बिलासपुर : नगर निगम के विस्तार के बाद स्थानीय कांग्रेस नेताओं में ही परिसीमन को लेकर बागी रुख देखने को मिल रहे हैं. कांग्रेस विधायक शैलेष पांडेय ने ETV भारत से बातचीत करते हुए परिसीमन की प्रक्रिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि, 'परिसीमन के दौरान स्थानीय प्रतिनिधियों की भावनाओं को दरकिनार किया गया है, जिसकी शिकायत सीएम से की जाएगी'.
विधायक ने सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि, 'कुछ लोगों ने अपने स्वार्थ के लिए बिना स्थानीय प्रतिनिधियों को संज्ञान में लिए बंद कमरे में परिसीमन की प्रक्रिया पूरी कर दी. ऐसा करके परोक्ष रूप से भाजपा को फायदा पहुंचाया गया है'.
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'चुनाव में हो सकता है नुकसान'
उन्होंने कहा कि, 'बगैर स्थानीय पार्षदों की रायशुमारी के परिसीमन की प्रक्रिया पूरी की गई है, जिसका नुकसान आगे स्थानीय निकाय चुनाव में भी भुगतना पड़ सकता है'.
दावा-आपत्ति खारिज की गई
बता दें कि परिसीमन को लेकर दावा-आपत्ति भी मंगाई गई थीं, लेकिन स्थानीय प्रतिनिधियों का आरोप है कि, 'इन दावा-आपत्तियों को भी नजरअंदाज किया गया है'.
4 वार्ड बढ़े
बिलासपुर में अब निगम के विस्तार के बाद कुल 70 वार्ड हो गए हैं. विस्तार के बाद कुल 4 वार्डों की बढ़ोतरी हुई है, जिसमें मंगला, तिफरा, सकरी जैसे नजदीक के ग्रामीण क्षेत्र भी शामिल किए गए हैं.