बिलासपुर: मेडिकल छात्रों की याचिका पर सुनवाई पूरी होने के बाद हाईकोर्ट ने अब मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. बता दें कि, मेडिकल छात्र सीफतपाल सिंह मामले में जारी हाईकोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए डीएमई ने जिन छात्रों के मूल निवास प्रमाण पत्र दूसरे राज्य के पाए थे उनके मेडिकल कॉलेज में प्रवेश को निरस्त कर दिया था.
डीएमई के इस कदम के खिलाफ इशिता मंडल और अन्य ने अपने वकीलों के जरिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में छात्रों ने कहा है कि वह छत्तीसगढ़ के मूल निवासी हैं, लेकिन उन्होंने 11वीं और 12वीं की पढ़ाई दूसरे राज्यों से की है. जिसकी जानकारी उन्होंने अपने नीट के फॉर्म में दी थी. जिसके बाद डीएमई ने अब उन्हें दूसरे राज्यों का मान कर उनके मेडिकल प्रवेश को रद्द कर दिया है.
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पूरे मामले की सुनवाई जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस विमला कपूर की डिवीजन बेंच ने की. बता दें कि कुछ दिनों पहले मेडिकल छात्र सीफतपाल सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए डीएमई को आदेश दिया था कि 'वह जांच करें कि नीट के माध्यम से स्टेट कोटा के अंतर्गत जिन छात्रों ने राज्य के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन लिया है वह राज्य के मूल निवासी है या नहीं'.