बिलासपुर: उच्च न्यायालय में एड्स पीड़ित नाबालिग बच्चियों की देखभाल करने वाले ट्रस्ट को बंद करने के सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है. मामले पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने शासन के फैसले पर रोक लगा दी है.
मामले में शासन का तर्क था कि ट्रस्ट जुवेनाइल जस्टिस एक्ट का पालन नहीं कर रहा है. वहीं ट्रस्ट ने शासन पर आरोप लगाया था कि उन्हें जवाब देने और अपना पक्ष रखने का उचित मौका नहीं दिया गया.
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मामले में संजीव ठक्कर ने याचिका दायर की थी. उन्होंने कोर्ट में कहा था कि सरकार के इस फैसले से बच्चियां घबराई हुई हैं, क्योंकि छत्तीसगढ़ में एकमात्र बिलासपुर स्थित यह ट्रस्ट है. जहां एचआईवी संक्रमित नाबालिक बच्चियों की देखभाल होती है. याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि सरकार के इस फैसले से 15 नाबालिग बच्चियों पर प्रभाव पड़ रहा था.