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बिलासपुर: रतनजोत के बीज खाने बीमार हुए बच्चों की हालत में सुधार

ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों ने रतनजोत का बीज खा लिया था. हालत बिगड़ने पर सभी 6 बच्चों को सिम्स अस्पताल में भर्ती किया गया था.

रतनजोत के बीज खाकर बिमार हुए बच्चों के हालत में सुधार
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Published : Nov 24, 2019, 7:06 AM IST

बिलासपुर: ग्रामीण क्षेत्र में रतनजोत के बीज खाने से 6 बच्चों की तबीयत बिगड़ गई थी. बच्चों की बिगड़ती हालात को देखते हुए इन्हें तत्काल सिम्स अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया था. जहां उनकी हलात में सुधार हुआ है.

रतनजोत के बीज खाकर बिमार हुए बच्चों के हालत में सुधार

पढ़ें: दंत रोग के फंड के लिए जांच समिति गठित, एक महीने में आएगी रिपोर्ट

दरसअल प्रदेश में बीजेपी शासनकाल में सरकार ने बॉयोडीजल बनाने के लिए रतनजोत के पौधे लगवाए थे. लेकिन अधिकारियों ने इस योजना को पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी बायोडीजल तो बना नहीं. आलम यह है कि देखरेख की अभाव के चलते अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे रतनजोत के फल को मुंगफली समझकर खा जाते हैं.

बिलासपुर: ग्रामीण क्षेत्र में रतनजोत के बीज खाने से 6 बच्चों की तबीयत बिगड़ गई थी. बच्चों की बिगड़ती हालात को देखते हुए इन्हें तत्काल सिम्स अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया था. जहां उनकी हलात में सुधार हुआ है.

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दरसअल प्रदेश में बीजेपी शासनकाल में सरकार ने बॉयोडीजल बनाने के लिए रतनजोत के पौधे लगवाए थे. लेकिन अधिकारियों ने इस योजना को पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी बायोडीजल तो बना नहीं. आलम यह है कि देखरेख की अभाव के चलते अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे रतनजोत के फल को मुंगफली समझकर खा जाते हैं.

Intro:बीते दिनों बिलासपुर के ग्रामीण क्षेत्र में रतनजोत के बीज खाने से 6 बच्चे बीमार होने का मामला सामने आया था। । बच्चो की बिगड़ती हालात को देखते हुए इन्हें तत्काल सरकारी अस्पताल सिम्स में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया था ,जहाँ उनकी स्तिथि अब बेहतर बताई जा रही । Body:दरसअल छत्तीसगढ़ में बीजेपी शासन में सरकार ने बॉयोडीजल बनाने के लिए रतनजोत के पौधे लगवा दिये थे लेकिन अधिकारियों ने इस योजना को पलीता लगाने में कोई कसर नही छोड़ी थी । आलम यह है कि देखरेख की अभाव के चलते अक्सर ग्रामीण क्षेत्रो के बच्चे फल या मुंगफली समझकर खा जाते है । Conclusion:जिसके बाद बच्चो को उल्टी दस्त होने लगती है और बच्चो की स्तिथि गंभीर भी हो जाती है । फिलहाल इस मामले में राहत की बात यह रही कि अभी सभी बच्चे खतरे से बाहर है।
बाईट .. डॉ, आरती पाण्डेय, जनसंपर्क अधिकारी सिम्स
विशाल झा....... बिलासपुर
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