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महाशिवरात्रि पर बिलासपुर के अष्टमुखी शिव मंदिर में उमड़े श्रद्धालु

महाशिवरात्रि पर्व के अवसर पर हम आपको बिलासपुर के पौराणिक अष्टमुखी शिव मंदिर की महिमा के बारे में जानकारी दे रहे हैं. जानिए अष्टमुखी शिव मंदिर में पूजा अर्चना का क्या है महत्व.

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Published : Feb 21, 2020, 3:49 PM IST

Updated : Feb 22, 2020, 12:12 PM IST

महाशिवरात्रि पर बिलासपुर के अष्टमुखी शिव मंदिर में उमड़े श्रद्धालु
महाशिवरात्रि पर बिलासपुर के अष्टमुखी शिव मंदिर में उमड़े श्रद्धालु

बिलासपुर: महाशिवरात्रि पर बिलासपुर के अष्टमुखी मंदिर में ओम नमः शिवाय और हर-हर महादेव की गूंज हो रही है. यहां सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा है. अष्टमुखी शिव मंदिर में पूजा का खास महत्व है. इस मंदिर की महिमा सबसे अलग है इस वजह से यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.

महाशिवरात्रि पर बिलासपुर के अष्टमुखी शिव मंदिर में उमड़े श्रद्धालु

100 साल पुराना है मंदिर

इस मंदिर को पंचायती शिव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. यह मंदिर 100 साल पुराना है. ऐसी मान्यता है कि यहां पूजा अर्चना करने से सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है. स्थानीय लोगों के अलावा प्रदेश के दूसरे जिलों से भी श्रद्धालु यहां आते हैं. पहले इस मंदिर में एक छोटे से शिवलिंग को स्थापित किया गया था. लेकिन मंदिर के बढ़ते महत्व को देखते हुए दो दशक पहले इस मंदिर में एक विशाल शिवलिंग स्थापित किया गया है.

Ashtamukhi Shiva temple
शिवलिंग

10 फीट ऊंची है भगवान शिव की अष्टमुखी प्रतिमा

भगवान शिव के मोहक अष्टमुखी प्रतिमा को यहां चैतुरगढ़ से लाया गया था. जो कि 10 फीट ऊंची है. इस प्रतिमा की खासियत यह है कि इसमें शिव के आठ मुख को दर्शाया गया है,जिसके कारण ही श्रद्धालुओं में विशेष उत्सुकता बनी रहती है. यहां विशेषकर महाशिवरात्रि पर मेले जैसा माहौल हो जाता है. मध्यरात्रि में इस मंदिर में भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया जाता है.

श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं होती है पूरी

भगवान भोलेनाथ को आज के दिन विशेष लड्डुओं और खीर का भोग चढ़ाया जाता है. साथ ही प्रसाद के रूप में ठंडई बांटी जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस विशेष अष्टमुखी शिव के दर्शन के बाद भक्तों की तमाम मनोकामनाएं पूरी हो जाती है.

बिलासपुर: महाशिवरात्रि पर बिलासपुर के अष्टमुखी मंदिर में ओम नमः शिवाय और हर-हर महादेव की गूंज हो रही है. यहां सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा है. अष्टमुखी शिव मंदिर में पूजा का खास महत्व है. इस मंदिर की महिमा सबसे अलग है इस वजह से यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.

महाशिवरात्रि पर बिलासपुर के अष्टमुखी शिव मंदिर में उमड़े श्रद्धालु

100 साल पुराना है मंदिर

इस मंदिर को पंचायती शिव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. यह मंदिर 100 साल पुराना है. ऐसी मान्यता है कि यहां पूजा अर्चना करने से सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है. स्थानीय लोगों के अलावा प्रदेश के दूसरे जिलों से भी श्रद्धालु यहां आते हैं. पहले इस मंदिर में एक छोटे से शिवलिंग को स्थापित किया गया था. लेकिन मंदिर के बढ़ते महत्व को देखते हुए दो दशक पहले इस मंदिर में एक विशाल शिवलिंग स्थापित किया गया है.

Ashtamukhi Shiva temple
शिवलिंग

10 फीट ऊंची है भगवान शिव की अष्टमुखी प्रतिमा

भगवान शिव के मोहक अष्टमुखी प्रतिमा को यहां चैतुरगढ़ से लाया गया था. जो कि 10 फीट ऊंची है. इस प्रतिमा की खासियत यह है कि इसमें शिव के आठ मुख को दर्शाया गया है,जिसके कारण ही श्रद्धालुओं में विशेष उत्सुकता बनी रहती है. यहां विशेषकर महाशिवरात्रि पर मेले जैसा माहौल हो जाता है. मध्यरात्रि में इस मंदिर में भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया जाता है.

श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं होती है पूरी

भगवान भोलेनाथ को आज के दिन विशेष लड्डुओं और खीर का भोग चढ़ाया जाता है. साथ ही प्रसाद के रूप में ठंडई बांटी जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस विशेष अष्टमुखी शिव के दर्शन के बाद भक्तों की तमाम मनोकामनाएं पूरी हो जाती है.

Last Updated : Feb 22, 2020, 12:12 PM IST
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