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सावरकर को भारत रत्न देना इस सम्मान का अवमूल्यन होगा: कुमार प्रशांत

सावरकर को भारत रत्न देने के फैसले पर देश के लोग कैसी प्रतिक्रिया देंगे, यह कहना मुश्किल है, लेकिन आज देश में उल्दी हवा चल रही है, जिसे सही दिशा देना जरूरी है.'

देश में उल्दी हवा चल रही है
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Published : Oct 19, 2019, 5:43 PM IST

बिलासपुर: गांधी शांति प्रतिष्ठान के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुमार प्रशांत ने सावरकर को भारत रत्न देने की मांग पर तीखी आलोचना की है. कुमार प्रशांत ने कहा कि 'सावरकर को भारत रत्न देने की मांग करना भारत रत्न का अवमूल्यन किया जा रहा है.' उन्होंने कहा कि इसके लिए बीजेपी देश में अपने तय एजेंडे के तहत काम कर रही है और सभी संस्थानों को खत्म करने में लगी है.

देश में उल्दी हवा चल रही है

कुमार प्रशांत आज बिलासपुर के गनियारी गांव में 'गांधी और भारत विभाजन' विषय पर आयोजित व्याख्यान श्रृंखला में मुख्य वक्ता के रूप में शामिल होने पहुंचे थे. कुमार ने कहा कि 'सावरकर को भारत रत्न देने के फैसले पर देश के लोग कैसी प्रतिक्रिया देंगे, यह कहना मुश्किल है, लेकिन आज देश में उल्दी हवा चल रही है, जिसे सही दिशा देना जरूरी है.'

व्याख्यान श्रृंखला के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कुमार ने कहा कि 'गांधी जी को इस देश ने उस कदर नहीं अपनाया जितना उन्हें अपनाया जाना था, लेकिन गांधी की प्रासंगिकता कभी खत्म नहीं हो सकती है.'

बिलासपुर: गांधी शांति प्रतिष्ठान के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुमार प्रशांत ने सावरकर को भारत रत्न देने की मांग पर तीखी आलोचना की है. कुमार प्रशांत ने कहा कि 'सावरकर को भारत रत्न देने की मांग करना भारत रत्न का अवमूल्यन किया जा रहा है.' उन्होंने कहा कि इसके लिए बीजेपी देश में अपने तय एजेंडे के तहत काम कर रही है और सभी संस्थानों को खत्म करने में लगी है.

देश में उल्दी हवा चल रही है

कुमार प्रशांत आज बिलासपुर के गनियारी गांव में 'गांधी और भारत विभाजन' विषय पर आयोजित व्याख्यान श्रृंखला में मुख्य वक्ता के रूप में शामिल होने पहुंचे थे. कुमार ने कहा कि 'सावरकर को भारत रत्न देने के फैसले पर देश के लोग कैसी प्रतिक्रिया देंगे, यह कहना मुश्किल है, लेकिन आज देश में उल्दी हवा चल रही है, जिसे सही दिशा देना जरूरी है.'

व्याख्यान श्रृंखला के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कुमार ने कहा कि 'गांधी जी को इस देश ने उस कदर नहीं अपनाया जितना उन्हें अपनाया जाना था, लेकिन गांधी की प्रासंगिकता कभी खत्म नहीं हो सकती है.'

Intro:भारत रत्न के रूप में सावरकर के नाम सामने आने पर प्रसिद्ध गांधीवादी और गांधी शांति प्रतिष्ठान के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुमार प्रशांत ने आज इसकी तीखी आलोचना की है । कुमार प्रशांत ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि ऐसा करके अब भारत रत्न का अवमूल्यन किया जा रहा है और बीजेपी अपने तय एजेंडे के तहत तमाम चीजों को खत्म करने में लगी हुई है ।


Body:कुमार प्रशांत ने कहा कि सावरकर को भारत रत्न देने के निर्णय पर देश किस तरह रिएक्ट करेगा यह कहना जरा मुश्किल है लेकिन फिलहाल देश की हवा जो उल्टी दिशा में चल रही है उसे मोड़ना जरूरी हो गया है ।


Conclusion:पत्रकारों से चर्चा करते हुए कुमार प्रशांत ने कहा कि गांधी को इस देश ने उस कदर नहीं अपनाया जितना अपनाया जाना था । गांधी मतलब पुरातन और नेहरू मतलब आधुनिकता की अवधारणा ने देश में गांधीवाद को कमजोर किया जिसे देर सवेर नेहरू ने भी माना था,लेकिन गांधी की प्रासंगिकता कभी खत्म नहीं हो सकती कुमार प्रशांत आज बिलासपुर से लगे गनियारी गांव में गांधी और भारत विभाजन विषय पर व्याख्यान में मुख्य वक्ता के रूप में शामिल होने पहुंचे थे ।
बाईट..... कुमार प्रशांत...प्रसिद्ध गांधीवादी
विशाल झा....बिलासपुर
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