बिलासपुर: दिवाली पर जगह जगह पटाखे फूटते हैं.इसकी आवाज से सबसे ज्यादा बच्चों, बुजुर्गों और पालतू जानवरों को समस्या होती है. बाजार में कई ऐसे पटाखे बिक रहे हैं, जिससे आपके पालतू जानवरों को काफी खतरा है. पटाखे की आवाज और उसके धुएं से जानवरों के स्वास्थ्य में बड़ा नुकसान पहुंचता है. घर के पालतू जानवरों को इनसे बचाने के लिए उनका बहुत ज्यादा ख्याल रखना पड़ता है.
दिवाली पर पेट्स का ऐसे रखे ख्याल: बदलते दौर में आम लोगों में घरों में पेट्स पालने का शौक बढ़ता जा रहा है. इस समय लोग अपने घरों में कुत्ते, बिल्ली, तोता, कबूतर और कई तरह के पक्षी रख रहे हैं. जानवरों को पालने का शौक काफी पुराना है लेकिन इस समय लोगों में विदेशी पालतू जानवरों को पालने का शौक बढ़ता जा रहा है. यही कारण है कि अब जानवरों के लिए सर्व सुविधा मुहैया कराए जाने लगा है. जानवरों के खाने-पीने से लेकर उनके नहाने के लिए शैंपू, साबुन, पाउडर उन्हें सजाने के लिए कई तरह के समान बाजार में बिकते हैं. इस समय त्योहारों का सीजन चल रहा है. ऐसे समय में घर के पालतू जानवरों का खास ख्याल रखना जरूरी है. दीपावली में पटाखे फोड़े जाते है. पटाखों की आवाज से आपके पालतू जानवर को कठिनाई होती है. तेज आवाज वाले पटाखे से आपका पेट्स बेचैन हो जाता है और लगातार डरता रहता है. लेकिन आप चिंता न करे. आपके पेट्स और आपको इस परेशानी से बचाने बिलासपुर के मशहूर वेटरनरी डॉक्टर पीयूष दुबे ने खास जानकारी ETV भारत के साथ शेयर की है.
पेट्स के घबराने पर खिलाए आयुर्वेदिक दवाई: बिलासपुर के मशहूर वेटरनरी डॉक्टर पीयूष दुबे ने बताया कि दिवाली पर घरों में मेहमान आते हैं और घर में भीड़ होने की वजह से पेट्स को घबराहट होती है, इसलिए वह अजीब हरकत करने लगता है. आपके जानवर के अजीब हरकत करने से आपको परेशानी होने लगती है. यह समझ में नहीं आता कि आखिर उसे हुआ क्या है. ऐसे में उसे किसी अच्छे वेटरनरी डॉक्टर से दवा लेनी चाहिए. यह आयुर्वेदिक दवा होती है, जिससे नुकसान नहीं होता और इसके फायदे यह है कि आपका जानवर घबराहट से बचेगा. उसे परेशानी नहीं होगी. जब कोई आएगा या पटाखे की आवाज उसे कानों में आएगी तो वह ज्यादा परेशान नहीं होगा.
पटाखों की तेज आवाज से बचाने पेट्स के कानों में डाले रूई: पीयूष दुबे ने बताया कि पटाखे की आवाज जानवरों को विचलित करती है. कई बार वे आक्रामक हो जाते हैं और किसी को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसलिए जानवरों को पटाखों की आवाज से बचाने के लिए उनके कानों में रूई लगानी चाहिए ताकि पटाखे की तेज आवाज उनके कानों तक पहुंचने तक कम हो जाए, जिससे वह परेशान नहीं होंगे. रुई बहुत ज्यादा अंदर नहीं लगाना है. रुई के बड़े गोले बनाकर कानों के सामने हल्का सा अंदर करना है ताकि आसानी से उसे बाहर निकाला जा सके. ध्यान रखते हुए कानों में हुई लगानी चाहिए और कोशिश हमेशा यह करें कि कानों के सामने रुई लगाए ताकि उसे बाहर निकालते समय आपके पेट को नुकसान न पहुंचे.
साउंड प्रूफ कमरों में बंद रखे, पटाखे के बारूद से बचाए: वेटरनरी डॉक्टर यह भी सलाह देते हैं कि आपका पेट्स जब पटाखे की तेज आवाज से विचलित हो तो उसे कोशिश करे कि किसी साउंड फ्रूफ कमरों में बंद कर दे. कमरे मेनबैंड होने से उसे पटाखों के धुएं से बचाया जा सकता है और धुएं से होने वाले नुकसान से अलग. कई बार अपका पेट्स जब आप पटाखे फोड़ते है तो जला हुआ पटाखा मुंह में उठा लेता है और कई बार जलते हुए पटाखे को भी इससे उसके मुंह में पटाखे फूट सकते है. ऐसे में उन्हें किसी सुरक्षित जगह बांधकर रखे ताकि इस तरह से उन्हें होने वाले नुकसान से बचाया जा सके.
ठंड में होने वाले एलर्जी से बचाए: ठंड के समय में पौधों में फूल निकलते हैं. उनके पराग होते हैं. इन पराग को सूंघने से जानवरों में एलर्जी होती है. उनके नाक में खुजली होने लगती है और कई बार इससे उन्हें सर्दी भी हो जाती है. ऐसे समय में जानवरों को बांधकर रखें ताकि वह नए खिलने वाले फूलों को सूंघ ना सके और यदि ऐसा कर ले तो उन्हें डॉक्टर की सलाह से दवाई दे. जानवरों को ठंड से बचाने के लिए स्वेटर का इस्तेमाल किया जा सकता है, इसके अलावा जानवरों को कमरों के अंदर रात में बंद करना चाहिए, ताकि वह सर्दी से बच सके. रात में जानवर बाहर होते हैं तो ओस गिरने की वजह से उन्हें सर्दी हो सकती है और इससे उन्हें कई बार बड़ा नुकसान भी हो सकता है. ऐसे में उन्हें रात में कमरों में बंद रखना चाहिए.