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रतनपुर: मां महामाया का फूलों से राजसी श्रृंगार, कन्याओं का कराया गया भोजन

रतनपुर की मां महामाया देवी की विधिवत पूजा-आरती के बाद महानवमी पूजन संपन्न हुई. इस बार मां महामाया देवी का राजसी श्रृंगार स्वर्ण आभूषणों से नहीं किया गया. मां महामाया देवी का फूलों से राजसी श्रृंगार हुआ.

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रतनपुर: मां महामाया का फूलों से राजसी श्रृंगार
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Published : Apr 3, 2020, 12:18 PM IST

Updated : Apr 3, 2020, 2:20 PM IST

बिलासपुर: रामनवमी के अवसर पर रतनपुर स्थित मां महामाया देवी का विशेष राजसी श्रृंगार फूलों से किया गया, जिसके बाद महानवमी की पूजा संपन्न हुई. साथ ही मंदिर में राजसी भोग भी लगाया गया, जो सादगी से संपन्न हुआ. नवमी पर कन्याओं की पूजा भी की गई. उन्हें कागज का आसन, कुल्हड़ में पानी, पत्ते के दोने में भोजन परोसा गया, साथ ही कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए सैनिटाइज हाथों से भोजन परोसा गया. यह कन्या भोज पूरी सावधानी से संपन्न कराया गया.

मां महामाया का फूलों से राजसी श्रृंगार

दरअसल, विश्व विख्यात सिद्ध शक्ति पीठ मां महामाया देवी मंदिर रतनपुर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु प्रतिवर्ष चैत्र नवरात्र में दर्शन के लिए पहुंचते थे, जिनकी मंदिर प्रांगण में दर्शन के लिए लंबी कतारें लगती थीं. जहां सभी अपनी-अपनी बारी का इंतजार करते थे. सुरक्षा के मद्देनजर कड़े इंतेजामात किए जाते थे, लेकिन इस बार चैत्र नवरात्र में पूरे 9 दिन तक मंदिर परिसर में सन्नाटा पसरा रहा.

नवरात्र पर बंद रहे मंदिर के कपाट

बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण फैलने की आशंका के कारण मंदिर के कपाट नवरात्र पर्व पर बंद रहे, जिससे सेवक और ज्योति कलश के रक्षक मायूस रहे, साथ ही माता रानी के श्रद्धालुओं में भी मायूसी दिखी.

बिलासपुर: रामनवमी के अवसर पर रतनपुर स्थित मां महामाया देवी का विशेष राजसी श्रृंगार फूलों से किया गया, जिसके बाद महानवमी की पूजा संपन्न हुई. साथ ही मंदिर में राजसी भोग भी लगाया गया, जो सादगी से संपन्न हुआ. नवमी पर कन्याओं की पूजा भी की गई. उन्हें कागज का आसन, कुल्हड़ में पानी, पत्ते के दोने में भोजन परोसा गया, साथ ही कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए सैनिटाइज हाथों से भोजन परोसा गया. यह कन्या भोज पूरी सावधानी से संपन्न कराया गया.

मां महामाया का फूलों से राजसी श्रृंगार

दरअसल, विश्व विख्यात सिद्ध शक्ति पीठ मां महामाया देवी मंदिर रतनपुर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु प्रतिवर्ष चैत्र नवरात्र में दर्शन के लिए पहुंचते थे, जिनकी मंदिर प्रांगण में दर्शन के लिए लंबी कतारें लगती थीं. जहां सभी अपनी-अपनी बारी का इंतजार करते थे. सुरक्षा के मद्देनजर कड़े इंतेजामात किए जाते थे, लेकिन इस बार चैत्र नवरात्र में पूरे 9 दिन तक मंदिर परिसर में सन्नाटा पसरा रहा.

नवरात्र पर बंद रहे मंदिर के कपाट

बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण फैलने की आशंका के कारण मंदिर के कपाट नवरात्र पर्व पर बंद रहे, जिससे सेवक और ज्योति कलश के रक्षक मायूस रहे, साथ ही माता रानी के श्रद्धालुओं में भी मायूसी दिखी.

Last Updated : Apr 3, 2020, 2:20 PM IST
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