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बिल्हा में युवक की खुदकुशी मामले में छत्तीसगढ़ डीजीपी को NHRC का नोटिस

NHRC notice to Chhattisgarh DGP बिलासपुर के बिल्हा में युवक की खुदकुशी मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भी कूद पड़ा है. मीडिया रिपोर्ट को संज्ञान में लेते हुए आयोग ने छत्तीसगढ़ डीजीपी को नोटिस जारी कर चार हफ्ते के अंदर जवाब देने को कहा है. आयोग ने कहा "पुलिस कर्मियों के असंवेदनशील और अमानवीय रवैये के कारण एक अनमोल मानव जीवन खो गया". suicide case bilha

NHRC notice to Chhattisgarh DGP
छत्तीसगढ़ डीजीपी को नोटिस
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Published : Dec 2, 2022, 4:21 PM IST

बिलासपुर: नेशनल ह्यूमन राइट्स काउंसिल ऑफ इंडिया ने बिलासपुर के बिल्हा थाने में पुलिस पिटाई के बाद युवक की खुदकुशी मामले में छत्तीसगढ़ डीजीपी को नोटिस जारी किया है. नोटिस में मामले से जुड़े तथ्यों के साथ जवाब देने कहा है. सोमवार को बिल्हा थाना क्षेत्र के भैंसबोड के युवक ने ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली थी. इस मामले में परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि पुलिस ने मामूली बात पर बेटे और पिता की पिटाई की थी. जिससे आत्मग्लानि में पुत्र ने ये कहते हुए आत्महत्या कर ली कि उसकी वजह से उसके पिता की पिटाई हुई और अब वह जीना नहीं चाहता.

डीजीपी से चार सप्ताह में मांगा जवाब: आयोग ने छत्तीसगढ़ पुलिस के डीजीपी को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह के भीतर मामले में जिम्मेदार पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई सहित विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. आयोग ने छत्तीसगढ़ के लिए अपने विशेष प्रतिवेदक उमेश कुमार शर्मा को छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में संबंधित पुलिस स्टेशन का दौरा करने के लिए कहा है. ताकि यह पता लगाया जा सके कि डीके बसु बनाम पश्चिम बंगाल राज्य 1997 (1) SCC 416 का संबंधित जिले के पुलिस अधिकारियों द्वारा उल्लंघन किया गया है और लोक सेवक की अभियोज्यता का पता लगाने के लिए, जिसने पीड़ित को यातना के तहत रखा था, जो संवैधानिक रूप से निषिद्ध है और इसके खिलाफ जाता है.

Bilaspur News: पोस्टमार्टम के 48 घंटे बाद माने परिजन, खुदकुशी करने वाले युवक का अंतिम संस्कार, पुलिसकर्मी सस्पेंड

एनएचआरसी ने ट्वीट के माध्यम से क्या कहा: एनएचआरसी इंडिया अपने ऑफिसियल ट्विटर के माध्यम से छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक को नोटिस देने की सूचना दी. एनएचआरसी ने कहा कि "निर्दयता का अपमान सहन न कर पाने वाले युवक ने की आत्महत्या कर ली. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, NHRC, भारत ने एक मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया है कि एक 23 वर्षीय व्यक्ति ने चलती ट्रेन के सामने कूद कर आत्महत्या कर ली, क्योंकि वह अपने पिता को पीटते हुए देखने का अपमान सहन नहीं कर सका. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के एक थाने में पुलिस कर्मियों द्वारा निर्दयतापूर्वक हत्या कर दी गयी. आयोग ने देखा है कि मीडिया रिपोर्ट की सामग्री, यदि सत्य है, तो पीड़ितों के जीवन और सम्मान के अधिकार का उल्लंघन है. पुलिस कर्मियों के स्पष्ट असंवेदनशील और अमानवीय रवैये के कारण एक अनमोल मानव जीवन खो गया है.

आखिर क्यों मौत के 2 महीने बाद पुलिस को खोदनी पड़ी कब्र ?

