बिलासपुर: पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. लेकिन आज भी कई लोग समाज की कुरीतियों और रूढ़िवादी सोच के कारण गुलामी भरा जीवन जी रहे हैं. ऐसे लोगों को आजाद कराने के लिए बिलासपुर में तीन यंगिस्तानी समाज सेवक की तरह कड़ी मेहनत कर रहे है. गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए सीमा वर्मा काफी समय से संघर्ष कर रही हैं. अंकिता पांडेय बच्चों को यौन शोषण से बचाने की दिशा में काम कर रही हैं. वहीं, बिलासपुर एसपी संतोष सिंह नशामुक्ति के लिए लगातार काम कर रहे हैं, ताकि अपराधों को कम किया जा सके.
"निजात अभियान" से नशामुक्ति: बिलासपुर में ज्यादातर अपराध नशे की वजह से होते हैं. लिहाजा बिलासपुर एसपी संतोष कुमार सिंह ने नशामुक्ति अभियान शुरू किया है. इस अभियान के जरिए लोगों को नशे से दूर करने के साथ ही अवैध रूप से चल रहे नशा कारोबार को खत्म करने पर काम शुरू किया गया है. "निजात अभियान" चलाकर जनजागरूकता के साथ ही नशे के आदी लोगों की काउंसलिंग कर उन्हें नशा छोड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. करीब 6 महीने में ही अपराध का ग्राफ 10 फीसदी गिर गया है. कई लोग अब नशा छोड़कर अपने परिवार के साथ खुशी-खुशी रह रहे हैं.
पुलिस विभाग में आने से पहले मैं एक कॉलेज में प्रोफेसर था. मैंने देखा है कि कैसे युवा नशे की गिरफ्त में आते हैं और अपना जीवन बर्बाद कर लेते हैं. तभी से मैंने नशामुक्त समाज तैयार करने की ठान लिया था. एसपी बनने के बाद यह मौका भी मिला है. पिछले 6 माह से "निजात अभियान" के जरिए लोगों को नशामुक्ति के लिए जागरुक कर रहा हूं. -संतोष सिंह, एसपी
बच्चों को गुड टच बैड टच का दे रही ज्ञान: बिलासपुर की अंकिता पांडेय पिछले 7 सालों में तकरीबन 50 हजार बच्चों को गुड टच बैड टच का ज्ञान दे चुकी हैं. अब तक 500 स्कूलों में जाकर बच्चों को गुड टच और बैड टच की शिक्षा दे चुकी हैं. अंकिता बच्चों को शारीरिक शोषण के खिलाफ जागरुक कर रही है. साथ ही लोगों को रूढ़िवादी सोच से आजादी दिला रही हैं.अंकिता खासकर ऐसे लोगों को जागरूक कर रही हैं, जो बदनामी के डर से अपने साथ हो रहे अत्याचार की शिकायत नहीं करती.
गुड टच और बैड टच क्या होता है? ये अधिकतर बच्चों को नहीं पता होता है. उनको इस बारे में मैं जागरूक करती हूं. उन महिलाओं को भी जागरूक करती हूं जो समाज के डर से अपने साथ हो रहे शोषण की शिकायत नहीं करतीं. -अंकिता पांडेय, सामाजिक कार्यकर्ता
बच्चों को शिक्षित कर रही सीमा: शहर के स्लम बस्ती में रहने वाली सीमा वर्मा गरीब बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का काम कर रही है. अक्सर लोग पैसों के कारण खुद तो मजदूरी करते ही हैं, अपने बच्चों को भी मजदूरी में शामिल कर लेते हैं. ऐसे लोगों को समझाकर उनके बच्चों को शिक्षित करने का काम सीमा वर्मा कर रही है. बिलासपुर शहर के स्लम एरिया के बच्चों की शिक्षा के लिए पिछले 5 सालों से सीमा संघर्ष कर रही हैं. गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए कॉपी-किताब सहित अन्य सामग्री भी मुफ्त में देती है. सीमा एक रुपए मुहिम चला रहीं हैं. इन पैसों से गरीब बच्चों के स्कूल की फीस जमा करती हैं. जो माता पिता गरीबी के कारण अपने बच्चों को नहीं पढ़ा पाते हैं, वैसे लोगों को पढ़ाने का जिम्मा सीमा उठाती हैं.
''पिछले 5 साल से गरीब बच्चों को शिक्षित करने के लिए काम कर रही हूं. लोगों को समझाती हूं कि जीवन में आने वाली बाधाएं केवल शिक्षा से ही दूर हो सकती है. भविष्य शिक्षा से ही बनता है और अच्छी शिक्षा से अच्छी सोच आती है. देश का भी विकास होता है.'' -सीमा वर्मा, समाजसेवी
ये तीनों बिलासपुर में अलग-अलग क्षेत्र में अंधकार में डूबे लोगों को रास्ता दिखाने का काम कर रहे हैं. एसपी संतोष सिंह नशामुक्ति के लिए निजात अभियान के माध्यम से लोगों को नशे से निजात दिला रहे हैं. वहीं अंकिता पांडेय बच्चों को गुड टच बैड टच का ज्ञान दे रही हैं. सीमा भी अशिक्षा के अंधकार को दूर कर बच्चों को शिक्षित करने का काम कर रहीं हैं. इन तीनों का समाज के प्रति ये समर्पण सचमुच काबिल ए तारीफ है.