बिलासपुर: हाईकोर्ट ने मनरेगा दैनिक वेतनभोगी कंप्यूटर ऑपरेटरों की दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए मनरेगा मुख्य कार्यपालन अधिकारी और कार्यक्रम अधिकारी गरियाबंद को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
बिना नोटिस के निकालने का विरोध
वहीं मामले की आगामी सुनवाई तक याचिकाकर्ताओं को काम दिए जाने का आदेश देते हुए नई नियुक्ति पर रोक लगा दी है. मामले की अगली सुनवाई 4 हफ्ते बाद होगी. दरअसल, गरियाबंद जिले के छोड़ा जनपद पंचायत के अंतर्गत मनरेगा में सालों से कार्यरत दैनिक वेतन भोगियों को बिना किसी नोटिस के मनमाने तरीके से निकाल दिया गया था, जिसके बाद कम्प्यूटर ऑपरेटर आशुतोष शर्मा, लखन चंद्राकर, समेत अन्य ने मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
चहेतों को काम पर रखने की साजिश का आरोप
याचिका में कहा गया है कि सालों से कार्यरत रहने के बावजूद सीईओ और प्रोजेक्ट ऑफिसर मनरेगा बिना किसी नोटिस के काम से निकाल दिया गया. साथ ही अपने चहेतों को काम पर रखने की साजिश की जा रही है. जबकि काम संतोषजनक रहा है. इस मामले पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है और आगामी सुनवाई तक काम दिए जाने का आदेश भी दिया है.