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जानिए छत्तीसगढ़ के 28वें जिले की वो बातें, जो इसे खास बनाती हैं - important facts of pendra bilapsur

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही छत्तीसगढ़ का 28वां जिला बन गया है. भौगोलिक, सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि से ये जिला बहुत महत्व रखता है. इस जिले से जुड़ी कई ऐसी ही जानकारियां ETV भारत आपके लिए लेकर आया है.

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28वें जिले की वो खास बातें जो इतिहास में है दर्ज
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Published : Feb 10, 2020, 2:10 PM IST

Updated : Feb 10, 2020, 4:46 PM IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ का नया जिला 'गौरेला-पेंड्रा-मरवाही' अस्तित्व में आ गया है. इसके साथ ही प्रदेश में जिलों की संख्या बढ़कर 27 से 28 हो गई है. नए जिले की कई सारी खास बातें हैं, जो जानना जरूरी है.

28वें जिले की वो खास बातें जो इतिहास में है दर्ज
  • गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही 1978 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ है. यह जिला मैकल पहाड़ी श्रृंखला और मैदानी छत्तीसगढ़ का मिलन स्थल है.
  • अरपा और सोन नदी का उद्गम स्थल यहीं है.
  • 12वीं सदी की राजपूत स्थापत्य शैली का उत्कृष्ट नमूना जलेश्वर महादेव मंदिर यहां की शान है.
  • छत्तीसगढ़ के महान स्वतंत्रता सेनानी और पत्रकार माधवराव सप्रे ने पेंड्रा से ही प्रसिद्ध पत्रिका 'छत्तीसगढ़ मित्र' का प्रकाशन साल 1900 में आरंभ किया था.
  • महान साहित्यकार गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर पहली बार साल 1902 में पेंड्रा में आए थे. वो अपनी पत्नी के टीबी के इलाज के लिए यहां आए थे.
  • भालुओं के संरक्षण के लिए बना जामवंत पार्क यहां का प्रमुख हिस्सा है. जिले का मरवाही वनमंडल दुर्लभ सफेद भालू का प्रमुख पर्यावास है.

धान के लिए भी जाना जाता है ये जिला

पेंड्रा, छत्तीसगढ़ के 36 गढ़ों में से एक है, जो कि पुरातात्विक और अध्यात्मिक धरोहरों को समेटे एक प्राचीन नगरी है. यह नवनिर्मित जिला बैगा-आदिवासी के संरक्षण में पनपते साल-सागौन-महुआ-पलास से अच्छादित वनों से समृद्ध, मेहनतकश किसानों के उपजाए धान के सुनहरे रंगों से सजा है यह अद्भुत इलाका है.

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ का नया जिला 'गौरेला-पेंड्रा-मरवाही' अस्तित्व में आ गया है. इसके साथ ही प्रदेश में जिलों की संख्या बढ़कर 27 से 28 हो गई है. नए जिले की कई सारी खास बातें हैं, जो जानना जरूरी है.

28वें जिले की वो खास बातें जो इतिहास में है दर्ज
  • गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही 1978 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ है. यह जिला मैकल पहाड़ी श्रृंखला और मैदानी छत्तीसगढ़ का मिलन स्थल है.
  • अरपा और सोन नदी का उद्गम स्थल यहीं है.
  • 12वीं सदी की राजपूत स्थापत्य शैली का उत्कृष्ट नमूना जलेश्वर महादेव मंदिर यहां की शान है.
  • छत्तीसगढ़ के महान स्वतंत्रता सेनानी और पत्रकार माधवराव सप्रे ने पेंड्रा से ही प्रसिद्ध पत्रिका 'छत्तीसगढ़ मित्र' का प्रकाशन साल 1900 में आरंभ किया था.
  • महान साहित्यकार गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर पहली बार साल 1902 में पेंड्रा में आए थे. वो अपनी पत्नी के टीबी के इलाज के लिए यहां आए थे.
  • भालुओं के संरक्षण के लिए बना जामवंत पार्क यहां का प्रमुख हिस्सा है. जिले का मरवाही वनमंडल दुर्लभ सफेद भालू का प्रमुख पर्यावास है.

धान के लिए भी जाना जाता है ये जिला

पेंड्रा, छत्तीसगढ़ के 36 गढ़ों में से एक है, जो कि पुरातात्विक और अध्यात्मिक धरोहरों को समेटे एक प्राचीन नगरी है. यह नवनिर्मित जिला बैगा-आदिवासी के संरक्षण में पनपते साल-सागौन-महुआ-पलास से अच्छादित वनों से समृद्ध, मेहनतकश किसानों के उपजाए धान के सुनहरे रंगों से सजा है यह अद्भुत इलाका है.

Intro:आज छत्तीसगढ़ प्रदेश का 28वां नया जिला 'गौरेला-पेंड्रा-मरवाही' अस्तित्व में आ रहा है।
इस जिले की कुछ ख़ास बातें-
Body:अरपा जिससे आरंभ होता है हमारा राज्य गीत, उसी अरपा और सोन नदी का उद्गम स्थल यहीं है।
1978 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला है गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिला जो कि मैकल पहाड़ी श्रृंखला और मैदानी छत्तीसगढ़ का मिलन स्थल है।
12 वीं सदी की राजपूत स्थापत्य शैली का उत्कृष्ट नमूना जलेश्वर महादेव मंदिर यहाँ की शान है।
छत्तीसगढ़ के महान स्वतंत्रता सेनानी व पत्रकार श्री माधवराव सप्रे ने पेंड्रा से ही प्रसिद्ध पत्रिका छत्तीसगढ़ मित्र का प्रकाशन सन 1900 में आरंभ किया था।
महान साहित्यकार गुरुदेव रबींद्रनाथ टैगोर के चरण सन 1902 में पेंड्रा में यहां पड़े थे। वो अपनी पत्नी के टी बी के इलाज के लिए यहां आए थे।

Conclusion:पेण्ड्रा, छत्तीसगढ़ के छत्तीसगढ़ों में से एक है जो कि पुरातात्विक व आध्यात्मिक धरोहर समेटे एक प्राचीन नगरी है।जिले का मरवाही वनमंडल दुर्लभ सफेद भालू का प्रमुख पर्यावास है। भालुओं के संरक्षण के लिये बने जामवंत पार्क यहां का प्रमुख हिस्सा है ।
यह नवनिर्मित जिला बैगा-आदिवासी के संरक्षण में पनपते साल-सागौन-महुआ-पलास से आच्छादित वनों से समृदध, मेहनतकश किसानों के उपजाए धान के सुनहरे रंगों से सजा है यह अद्भुत इलाका।
विशाल झा....बिलासपुर
Last Updated : Feb 10, 2020, 4:46 PM IST
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