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कुनकुनी जमीन घोटाला मामले में याचिकाकर्ता ने लगाई सुरक्षा की गुहार - Kunkuni land scam case petitioner threatened

कुनकुनी जमीन घोटाला मामले में याचिकाकर्ता गोपाल सिंह जूदेव ने जान का खतरा बताते हुए कोर्ट से गुहार लगाई है. इसपर कोर्ट ने कहा है कि यदि याचिकाकर्ता को खतरा महसूस होता है तो वह SP से सुरक्षा ले सकता है.

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Published : Mar 7, 2020, 10:53 PM IST

बिलासपुर: 300 एकड़ की कुनकुनी जमीन घोटाले मामले में लगी जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने सरकार से डिटेल में जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई अप्रैल महीने में हो सकती है. बता दें, मामले में कई रसुखदार लोगों के नाम सामने आ रहे हैं. ऐसे में याचिकाकर्ता गोपाल सिंह जूदेव ने जान को खतरा होने की बात कही थी. जिसपर कोर्ट ने कहा कि यदि याचिकाकर्ता को खतरा महसूस होता है तो वह SP को सूचित कर सुरक्षा ले सकता है.

क्या है मामला

रायगढ़ के खरसिया के कुनकुनी में आदिवासियों की जमीन को लेकर घोटाला सामने आया था. इसमें आदिवासियों की लगभग 300 एकड़ जमीन बेनामी तरीके से लूट ली गई है. ऐसे में आदिवासियों के हाथ न तो जमीन के बदले उचित मुआवजा लगा था और न ही पुनर्वास जैसी कोई सुविधा मिली थी. घोटाले में अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि कॉरपोरेट और कथित पर्यावरण संरक्षक और उनके रिश्तेदारों के नाम उजागर हुए हैं.

बता दें, मामले की जांच हुई है और रिपोर्ट सरकार को सौंपी जा चुकी है. बावजूद इसके कोई भी कार्रवाई नहीं हो सकी है. कोल साइडिंग और रेल लाइन के नाम पर आदिवासियों की जमीन ले ली गई है. मामले की सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता से हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने इस मामले की डिटेल जांच, पुलिस इंक्वायरी, हाई लेवल कमिटी, मॉनिटरिंग जैसे आदि रिपोर्ट मांगी गई है.

बिलासपुर: 300 एकड़ की कुनकुनी जमीन घोटाले मामले में लगी जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने सरकार से डिटेल में जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई अप्रैल महीने में हो सकती है. बता दें, मामले में कई रसुखदार लोगों के नाम सामने आ रहे हैं. ऐसे में याचिकाकर्ता गोपाल सिंह जूदेव ने जान को खतरा होने की बात कही थी. जिसपर कोर्ट ने कहा कि यदि याचिकाकर्ता को खतरा महसूस होता है तो वह SP को सूचित कर सुरक्षा ले सकता है.

क्या है मामला

रायगढ़ के खरसिया के कुनकुनी में आदिवासियों की जमीन को लेकर घोटाला सामने आया था. इसमें आदिवासियों की लगभग 300 एकड़ जमीन बेनामी तरीके से लूट ली गई है. ऐसे में आदिवासियों के हाथ न तो जमीन के बदले उचित मुआवजा लगा था और न ही पुनर्वास जैसी कोई सुविधा मिली थी. घोटाले में अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि कॉरपोरेट और कथित पर्यावरण संरक्षक और उनके रिश्तेदारों के नाम उजागर हुए हैं.

बता दें, मामले की जांच हुई है और रिपोर्ट सरकार को सौंपी जा चुकी है. बावजूद इसके कोई भी कार्रवाई नहीं हो सकी है. कोल साइडिंग और रेल लाइन के नाम पर आदिवासियों की जमीन ले ली गई है. मामले की सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता से हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने इस मामले की डिटेल जांच, पुलिस इंक्वायरी, हाई लेवल कमिटी, मॉनिटरिंग जैसे आदि रिपोर्ट मांगी गई है.

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