बिलासपुर : आजकल काफी सारी महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के ट्यूमर डेवलेप हो रहे हैं. इससे उनकी शारीरिक तकलीफ बढ़ जाती है. ब्रेस्ट कैंसर क्या है, इसके क्या लक्षण है, साथ ही ब्रेस्ट कैंसर होने पर क्या करना चाहिए और इसके बचाव के लिए क्या उपाय अपनाए जा सके. इन्हीं बातों को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने कैंसर के एक्सपर्ट डॉक्टर से बातचीत की. हमने डॉक्टर से ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी हर जानकारी जानने की कोशिश की ताकि आपको इस बीमारी के बारे में छोटी से छोटी जानकारी उपलब्ध हो जाए.
भारत में ब्रेस्ट कैंसर का नंबर पहला : पूरी दुनिया में महिलाओं में सबसे ज्यादा गर्भाशय का कैंसर पाया जाता है. गर्भाशय के मुंह में यह कैंसर होता है, लेकिन कुछ समय से भारत में गर्भाशय के साथ ही ब्रेस्ट कैंसर भी पाया जाने लगा है. दुनिया मे सबसे ज्यादा महिलाओं में गर्भाशय कैंसर के बाद दूसरे नंबर पर ब्रेस्ट कैंसर आता है. ये कैंसर महिलाओं के ब्रेस्ट में होता है और इसीलिए इसका नाम ब्रेस्ट कैंसर रखा गया है. लेकिन अब भारत में ब्रेस्ट कैंसर कॉमन हो गया है. यह पहले नंबर पर आ गया है और सर्वाइकल कैंसर दूसरे नंबर पर है. यानी महिलाओं में सबसे ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर पाया जाने लगा है.तो आईए जानते हैं एक्सपर्ट से इस बीमारी से जुड़ी हर जानकारी
सवाल- ब्रेस्ट कैंसर के क्या लक्षण है.
जवाब - ब्रेस्ट कैंसर का सबसे कॉमन लक्षण होता है गठान. ब्रेस्ट में गठान होना यह ब्रेस्ट कैंसर का पहला लक्षण नजर आता है.दूसरा लक्षण यह है कि निप्पल से डिस्चार्ज आना. कभी-कभी निप्पल से खून आना. हरे रंग का लिक्विड बाहर निकलना. यह भी ब्रेस्ट कैंसर का प्रथम लक्षण माना जाता है.
सवाल -ब्रेस्ट कैंसर होने के बाद कैसा इलाज किया जाता है.
जवाब- ब्रेस्ट कैंसर होने के बाद इलाज कराने की यदि बात करें तो डॉक्टर कहते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर होने के बाद सबसे पहले हमें मल्टीपल इन्वेस्टिगेशन करके यह पता लगाना पड़ता है कि कहीं यह फैला तो नहीं है. बहुत बार मरीज जब आते हैं तो जांच करने के बाद पता लगता है कि कैंसर फैल चुका है. यदि कैंसर फैला नहीं है तो ऑपरेशन, कीमोथेरेपी और रेडिएशन का कॉम्बिनेशन कर इलाज करना पड़ता है.
सवाल -भ्रांतियां है कि ब्रेस्ट कैंसर में ऑपरेशन कर ब्रेस्ट अलग कर दिया जाता है.
जवाब- लगभग 10 साल पहले ऐसा था कि ब्रेस्ट कैंसर होने पर ऑपरेशन कर ब्रेस्ट अलग कर दिया जाता था. वह कम्पलसरी था. लेकिन अब ऐसा नहीं है. अब मेडिकल साइंस ने तरक्की कर लिया है. अब ब्रेस्ट कैंसर के मरीज के ब्रेस्ट का ऑपरेशन कर गठान को निकाल लिया जाता है. जो पहले ब्रेस्ट अलग कर रिजल्ट मिलता था. वही रिजल्ट अब ऑपरेशन कर गठान निकालने में मिलता है.
सवाल- ब्रेस्ट कैंसर कितनी खतरनाक बीमारी है.
