बिलासपुर:देश की जेलोें में क्षमता से अधिक कैदियों को रखने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने देश के सभी हाईकोर्ट को संज्ञान लेकर सुनवाई के निर्देश दिए हैं. जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों के होने की वजह से उन्हें मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पाती है. लिहाजा सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने मामले को संज्ञान में लेकर जनहित याचिका की सुनवाई शुरू की है.
याचिका में पैरवी करने के लिए अधिवक्ता रणवीर सिंह मरहास को न्याय मित्र नियुक्त किया गया है. कोर्ट ने पिछली सुनवाई में शासन को नोटिस जारी कर जेलों की स्थिति सुधारने के लिए शपथ पत्र पेश करने का आदेश दिया था.
दूसरा शपथ पत्र प्रस्तुत करने के निर्देश
मामले में शुक्रवार को शासन की ओर से शपथ पत्र प्रस्तुत कर कोर्ट को बताया गया, जिसमें बिलासपुर और रायपुर में 1500 बंदी क्षमता वाली विशेष जेल और बेमेतरा में 200 बंदी क्षमता वाली जेल बनाए जाने की बात कही है. वहीं प्रदेश में तीन नए जेल प्रस्तावित हैं. शासन के इस जवाब पर न्याय मित्र रणवीर सिंह मरहास ने कोर्ट को बताया कि शासन का शपथ पत्र कोर्ट के आदेश के अनुरूप नहीं है. इसमें यह नहीं बताया गया है कि नए जेल का निर्माण कब तक पूरा किया जायेगा. इस पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने शासन को 10 दिनों के भीतर दूसरा शपथ पत्र प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.