बिलासपुर: 'जलाओ दीये, पर रहे ध्यान इतना, अंधेरा धरा पर कहीं रह न जाए' कुछ ऐसा ही करते दिखे पेंड्रारोड़ में पदस्थ IAS मयंक चतुर्वेदी. जिन्होंने बैगा आदिवासी बाहुल्य परिवारों के बीच दीपावली पर्व मनाया. वहीं बैगा परिवार अपने बीच अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को पाकर बेहद खुश हुए.
दरअसल, गौरेला के दूरस्थ इलाके में आदिवासी बैगा गरीब परिवार निवास करते आ रहे हैं. जिन्हें मुख्यधारा में जोड़ने के लिए प्रशासन विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लाभ पहुंचते आ रही है. आदिवासी बैगा परिवार की दीपावली गरीबी के कारण फीकी न हो सोचकर गौरेला के जनप्रतिनिधियों के साथ मयंक चतुर्वेदी बैगा बहुल्य क्षेत्र देवरगांव पहुंचे.
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बैगा बच्चों के साथ मनाया दिवाली
आदिवासियों के छोटे-छोटे बच्चों को पटाखे और मिठाई देकर खुशियां बाटी. IAS के साथ तहसीलदार घनश्याम तवर, जनप्रतिनिधि उपस्थित होकर इन बैगा बच्चों को मिठाई और पटाखे दिए गए. वहीं बैगा परिवार और बच्चों को सावधानी पूर्वक फटाखे जलाने के साथ ही, प्रतिदिन बच्चों को स्कूल अवश्य भेजने का संदेश दिया. इस उत्सव पर गौरेला के पवन पैकरा का मुख्य योगदान रहा.