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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से घोटाले के आरोप में बर्खास्त अध्यक्ष को मिली राहत, मुंगेली नगर पालिका का मामला - मुंगेली नगर पालिका परिषद

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने नाली घोटाले के आरोप में मुंगेली बर्खास्त अध्यक्ष को जमानत दे दी है. मुंगेली नगर पालिका का मामला है.

Chhattisgarh High Court
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
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Published : Jan 21, 2022, 10:43 PM IST

रायपुर: बिलासपुर हाईकोर्ट मुंगेली नगर पालिका परिषद के बहुचर्चित नाली घोटाले के आरोपी और बर्खास्त अध्यक्ष संतुलाल सोनकर को नियमित जमानत पर छोड़ने का आदेश दिया है.

यह भी पढ़ें: आय से अधिक संपत्ति का मामला: पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह और उनकी पत्नी को हाईकोर्ट से मिली राहत

जानें पूरा मामला

मुंगेली नगर पालिका परिषद के परमहंस वार्ड में 300 मीटर नाली निर्माण का ठेका एक कंस्ट्रकशन कम्पनी दिया गया था. मौके पर नाली बनाए बिना ही ठेकेदार को 13 लाख 21 हजार रुपए भुगतान कर दिया गया. कांग्रेस पार्षदों ने कलेक्टर व विभागीय मंत्री से इसकी शिकायत की. जांच के बाद अध्यक्ष संतुलाल सोनकर, लेखपाल, तत्कालीन सीईओ, ठेकेदार समेत 6 के खिलाफ जुर्म दर्ज किया गया. बीते दिनों संतु लाल सोनकर ने न्यायालय में सरेंडर किया था. पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर जेल दाखिल किया है.

9 नवम्बर 2021 से जेल में बंद आरोपी ने हाईकोर्ट में जमानत आवेदन प्रस्तुत किया. आवेदन में कहा गया कि छत्तीसगढ़ नगर पालिका एकाउंटेंट 1970 के रुल 148 व 49 में स्पष्ट प्रावधान है. जिसमें ठेकेदार कार्य प्रारंभ करने के बाद बिल प्रस्तुत करेगा. इसके बाद सीएमओ सहित अन्य अधिकारी निर्माण कार्य का निरीक्षण कर भुगतान करेंगे. याचिकाकर्ता निर्दोष है. आज जस्टिस गौतम भादुड़ी ने सुनवाई के बाद आरोपी को नियमित जमानत दे दी है.

रायपुर: बिलासपुर हाईकोर्ट मुंगेली नगर पालिका परिषद के बहुचर्चित नाली घोटाले के आरोपी और बर्खास्त अध्यक्ष संतुलाल सोनकर को नियमित जमानत पर छोड़ने का आदेश दिया है.

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मुंगेली नगर पालिका परिषद के परमहंस वार्ड में 300 मीटर नाली निर्माण का ठेका एक कंस्ट्रकशन कम्पनी दिया गया था. मौके पर नाली बनाए बिना ही ठेकेदार को 13 लाख 21 हजार रुपए भुगतान कर दिया गया. कांग्रेस पार्षदों ने कलेक्टर व विभागीय मंत्री से इसकी शिकायत की. जांच के बाद अध्यक्ष संतुलाल सोनकर, लेखपाल, तत्कालीन सीईओ, ठेकेदार समेत 6 के खिलाफ जुर्म दर्ज किया गया. बीते दिनों संतु लाल सोनकर ने न्यायालय में सरेंडर किया था. पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर जेल दाखिल किया है.

9 नवम्बर 2021 से जेल में बंद आरोपी ने हाईकोर्ट में जमानत आवेदन प्रस्तुत किया. आवेदन में कहा गया कि छत्तीसगढ़ नगर पालिका एकाउंटेंट 1970 के रुल 148 व 49 में स्पष्ट प्रावधान है. जिसमें ठेकेदार कार्य प्रारंभ करने के बाद बिल प्रस्तुत करेगा. इसके बाद सीएमओ सहित अन्य अधिकारी निर्माण कार्य का निरीक्षण कर भुगतान करेंगे. याचिकाकर्ता निर्दोष है. आज जस्टिस गौतम भादुड़ी ने सुनवाई के बाद आरोपी को नियमित जमानत दे दी है.

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