बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (High Court Of Chhattisgarh) के चीफ जस्टिस (Chief Justice) पीआर रामचन्द्र मेनन (PR Ramachandra Menon) ने बड़ा फैसला लिया है. चीफ जस्टिस मेनन ने हाईकोर्ट में एडिशनल रजिस्ट्रार को कोरोना पीड़ित न्यायिक अधिकारियों के लिए बतौर नोडल अधिकारी नियुक्त किया, साथ ही प्रदेश के सभी जिला अदालतों में नोडल अधिकारी को नियुक्त करने का आदेश जारी किया है. इस संबंध में रजिस्ट्रार जनरल दीपक तिवारी ने आदेश जारी कर दिया है.
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए लिया फैसला
चीफ जस्टिस रामचन्द्र मेनन ने यह फैसला तेजी से बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर जारी किया गया है. जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि नोडल अधिकारी ये सुनिश्चित करेंगे कि कोरोना संक्रमित न्यायिक अधिकारियों को ऑक्सीजन, हॉस्पिटल में बेड समेत अन्य सुविधाएं उपलब्ध हो सके. उन्होंने रिटायर्ड कर्मचारियों को भी सुविधा देने की बात कही.
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश और अन्य जजों को लगा कोरोना का टीका
हाईकोर्ट में कोरोना के बढ़ते संक्रमणों के देखते हुए केस की सुनवाई बंद कर दी गई है. हालांकि अति महत्वपूर्ण मामलों पर हाईकोर्ट ऑनलाइन सुनवाई कर रहा है. महत्वपूर्ण मामलों को मौजूदा स्थिति में रजिस्ट्रार के सामने पेश करना होता है, इसके बाद रजिस्ट्रार जनरल यह तय करते हैं कि किस जज की बेंच मामले पर सुनवाई करेगी.
26 अप्रैल को HC ने राज्य सरकार को दिए थे कई अहम निर्देश
छत्तीसगढ़ में कोरोना के हालात से निपटने के लिए बिलासपुर हाईकोर्ट (High Court Of Chhattisgarh) में दायर जनहित याचिका (PIL) पर कोर्ट ने 26 अप्रैल को राज्य सरकार को कई अहम निर्देश दिए हैं. अपने निर्देश में HC ने ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति, RT-PCR की समय पर रिपोर्ट, मरीजों को बेड उपलब्धता, रेलवे आइसोलेशन कोच के उपयोग समेत कई बिंदुओं राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं. हाईकोर्ट ने दो हफ्ते में सरकार से स्टेट्स रिपोर्ट भी मांगी है.
जनहित याचिका पर निर्देश देते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार सुनिश्चित करे कि ऑक्सीजन कमी (lack of oxygen)से किसी मरीज की मौत न हो. चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन और जस्टिस पीपी साहू की बेंच ने अपना फैसला जारी करते हुए कहा था कि उद्योगपतियों से सरकार सामंजस्य बनाए. जिससे ऑक्सीजन और इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में मदद मिले.