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मानसून का संदेशा लेकर आए प्रवासी पक्षियों को देखने उमड़े लोग - khutaghat dam

मानसून का प्रतीक माने जाने वाले जंगहिल पक्षी हजारों किलोमीटर की यात्रा कर बिलासपुर पहुंचे हैं. रतनपुर में इन पक्षियों का जमघट लगा हुआ है. जिसे देखने के लिए पर्यावरण और प्रकृति प्रेमी लगातार यहां पहुंच रहे हैं.

Migratory birds arrive in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में प्रवासी पक्षियों का आगमन
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Published : Jun 17, 2020, 8:29 PM IST

बिलासपुर: मानसून का प्रतीक माने जाने वाले जंगहिल पक्षी जिन्हें अंग्रेजी में पेंटेड स्टॉर्क के रूप मे जाना जाता है. ये पक्षी इन दिनों बिलासपुर के रतनपुर में बड़ी संख्या में देखे जा सकते हैं. हजारों किलोमीटर की यात्रा कर जंगहिल नामक पक्षी रतनपुर और खूंटाघाट पहुंच रहे हैं, जहां पर्यावरण और प्रकृति प्रेमी इन्हें देखने के लिए आ रहे हैं. बता दें छत्तीसगढ़ में मानसून का आगमन हो चुका है. रतनपुर में प्रकृति के नियम को बहुत ही अनुशासित ढंग से पालन करने वाले पशु पक्षी पहुंच रहे हैं, जो हमारे लिए एक आदर्श प्रस्तुत कर रहे हैं.

संदेशा लेकर आए प्रवासी पक्षी

प्रतिवर्ष एक निश्चित समय में निश्चित स्थान पर हजारों किलोमीटर की यात्रा करके ये पक्षी अपने उसी स्थान पर पहुंचते हैं , जहां वे पिछले कई साल से आ रहे हो और सबसे बड़ी आश्चर्य की बात तो ये है कि अपना प्रवास काल व्यतीत करने के बाद इनके बच्चे वापस जाते समय रास्ते की अगुवाई करते हैं और इनमें अनुवांशिक रूप से यह गुण आ जाता है.

मानसून के साथ छत्तीसगढ़ में सारस पक्षियों का आगमन

हर साल मानसून के साथ-साथ पूरे छत्तीसगढ़ में जंगहिल सारस प्रजाति का यह पक्षी आकाश में मंडराने लगता है और जैसे ही यह पक्षी यहां पर दिखाई देता है तो किसानों के चेहरे पर रौनक आ जाती है. इन पक्षियों के आने से किसानों को आभास हो जाता है कि बहुत ही जल्द प्रदेश में मानसून का आगमन होने वाला है. वे अपने खेती करने की तैयारी शुरू कर देते हैं.

लंबी दूरी तय कर छत्तीसगढ़ पहुंचते हैं सारस परिवार

बता दें की सारस परिवार और सीको नेड़ी परिवार का यह सदस्य प्रति वर्ष इंडोनेशिया, श्रीलंका, पाकिस्तान, केरल से लंबी दूरी तय करते हुए छत्तीसगढ़ के सभी स्थानों में पहुंचते है. इन्हे जंगल के बड़े-बड़े तालाब और बांध के आसपास देखा जा सकता है. आसमान में स्थिर पंखों से उड़ान भरते हुए इनको बहुत आसानी के साथ पहचाना जा सकता है. वही इनकी टांगे लंबी और टांगों का निचला भाग बाल रहित होता है. गर्दन लंबी और भारी होने के साथ-साथ आगे की ओर पतली होती है. उड़ते हुए ये पक्षी आसानी से पहचाने जा सकते हैं.

गिद्ध जैसा होता है इन पक्षियों का आकार

इस पक्षी का आकार गिद्ध के आकार जैसा होता है और इनके ऊपर की तरफ चमकदार हरापन और काले काले रंग के निशान होते हैं और इनकी छाती पर काली काली पट्टी बनी होती है जिसे अंग्रेजी में 'पेंटेड स्टॉर्क' कहते हैं. इसका कारण ये है की इसकी पूंछ मुलायम हल्के गुलाबी रंग की होती हैं और मुंह का रंग चिकना पीला होता है यह चिड़िया झीलों और दलदल के आस पास समूहों में पाई जाती है.

