ETV Bharat / state

India largest chatghat : बिलासपुर में देश का सबसे बड़ा स्थाई छठघाट, 1 लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद - छठपूजा की तैयारियों में जुटा निगम

india largest Chatghat : बिलासपुर के अरपा नदी के तट पर तोरवा के पास बने पुल के किनारे छठपर्व मनाने घाट तैयार किया गया है. यहां नगर निगम और जिला प्रशासन के सहयोग से पक्का घाट का निर्माण कराया गया है. पूजा विशेष रूप से घाट के पीछे की खाली जगह में किया जाता है. अरपा नदी के इस भाग पर लगभग 8 सौ मीटर में पक्का घाट निर्माण कराया गया है. जो देश का सबसे बड़ा और लंबा स्थाई छठघाट है. यहा बिहार में जिस तरह घाट पर विधिविधान से पूजा होती है. वैसे ही यहां भी किया जाता है.

बिलासपुर में देश का सबसे बड़ा स्थाई छठघाट
बिलासपुर में देश का सबसे बड़ा स्थाई छठघाट
author img

By

Published : Oct 22, 2022, 1:19 PM IST

Updated : Oct 22, 2022, 7:14 PM IST

बिलासपुर :देश का सबसे बड़ा स्थाई छठघाट बिलासपुर के अरपा नदी में है. इस बार 1 लाख श्रद्धालुओं के यह आने की उम्मीद की जा रही है. यहां कोरोनाकाल के पहले लगभग 70 हजार श्रद्धालु पूजा करने जमा होते रहे हैं. यहां ज्यादातर उत्तर भारत के लोग आते हैं. साथ ही इस पर्व के दौरान छत्तीसगढ़ और बिहार के श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. श्रद्धालु यहां श्रद्धा से पूजा कर मेले जैसे माहौल का आनंद उठाते (india largest Chatghat in Bilaspur ) हैं.

बिलासपुर में देश का सबसे बड़ा स्थाई छठघाट



छठपूजा की तैयारियों में जुटा निगम : नगर निगम प्रशासन यहां की साफ सफाई कर उसे तैयार करता है. हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने पर पार्किंग की व्यवस्था बनाने के लिए नदी के किनारे और आसपास की जगहों पर व्यवस्था की गई है. समिति को इस बार एक लाख लोगों के पूजा करने आने की उम्मीद की जा रही है. कोरोनाकाल के पहले यह लगभग 70 हजार लोग पूजा करने पहुंचते रहे हैं. लेकिन इस बार दो साल बाद हो रहे भव्य आयोजन में श्रद्धालुओं के भारी संख्या में आने की उम्मीद की जा रही है. पूजा समिति के सचिव अभयनारायण राय ने कहा कि ''यह जिला प्रशासन और नगर निगम के साथ पूजा समिति भी अपने तरफ से कई व्यवस्थाओं को करवाकर श्रद्धालुओं को पूजा करने के लिए व्यवस्थाओं को पूरा करवा रही है.''


क्यों आती है छठ पूजा में भीड़ : पाटलीपुत्र छठ पूजा समिति के सदस्य आरपी सिंह ने बताया कि ''यहां बिलासपुर में इतनी बड़ी संख्या में पूजा करने श्रद्धालुओं के आने का कारण यह भी है कि यहां एसईसीएल का हेडक्वाटर, एनटीपीसी, एसईसीएल और एसईसीआर के बिलासपुर ज़ोन का हेडक्वाटर और कई संस्थान हैं. जहां उत्तर भारतीय कार्यरत हैं. इसलिए यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा करने पहुंचते हैं. घाट के निर्माण के लिए जिला प्रशासन और एसईसीएल के सीएसआर फण्ड से निर्माण कराया गया है. घाट की देखरेख पाटलीपुत्र छठ समिति करती है. समिति के लोगों ने बताया कि ''सन 2000 में यहा छठपूजा की शुरुआत हुई थी. जिसमें बहुत कम लोग ही पूजा करने पहुंचते थे. लेकिन धीरे-धीरे यहां अब उन्हें 1 लाख से भी ज्यादा लोगों के लिए व्यवस्था करते हैं. इसके बावजूद भीड़ बढ़ती ही जाती है.''


