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'चुनाव चिन्ह' नहीं होना चाहिए, बढ़ता है दलों के बीच फासला - वीरेंद्र पांडेय

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Published : Apr 22, 2019, 9:36 AM IST

Updated : Apr 22, 2019, 12:32 PM IST

पूर्व भाजपा नेता और वर्तमान में स्वाभिमान पार्टी के प्रमुख वीरेंद्र पांडेय ने चुनाव चिन्ह पर सवालिया निशान लगाया है.

वीरेंद्र पांडेय

बिलासपुर : पूर्व भाजपा नेता और वर्तमान में स्वाभिमान पार्टी के प्रमुख वीरेंद्र पांडेय ने चुनाव चिन्ह पर सवालिया निशान लगाया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि चुनाव चिन्ह से जानीमानी पार्टियों को अतिरिक्त फायदा मिलता है.

चुनाव चिन्ह नहीं होना चाहिए

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पहले के लोग इतने पढ़े-लिखे नहीं थे, इस कारण चुनाव चिन्ह का प्रयोग करना सही था. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चुनाव चिन्ह से जानीमानी पार्टियों को अतिरिक्त फायदा मिलता है. यह न तो चुनावी नियमावली में है और न ही संविधान में इसका कहीं जिक्र है. इसलिए चुनाव चिन्ह के आवंटन को बंद किया जाना चाहिए.

वीरेंद्र पाण्डेय ने बताया कि चुनाव चिन्ह के कारण पैसे और समय दोनों का नुकसान होता है. स्वाभिमान पार्टी प्रमुख ने बताया कि मशीन में प्रत्याशी का चेहरा और चुनाव चिन्ह एक साथ दर्ज होता है, तो फिर अलग-अलग पहचान की जरूरत ही क्या है. चिन्ह के कारण असमान लड़ाई सामने आती है और एक जैसे चिन्हों के कारण मतदाता कई बार भ्रम में आ जाते हैं. वीरेंद्र पांडेय ने कहा कि चुनाव चिन्हों के कारण शिकायतों की संख्या भी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है और कई तरह की व्यवहारिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है .

बिलासपुर : पूर्व भाजपा नेता और वर्तमान में स्वाभिमान पार्टी के प्रमुख वीरेंद्र पांडेय ने चुनाव चिन्ह पर सवालिया निशान लगाया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि चुनाव चिन्ह से जानीमानी पार्टियों को अतिरिक्त फायदा मिलता है.

चुनाव चिन्ह नहीं होना चाहिए

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पहले के लोग इतने पढ़े-लिखे नहीं थे, इस कारण चुनाव चिन्ह का प्रयोग करना सही था. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चुनाव चिन्ह से जानीमानी पार्टियों को अतिरिक्त फायदा मिलता है. यह न तो चुनावी नियमावली में है और न ही संविधान में इसका कहीं जिक्र है. इसलिए चुनाव चिन्ह के आवंटन को बंद किया जाना चाहिए.

वीरेंद्र पाण्डेय ने बताया कि चुनाव चिन्ह के कारण पैसे और समय दोनों का नुकसान होता है. स्वाभिमान पार्टी प्रमुख ने बताया कि मशीन में प्रत्याशी का चेहरा और चुनाव चिन्ह एक साथ दर्ज होता है, तो फिर अलग-अलग पहचान की जरूरत ही क्या है. चिन्ह के कारण असमान लड़ाई सामने आती है और एक जैसे चिन्हों के कारण मतदाता कई बार भ्रम में आ जाते हैं. वीरेंद्र पांडेय ने कहा कि चुनाव चिन्हों के कारण शिकायतों की संख्या भी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है और कई तरह की व्यवहारिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है .

Intro:पूर्व भाजपा नेता और वर्तमान में स्वाभिमान पार्टी के प्रमुख वीरेंद्र पांडेय ने पत्रकारों से बातचीत कर चुनाव चिन्ह के उपयोग पर सवालिया निशान लगाया है । वीरेंद्र पांडेय ने कहा कि हम प्रदेश के 10 और देशभर में 20 से अधिक सीटों पर बगैर चुनाव चिन्ह के ही चुनाव लड़ रहे हैं और चुनाव आयोग के सामने आनेवाले दिनों में हम अपने प्राप्त मतों को सामने रख चुनाव चिन्ह को चुनावी प्रक्रिया से दूर करने का आग्रह करेंगे ।।


Body:वीरेंद्र पांडेय ने बताया कि चुनाव चिन्ह से जानीमानी पार्टियों को अतिरिक्त फायदा मिलता है । यह ना तो चुनावी नियमावली में है और ना ही संविधान में उल्लेखित है इसलिए चुनाव चिन्ह के आवंटन को बंद किया जाय । वीरेंद्र पाण्डेय ने बताया कि चुनाव चिन्ह के कारण धन और समय दोनों का नुकसान होता है । स्वाभिमान पार्टी प्रमुख ने बताया कि मशीन में प्रत्याशी का चेहरा और चुनाव चिन्ह एक साथ दर्ज होता है तो यहां दो अलग अलग पहचान की जरूरत ही क्या है । चिन्ह के कारण आसमान लड़ाई सामने आती है और एक जैसे चिन्हों के कारण मतदाता कई बार भ्रम में आ जाते हैं । वीरेंद्र पांडेय ने कहा कि चुनाव चिन्हों के कारण शिकायतों की संख्या भी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है और कई तरह की व्यवहारिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है ।
बाईट... वीरेंद्र पांडेय...स्वाभिमान पार्टी प्रमुख
विशाल झा..... बिलासपुर


Conclusion:
Last Updated : Apr 22, 2019, 12:32 PM IST
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