जवाब- ब्रेस्ट कैंसर होने के बाद और इसकी जांच में इसके स्टेज के पता लगने पर पर पता चलता है. जांच में पता करते है कि कैंसर कम है या ज्यादा, जांच से ही पता चलता है कि यह कितनी खतरनाक है. ब्रेस्ट कैंसर कितनी खतरनाक है यह निर्धारित करता है कि कौन से स्टेज पर ब्रेस्ट कैंसर पहुंच गया है. यदि ब्रेस्ट कैंसर का पहला स्टेज पता चल जाता है. तो 90 से 95% बीमारी ठीक होने के चांसेस होते हैं. यदि 100 लोगों का इलाज करते हैं. तो 90 से 95 मरीज ठीक हो जाते हैं. लेकिन यदि ब्रेस्ट कैंसर तीसरे स्टेज पर पहुंचता है. तो 100 में 20 से 25 लोग ठीक हो पाते हैं.
सवाल- ब्रेस्ट कैंसर की जांच किस उम्र की महिलाओं को करवाना चाहिए.
जवाब -40 साल की उम्र के बाद महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए 40 की उम्र के बाद नियमित रूप से हर साल महिलाओं को मैमोग्राफी करवाना चाहिए. मैमोग्राफी से ब्रेस्ट कैंसर की जानकारी लग जाती है. इसलिए साल में एक बार मैमोग्राफी कराना अति आवश्यक है. यदि महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारियों से बचना चाहती हैं तो उनके लिए मैमोग्राफी कराना आवश्यक हो जाता है.
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सवाल -क्या बड़े स्तन की वजह से ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है.
जवाब- ब्रेस्ट कैंसर होने और स्तन के बड़े या छोटे होने का आपस में कोई मेल नहीं है, क्योंकि यह उम्र और शरीर के वेट के अनुसार होता है. स्तन के साइज छोटा हो या बड़ा होना. ब्रेस्ट कैंसर होने या ना होने से कोई लेना देना नहीं होता. इस समय बाजार में कई तरह की दवाइयां चल रही है.जो ब्रेस्ट बढ़ाने या कम करने के प्रलोभन देकर दवाइयां बेची जाती हैं. लेकिन इन दवाइयों से स्तन में ज्यादा फर्क नहीं पड़ता. यदि हारमोंस बढ़ाने वाली दवाइयों का सेवन कोई कर रहा है. तो उसमें ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए जो भी दवाई ले रहे हैं उसमें हार्मोन की मात्रा अधिक ना हो इसका ध्यान रखना चाहिए. क्योंकि हारमोंस शरीर मे अधिक जाने की वजह से ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है.
सवाल- ब्रेस्ट कैंसर न हो इसके लिए क्या सावधानी बरतनी चाहिए.
जवाब- ब्रेस्ट कैंसर होने के दो कारण होते हैं पहला कारण जेनेटिक होता है. यदि ब्रेस्ट कैंसर की बीमारी खून से रिलेटेड किसी पारिवारिक व्यक्ति या खानदान में हुए रहता है तो उनके जीन में भी ब्रेस्ट कैंसर आ जाता है. जीन में होने की वजह से ब्रेस्ट कैंसर को रोका नहीं जा सकता. इसके लिए समय समय पर ब्रेस्ट कैंसर की जांच करानी चाहिए. ब्रेस्ट कैंसर होने का दूसरा कारण यह भी है कि बदलते परिवेश और आधुनिकता की वजह से लाइफस्टाइल भी बदल जाती है. यही ब्रेस्ट कैंसर होने का कारण बनता है.
महिलाओं को अपने वजन का ख्याल रखना चाहिए. बहुत ज्याद मोटे नहीं होना चाहिए. खानपान को लेकर पौष्टिक आहार लेना चाहिए, इसके साथ ही नींद लेना चाहिए. सबसे महत्वपूर्ण है कि महिलाओं को कम से कम बच्चे होने के बाद 6 महीने तक बच्चे को मां का दूध पिलाना चाहिए और इसके अलावा साल में एक बार मैमोग्राफी करा कर ब्रेस्ट कैंसर की जांच करवानी चाहिए. इससे भी कई बार शुरुआती दौर में ब्रेस्ट कैंसर डायग्नोस हो जाता है और इसका इलाज शुरू करने के बाद यह पूरी तरह से ठीक हो जाता है. 30-32 साल की उम्र के बाद पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर का खतरा ज्यादा होता है. जंक फूड जितना हो सके अवॉइड करना चाहिए.