बिलासपुरः छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बिलासपुर (Bilaspur) नगर निगम (Municipal corporation) पर पूर्व महापौर (Former mayor) ने स्मार्ट सिटी (Smart City) के नाम पर पैसों का दुरुपयोग(Misusing money) करने का आरोप लगाया है. पूर्व महापौर का आरोप है कि स्मार्ट सिटी के नाम पर नगर निगम सड़कों के किनारे सौंदर्यीकरण के नाम पर पैसों की बर्बादी कर रही है. शहर के मूलभूत सुविधाओं पर निगम का ध्यान नहीं जा रहा है. बल्कि स्मार्ट सिटी बनाने के नाम पर करोड़ों रुपये सौंदर्यीकरण में फूंके जा रहे है.
2 अक्टूबर को लागू हुई थी स्मार्ट सिटी योजना
बता दें कि पीएम मोदी ने 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन पूरे देश में स्मार्ट सिटी योजना (Smart city plan) लागू की थी. वहीं, जो शहर इस योजना के तहत स्मार्ट सिटी का दर्जा प्राप्त किया है, उसमें छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर का भी नाम है. बताया जा रहा है कि, स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर में मूलभूत सुविधाओं के साथ शहर के नागरिकों के लिए स्मार्ट सुविधा को मुहैया कराने की योजना भी है. हालांकि बिलासपुर स्मार्ट सिटी परियोजना के अधिकारी केवल शासन से मिले पैसों का दुरुपयोग कर रहे हैं. सड़क के किनारे की जमीन पर कलाकृति और रंग रोगन कर सुंदरीकरण का काम कर करोड़ों खर्च किया जा रहे हैं, लेकिन इससे लोगों को कोई स्मार्ट सुविधा नहीं मुहैया हो रही है.
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पार्किंग के लिए भी नहीं है जगह
पूर्व महापौर ने नगर निगम पर आरोप लगाया कि स्मार्ट सड़क के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है. जगह-जगह नालियां टूट चुकी हैं और बारिश में सड़कों पर पानी भर जा रहा है. इसके अलावा कई योजनाएं स्मार्ट सिटी के नाम पर शुरू होनी थी, लेकिन निगम केवल सौंदर्यीकरण को ही ध्यान में रखकर काम कर रहा है. ऐसे में न तो शहर स्मार्ट दिख रहा है और न लोगों को मूलभूत सुविधायें मिल पा रही है. लोगों के पास पार्किंग तक के लिए भी जगह नहीं उलपब्ध हो पा रही है.
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के नाम पर खानापूर्ति
इसके साथ ही पूर्व महापौर किशोर राय ने कहा कि जिस तरह से स्मार्ट सिटी का काम होना चाहिए वैसा नहीं किया जा रहा है. नगर निगम स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत केवल खानापूर्ति कर सौंदर्यीकरण ही कर रहा है.ऐसे में केंद्र शासन से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट और बिलासपुर में चल रहे सौंदर्यीकरण की शिकायत कर संपूर्ण बड़ी परियोजना की जांच के लिए केंद्र शासन को पत्र लिख रहे हैं और जितनी राशि खर्च की गई है उसका विवरण लेने की बात कह रहे हैं ताकि शहर स्मार्ट बने तो यहां के लोगों को भी स्मार्ट सुविधाएं मिल सके.
नहीं दिख रहा स्मार्ट काम
बताया जा रहा है कि बिलासपुर में स्मार्ट सिटी का काम केवल कुछ ही सड़कों और इलाकों में दिख रहा है. वहीं, स्ट्रीट लाइट की सुविधा नहीं है. इसके अलावा नालियों का तो नामोनिशान भी नहीं है. वहीं, सड़कें उबड़-खाबड़ और धूल भरी हो गई है. जिससे रोजाना राहगीरों को आने-जाने में काफी तकलीफ से होती है . वहीं, न तो सड़कों पर पानी की व्यवस्था है न ही लोगों के ठहरने की व्यवस्था. आम लोगों को कोई सुविधा मुहैया नहीं किया जा रहा है.
मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं आम लोग
वहीं, निगम के अफसर केवल सरकारी भवनों की बाउंड्री वॉल पर कलाकृति तैयार करवा रहे हैं. शहर में पार्किंग के नाम पर ऐसी कोई जगह नहीं है, जहां लोग बाजार निकले तो अपनी गाड़ियों को पार्क कर खरीदी कर सके. शहर की सड़कें बेजा कब्जा से पट गई है और आवागमन में जाम की समस्या बढ़ गई है. लेकिन इधर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है. ऐसे में क्या इस तरह के शहर को स्मार्ट सिटी कहा जा सकता है? जहां आम लोगों को मूलभूत सुविधा भी न मिले.