बिलासपुर: हाईकोर्ट ने तिफरा फल व्यापारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए नगर निगम की कार्यवाई को गलत करार दिया है. हाईकोर्ट ने व्यापारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि तिफरा फल मंडी निगम क्षेत्र में नहीं आता है. लिहाजा फल व्यापारी के खिलाफ की गई निगम की कार्रवाई गलत है. इसके साथ ही कोर्ट ने दुकान की चाभी और फल का पंचनामा कारने के बाद व्यापारी को सौंपने के भी निर्देश नगर निगम को दिए हैं.
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जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल 21 मई को निगम अतिक्रमण दस्ते ने तिफरा स्थित कृषि उपज मण्डी में राजा फ्रूट कम्पनी के खिलाफ कार्रवाई की थी. इस दौरान दुकान का फल जब्त कर दुकान को सील कर दिया था. कार्रवाई के दौरान दुकान संचालक ने निगम के दस्ते को बताया कि कृषि उपज मंडी में निगम को कार्रवाई का अधिकार नहीं है. बावजूद इसके निगम अमले ने दुकान को सील कर दिया था. जिसके बाद दुकान संचालक नरसिंह शर्मा ने अपने वकील के माध्यम से निगम की कार्रवाई और पांच लाख से अधिक नुकसान को लेकर याचिका दायर की थी. जिसपर सुनवाई करते हुए जस्टिस गौतम भादुड़ी की वेकेशन बेंच ने तुरंत दुकान खोलने का आदेश दिया है.
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इधर मस्तूरी विधायक ने कलेक्टर को लिखा पत्र
आर्थिक समस्या झेल रहे मस्तूरी के लोगों के लिए मस्तूरी विधायक कृष्णमूर्ति बांधी (Masturi MLA Krishnamurthy Bandhi) ने बिलासपुर कलेक्टर सारांश मित्तर (
Bilaspur Collector Sarrans Mittar) को पत्र लिखकर रोजगार मूलक कार्यों को शुरू करने की मांग की है.मस्तूरी विधायक डॉ. बांधी ने अपने पत्र के माध्यम से कलेक्टर को कहा है की कोरोना के चलते क्षेत्र में आर्थिक कार्य बंद हो गए हैं. वहीं लगातार चल रहे लॉकडाउन के चलते लोग बेरोजगार हैं. अपने घरों में कैद हैं. ऐसे में उनके पास रोजगार का कोई भी माध्यम नहीं है. उन्होंने अपने पत्र में कहा की यदि गावों में रोजगार मूलक रोजगार गारंटी योजना जैसे कार्य शुरू किए जाते हैं. इससे निश्चित ही ग्रामीणों को आर्थिक समस्या से कुछ हद तक निजात मिल सकती है. उन्होंने जल्द ही रोजगार गारंटी योजना शुरू करने सरकारी कार्यो के माध्यम से क्षेत्र के लोगों को रोजगार मुहैया कराने की मांग की.