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किसानों के समर्थन में उतरे कई संगठन, दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को बताया सही - बिलासपुर न्यूज

दिल्ली के बॉर्डर पर पिछले 25 दिनों से किसान संगठन केंद्र सरकार के लागू किए गए 3 कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. बिलासपुर में इन किसानों के समर्थन में सभा का आयोजन किया गया. जिसमें कई संगठन शामिल हुए.

farmers movement against agricultural laws at bilaspur
किसान आंदोलन के समर्थन में जुटे कई संगठन
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Published : Dec 20, 2020, 3:56 PM IST

बिलासपुर: नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में रविवार को विभिन्न संगठनों के सदस्य एक मंच पर नजर आए. अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति ने कृषि कानूनों के विरोध में आह्वान किया था. जिसके बाद कई किसान और समाजिक संगठन प्रदर्शन में शामिल हुए. किसान आंदोलन के दौरान जिन दर्जनों किसानों की मौत हुई उन्हें मौके पर श्रद्धांजलि दी गई. इस दौरन मंच से किसानों के समर्थन में संबोधन हुआ. किसान संगठनों ने केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों को गलत बताया है.

किसानों के समर्थन में उतरे कई संगठन

आंदोलन में जुटे लोगों का कहना है कि नए कृषि कानून के खिलाफ अब देशभर से लोग एकजुट हो रहे हैं. महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश जैसे बड़े राज्यों से बड़ी तादाद में लोग दिल्ली रवाना हो चुके हैं. इस महीने के आखिरी तक छत्तीसगढ़ से भी किसानों का जत्था दिल्ली की ओर कूच करेगा.

पढ़ें: कोरबा: किसान आंदोलन को मिला भूविस्थापित किसान कल्याण समिति का साथ

किसानों में नए कानूनों को लेकर असंतोष

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए 3 नए कृषि कानून देश में लागू किए हैं. इन कानूनों को लेकर किसानों में असंतोष है. किसान और सरकार के बीच मतभेद की स्थिति बन गई है. लिहाजा कई राज्यों से किसान दिल्ली की ओर जा रहे हैं. इसी आंदोलन के समर्थन में छत्तीसगढ़ के किसान संगठन भी अब एकजुट हो रहे हैं. इससे पहले भी राजधानी रायपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में किसान संगठन, कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों ने विरोध प्रदर्शन किया. किसान संगठनों का कहना है कि दिल्ली में आंदोलन कर रहे किसानों की मांग जायज है.

पढ़ें: रायपुर: राष्ट्रीय किसान समन्वय समिति की बैठक, किसान आंदोलन को समर्थन देने का फैसला

किसानों का मानना है कि इस नए कानून में न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा नहीं मिला है. इस तरह यह कानून पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने वाला कानून साबित होगा. इस कानून से खेती किसानी में ठेका प्रथा को बढ़ावा मिलेगा.

बिलासपुर: नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में रविवार को विभिन्न संगठनों के सदस्य एक मंच पर नजर आए. अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति ने कृषि कानूनों के विरोध में आह्वान किया था. जिसके बाद कई किसान और समाजिक संगठन प्रदर्शन में शामिल हुए. किसान आंदोलन के दौरान जिन दर्जनों किसानों की मौत हुई उन्हें मौके पर श्रद्धांजलि दी गई. इस दौरन मंच से किसानों के समर्थन में संबोधन हुआ. किसान संगठनों ने केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों को गलत बताया है.

किसानों के समर्थन में उतरे कई संगठन

आंदोलन में जुटे लोगों का कहना है कि नए कृषि कानून के खिलाफ अब देशभर से लोग एकजुट हो रहे हैं. महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश जैसे बड़े राज्यों से बड़ी तादाद में लोग दिल्ली रवाना हो चुके हैं. इस महीने के आखिरी तक छत्तीसगढ़ से भी किसानों का जत्था दिल्ली की ओर कूच करेगा.

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किसानों में नए कानूनों को लेकर असंतोष

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए 3 नए कृषि कानून देश में लागू किए हैं. इन कानूनों को लेकर किसानों में असंतोष है. किसान और सरकार के बीच मतभेद की स्थिति बन गई है. लिहाजा कई राज्यों से किसान दिल्ली की ओर जा रहे हैं. इसी आंदोलन के समर्थन में छत्तीसगढ़ के किसान संगठन भी अब एकजुट हो रहे हैं. इससे पहले भी राजधानी रायपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में किसान संगठन, कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों ने विरोध प्रदर्शन किया. किसान संगठनों का कहना है कि दिल्ली में आंदोलन कर रहे किसानों की मांग जायज है.

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किसानों का मानना है कि इस नए कानून में न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा नहीं मिला है. इस तरह यह कानून पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने वाला कानून साबित होगा. इस कानून से खेती किसानी में ठेका प्रथा को बढ़ावा मिलेगा.

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