बिलासपुर: मानसून का प्रतीक माने जाने वाले जंगहिल पक्षी जिन्हें अंग्रेजी में पेंटेड स्टॉर्क के रूप मे जाना जाता है. ये पक्षी इन दिनों बिलासपुर के रतनपुर में बड़ी संख्या में देखे जा सकते हैं. हजारों किलोमीटर की यात्रा कर जंगहिल नामक पक्षी रतनपुर और खूंटाघाट पहुंच रहे हैं, जहां पर्यावरण और प्रकृति प्रेमी इन्हें देखने के लिए आ रहे हैं. बता दें छत्तीसगढ़ में मानसून का आगमन हो चुका है. रतनपुर में प्रकृति के नियम को बहुत ही अनुशासित ढंग से पालन करने वाले पशु पक्षी पहुंच रहे हैं, जो हमारे लिए एक आदर्श प्रस्तुत कर रहे हैं.

संदेशा लेकर आए प्रवासी पक्षी

प्रतिवर्ष एक निश्चित समय में निश्चित स्थान पर हजारों किलोमीटर की यात्रा करके ये पक्षी अपने उसी स्थान पर पहुंचते हैं , जहां वे पिछले कई साल से आ रहे हो और सबसे बड़ी आश्चर्य की बात तो ये है कि अपना प्रवास काल व्यतीत करने के बाद इनके बच्चे वापस जाते समय रास्ते की अगुवाई करते हैं और इनमें अनुवांशिक रूप से यह गुण आ जाता है.

मानसून के साथ छत्तीसगढ़ में सारस पक्षियों का आगमन

हर साल मानसून के साथ-साथ पूरे छत्तीसगढ़ में जंगहिल सारस प्रजाति का यह पक्षी आकाश में मंडराने लगता है और जैसे ही यह पक्षी यहां पर दिखाई देता है तो किसानों के चेहरे पर रौनक आ जाती है. इन पक्षियों के आने से किसानों को आभास हो जाता है कि बहुत ही जल्द प्रदेश में मानसून का आगमन होने वाला है. वे अपने खेती करने की तैयारी शुरू कर देते हैं.

लंबी दूरी तय कर छत्तीसगढ़ पहुंचते हैं सारस परिवार

बता दें की सारस परिवार और सीको नेड़ी परिवार का यह सदस्य प्रति वर्ष इंडोनेशिया, श्रीलंका, पाकिस्तान, केरल से लंबी दूरी तय करते हुए छत्तीसगढ़ के सभी स्थानों में पहुंचते है. इन्हे जंगल के बड़े-बड़े तालाब और बांध के आसपास देखा जा सकता है. आसमान में स्थिर पंखों से उड़ान भरते हुए इनको बहुत आसानी के साथ पहचाना जा सकता है. वही इनकी टांगे लंबी और टांगों का निचला भाग बाल रहित होता है. गर्दन लंबी और भारी होने के साथ-साथ आगे की ओर पतली होती है. उड़ते हुए ये पक्षी आसानी से पहचाने जा सकते हैं.

गिद्ध जैसा होता है इन पक्षियों का आकार

इस पक्षी का आकार गिद्ध के आकार जैसा होता है और इनके ऊपर की तरफ चमकदार हरापन और काले काले रंग के निशान होते हैं और इनकी छाती पर काली काली पट्टी बनी होती है जिसे अंग्रेजी में 'पेंटेड स्टॉर्क' कहते हैं. इसका कारण ये है की इसकी पूंछ मुलायम हल्के गुलाबी रंग की होती हैं और मुंह का रंग चिकना पीला होता है यह चिड़िया झीलों और दलदल के आस पास समूहों में पाई जाती है.

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