बिलासपुर: नान (नागरिक आपूर्ति निगम) घोटाले में आरोपी बनाए गए IAS अनिल टुटेजा की अग्रिम जमानत याचिका को हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. इससे पहले 2019 में एंटी करप्शन ब्यूरो और EOW (आर्थिक अपराध शाखा) की स्पेशल कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया था. प्रवर्तन निदेशालय ने नान मामले में टुटेजा के खिलाफ मामला दर्ज किया था. जिसको लेकर उन्होंने हाईकोर्ट की सिंगल बेंच में याचिका दायर की थी.
क्या है मामला
बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के रायपुर स्थित मुख्यालय समेत आसपास के जिलों में तैनात करीब 18 अधिकारियों और कर्मचारियों के दफ्तरों और आवास पर एसीबी और EOW ने 12 फरवरी 2015 को एक साथ छापेमारी की थी. कार्रवाई के दौरान 3 करोड़ 43 लाख 96 हजार 965 रुपए बरामद हुए थे. करीब सभी अधिकारी- कर्मचारी से लाखों रुपए नगद, संपत्ति, एफडी, बीमा समेत अन्य दस्तावेज भी जब्त किए गए. मामले में FIR दर्ज करते हुए 27 लोगों को आरोपी बनाया गया था. जांच के बाद इसमें से 16 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ चार्जशीट प्रस्तुत किया गया था.
सरकार ने दी है इजाजत
दो IAS, आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा के खिलाफ सरकार ने अभियोजन की मंजूरी दी है. IAS अनिल टुटेजा तब नान के एमडी थे, साथ ही शुक्ला विभाग के सचिव थे. वहीं, 12 अधिकारियों और कर्मचारियों को आईपीसी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की कई धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज करते हुए गिरफ्तार भी किया गया. नान के एमडी रहे अनिल टुटेजा के खिलाफ पूरक चालान प्रस्तुत किया गया है. उन्होंने रायपुर की कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था, लेकिन इसे रायपुर कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था. संभावित गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी प्रस्तुत की थी.