकार बनाने का आग्रह किया है.

30 लोगों की हुई थी हत्या

25 मई 2013 को हुए झीरम घाटी हमले में प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख नेताओं सहित 30 लोगों की नक्सलियों ने हत्या कर दी थी. इसके बाद पूर्व की BJP सरकार ने मामले की जांच NIA को सौंप दी थी. प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद पूर्व विधायक उदय मुदलियार के बेटे जितेंद्र मुदलियार ने घटना के पीछे षड्यंत्र होने का आरोप लगाते हुए मई 2020 को दरभा थाने में FIR दर्ज कराई है.

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