बिलासपुर में इस पर्व को मनाने वाले उत्तर भारतीयों के घरों में नहाई खाई की रस्म की शुरुआत के साथ छठपर्व शुरू होगा. यहां रहने वाले उत्तर भारतीय परिवार में महिलाएं नहाई खाई के साथ प्रसाद तैयार करने में की तैयारी से पर्व की शुरुआत की जाती है. इधर छठपर्व को मनाने के लिए और श्रद्धालुओं को बेहतर व्यवस्था देने के लिए समिति के साथ जिला प्रशासन और नगर निगम की टीम लगी हुई है. माना जा रहा है इस बार भी श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी. साथ ही व्यवस्था बढ़ाने की तैयारी की जा रही है. प्रदेश के सबसे बड़े छठघाट होने की वजह से यहां मेले जैसा माहौल रहता है. छत्तीसगढ़ के मूल निवासी भी यहां इस माहौल का आनंद उठाने पहुंचते हैं.Bilaspur latest news

बिलासपुर :देश का सबसे बड़ा स्थाई छठघाट बिलासपुर के अरपा नदी में है. इस बार 1 लाख श्रद्धालुओं के यह आने की उम्मीद की जा रही है. यहां कोरोनाकाल के पहले लगभग 70 हजार श्रद्धालु पूजा करने जमा होते रहे हैं. यहां ज्यादातर उत्तर भारत के लोग आते हैं. साथ ही इस पर्व के दौरान छत्तीसगढ़ और बिहार के श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. श्रद्धालु यहां श्रद्धा से पूजा कर मेले जैसे माहौल का आनंद उठाते (india largest Chatghat in Bilaspur ) हैं.

बिलासपुर में देश का सबसे बड़ा स्थाई छठघाट



छठपूजा की तैयारियों में जुटा निगम : नगर निगम प्रशासन यहां की साफ सफाई कर उसे तैयार करता है. हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने पर पार्किंग की व्यवस्था बनाने के लिए नदी के किनारे और आसपास की जगहों पर व्यवस्था की गई है. समिति को इस बार एक लाख लोगों के पूजा करने आने की उम्मीद की जा रही है. कोरोनाकाल के पहले यह लगभग 70 हजार लोग पूजा करने पहुंचते रहे हैं. लेकिन इस बार दो साल बाद हो रहे भव्य आयोजन में श्रद्धालुओं के भारी संख्या में आने की उम्मीद की जा रही है. पूजा समिति के सचिव अभयनारायण राय ने कहा कि ''यह जिला प्रशासन और नगर निगम के साथ पूजा समिति भी अपने तरफ से कई व्यवस्थाओं को करवाकर श्रद्धालुओं को पूजा करने के लिए व्यवस्थाओं को पूरा करवा रही है.''


क्यों आती है छठ पूजा में भीड़ : पाटलीपुत्र छठ पूजा समिति के सदस्य आरपी सिंह ने बताया कि ''यहां बिलासपुर में इतनी बड़ी संख्या में पूजा करने श्रद्धालुओं के आने का कारण यह भी है कि यहां एसईसीएल का हेडक्वाटर, एनटीपीसी, एसईसीएल और एसईसीआर के बिलासपुर ज़ोन का हेडक्वाटर और कई संस्थान हैं. जहां उत्तर भारतीय कार्यरत हैं. इसलिए यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा करने पहुंचते हैं. घाट के निर्माण के लिए जिला प्रशासन और एसईसीएल के सीएसआर फण्ड से निर्माण कराया गया है. घाट की देखरेख पाटलीपुत्र छठ समिति करती है. समिति के लोगों ने बताया कि ''सन 2000 में यहा छठपूजा की शुरुआत हुई थी. जिसमें बहुत कम लोग ही पूजा करने पहुंचते थे. लेकिन धीरे-धीरे यहां अब उन्हें 1 लाख से भी ज्यादा लोगों के लिए व्यवस्था करते हैं. इसके बावजूद भीड़ बढ़ती ही जाती है.''


बिलासपुर में इस पर्व को मनाने वाले उत्तर भारतीयों के घरों में नहाई खाई की रस्म की शुरुआत के साथ छठपर्व शुरू होगा. यहां रहने वाले उत्तर भारतीय परिवार में महिलाएं नहाई खाई के साथ प्रसाद तैयार करने में की तैयारी से पर्व की शुरुआत की जाती है. इधर छठपर्व को मनाने के लिए और श्रद्धालुओं को बेहतर व्यवस्था देने के लिए समिति के साथ जिला प्रशासन और नगर निगम की टीम लगी हुई है. माना जा रहा है इस बार भी श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी. साथ ही व्यवस्था बढ़ाने की तैयारी की जा रही है. प्रदेश के सबसे बड़े छठघाट होने की वजह से यहां मेले जैसा माहौल रहता है. छत्तीसगढ़ के मूल निवासी भी यहां इस माहौल का आनंद उठाने पहुंचते हैं.Bilaspur latest news

Last Updated : Oct 22, 2022, 7:14 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.