ये है पूरा मामला: बिलासपुर के बिल्हा थाना क्षेत्र में के भैंस बोर्ड में रहने वाले हरिश्चन्द्र गेंदले की बाइक एक सायकल सवार छात्रा से टकरा गई थी. छात्रा के मौखिक शिकायत के बाद बिल्हा थाना स्टाफ ने युवक के पिता को थाने में बिठा लिया था. परिजनों ने आरोप लगाया है कि मृतक के पिता के साथ मारपीट किया गया. इस पर युवक पिता की मारपीट की जानकारी लगने पर थाना पहुंचा, तब उसके सामने उसके पिता को आरक्षक द्वारा पीटा गया और इस वजह से युवक ने ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली.

बिलासपुर: नेशनल ह्यूमन राइट्स काउंसिल ऑफ इंडिया ने बिलासपुर के बिल्हा थाने में पुलिस पिटाई के बाद युवक की खुदकुशी मामले में छत्तीसगढ़ डीजीपी को नोटिस जारी किया है. नोटिस में मामले से जुड़े तथ्यों के साथ जवाब देने कहा है. सोमवार को बिल्हा थाना क्षेत्र के भैंसबोड के युवक ने ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली थी. इस मामले में परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि पुलिस ने मामूली बात पर बेटे और पिता की पिटाई की थी. जिससे आत्मग्लानि में पुत्र ने ये कहते हुए आत्महत्या कर ली कि उसकी वजह से उसके पिता की पिटाई हुई और अब वह जीना नहीं चाहता.

डीजीपी से चार सप्ताह में मांगा जवाब: आयोग ने छत्तीसगढ़ पुलिस के डीजीपी को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह के भीतर मामले में जिम्मेदार पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई सहित विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. आयोग ने छत्तीसगढ़ के लिए अपने विशेष प्रतिवेदक उमेश कुमार शर्मा को छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में संबंधित पुलिस स्टेशन का दौरा करने के लिए कहा है. ताकि यह पता लगाया जा सके कि डीके बसु बनाम पश्चिम बंगाल राज्य 1997 (1) SCC 416 का संबंधित जिले के पुलिस अधिकारियों द्वारा उल्लंघन किया गया है और लोक सेवक की अभियोज्यता का पता लगाने के लिए, जिसने पीड़ित को यातना के तहत रखा था, जो संवैधानिक रूप से निषिद्ध है और इसके खिलाफ जाता है.

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एनएचआरसी ने ट्वीट के माध्यम से क्या कहा: एनएचआरसी इंडिया अपने ऑफिसियल ट्विटर के माध्यम से छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक को नोटिस देने की सूचना दी. एनएचआरसी ने कहा कि "निर्दयता का अपमान सहन न कर पाने वाले युवक ने की आत्महत्या कर ली. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, NHRC, भारत ने एक मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया है कि एक 23 वर्षीय व्यक्ति ने चलती ट्रेन के सामने कूद कर आत्महत्या कर ली, क्योंकि वह अपने पिता को पीटते हुए देखने का अपमान सहन नहीं कर सका. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के एक थाने में पुलिस कर्मियों द्वारा निर्दयतापूर्वक हत्या कर दी गयी. आयोग ने देखा है कि मीडिया रिपोर्ट की सामग्री, यदि सत्य है, तो पीड़ितों के जीवन और सम्मान के अधिकार का उल्लंघन है. पुलिस कर्मियों के स्पष्ट असंवेदनशील और अमानवीय रवैये के कारण एक अनमोल मानव जीवन खो गया है.

आखिर क्यों मौत के 2 महीने बाद पुलिस को खोदनी पड़ी कब्र ?

ये है पूरा मामला: बिलासपुर के बिल्हा थाना क्षेत्र में के भैंस बोर्ड में रहने वाले हरिश्चन्द्र गेंदले की बाइक एक सायकल सवार छात्रा से टकरा गई थी. छात्रा के मौखिक शिकायत के बाद बिल्हा थाना स्टाफ ने युवक के पिता को थाने में बिठा लिया था. परिजनों ने आरोप लगाया है कि मृतक के पिता के साथ मारपीट किया गया. इस पर युवक पिता की मारपीट की जानकारी लगने पर थाना पहुंचा, तब उसके सामने उसके पिता को आरक्षक द्वारा पीटा गया और इस वजह से युवक ने ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली.

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