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माघी पूर्णिमा पर लगी आस्था की डुबकी, की गई रुद्र शिव की आराधना

बिल्हा के प्राचीन गांव ताला में माघी पूर्णिमा पर मेले का आयोजन किया गया. इस मेले में दूर-दूर से आए श्रद्धालु शामिल हुए.

Maghi Purnima celebrated in Tala village bilha
माघी पूर्णिमा पर मेले का आयोजन
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Published : Feb 9, 2020, 6:32 PM IST

Updated : Feb 9, 2020, 7:32 PM IST

बिलासपुर/बिल्हा : माघी पूर्णिमा पर हर साल बिल्हा के ताला गांव में मेले का आयोजन किया जाता है. इस दिन सुबह से ही यहां श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो जाता है. श्रद्धालु मनियारी नदी में स्नान कर भगवान शिव की पूजा करते हैं. यहां विश्व विख्यात रुद्र शिव का मंदिर है. मंदिर में पूर्णिमा के दिन सुबह से ही भक्तों की लंबी कतार लग जाती है. इस दिन भगवान को प्रसन्न करने के लिए दूर-दूर से लोग यहां पहुंचते हैं.

माघी पूर्णिमा पर मेले का आयोजन

माघी पूर्णिमा पर ताला गांव में मेले का आयोजन किया जाता है. मेले में कई विभाग के स्टॉल भी लगाते हैं. यहां शासन की हितग्राही योजना की जानकारी देने के लिए भी स्टॉल लगाया गया है. इस एकदिवसीय मेले में आस-पास के गांवों के भी श्रद्धालु शामिल हुए.

ताला का पुरातत्विक महत्व
पांचवी-छठीं शताब्दी के प्राचीन केंद्र ताला को पर्यटन क्षेत्र घोषित किया गया है. इस जगह को यहां मौजूद रुद्र शिव की प्रतिमा की वजह से ख्याति मिली थी. पुरातन काल के बहुत से अवशेष आज भी देखने को मिलते हैं. इस प्राचीन क्षेत्र में हर साल महोत्सव का आयोजन बड़ी ही धूमधाम से किया जाता है.

बिलासपुर/बिल्हा : माघी पूर्णिमा पर हर साल बिल्हा के ताला गांव में मेले का आयोजन किया जाता है. इस दिन सुबह से ही यहां श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो जाता है. श्रद्धालु मनियारी नदी में स्नान कर भगवान शिव की पूजा करते हैं. यहां विश्व विख्यात रुद्र शिव का मंदिर है. मंदिर में पूर्णिमा के दिन सुबह से ही भक्तों की लंबी कतार लग जाती है. इस दिन भगवान को प्रसन्न करने के लिए दूर-दूर से लोग यहां पहुंचते हैं.

माघी पूर्णिमा पर मेले का आयोजन

माघी पूर्णिमा पर ताला गांव में मेले का आयोजन किया जाता है. मेले में कई विभाग के स्टॉल भी लगाते हैं. यहां शासन की हितग्राही योजना की जानकारी देने के लिए भी स्टॉल लगाया गया है. इस एकदिवसीय मेले में आस-पास के गांवों के भी श्रद्धालु शामिल हुए.

ताला का पुरातत्विक महत्व
पांचवी-छठीं शताब्दी के प्राचीन केंद्र ताला को पर्यटन क्षेत्र घोषित किया गया है. इस जगह को यहां मौजूद रुद्र शिव की प्रतिमा की वजह से ख्याति मिली थी. पुरातन काल के बहुत से अवशेष आज भी देखने को मिलते हैं. इस प्राचीन क्षेत्र में हर साल महोत्सव का आयोजन बड़ी ही धूमधाम से किया जाता है.

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स्लग।ताला मेला
एंकर। माघी पूर्णिमा के अवसर पर बिल्हा क्षेत्र के ताला में मेला लगा। श्रद्धालुओं ने मनियारी नदी में स्नान कर भगवान शंकर की पूजा अर्चना की। ताला के विश्वविख्यात रूद्र शिव के दर्शन में भक्तों की लंबी कतार लगी रही। मेला स्थल में कई विभागों ने अपना-अपना स्टाल भी लगाया, जहां लोगों को शासन की हितग्राही योजना की जानकारी भी मिलती रही। एक दिवसीय मेले में बच्चे, बूढ़े महिलाओं समेत आसपास के ग्रामीणों ने मेले का जमकर लुफ्त उठाया। गौरतलब है कि पांचवी- छठी शताब्दी के प्राचीन केंद्र ताला को पर्यटन क्षेत्र घोषित किया गया है। जहां रूद्र शिव की प्रतिमा ने ताला को विश्वविख्यात कर दिया है। जहां पिछले कुछ वर्षों से महोत्सव का आयोजन भी किया जा रहा है मगर इस मर्तबा आयोजन की छटा फीकी रही जिसके चलते और वर्षों की अपेक्षा इस बार महोत्सव में भीड़-भाड़ कम रही।

बाईट।1 नरेंद्र कुमार कोसले( दर्शनअर्थी)
2गया प्रसाद निर्मलकर( दर्शनअर्थी)Conclusion:
Last Updated : Feb 9, 2020, 7:32 PM IST
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