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अरपा में खनन पर हाईकोर्ट सख्त: कलेक्टर-एसपी को खनन रोकने के आदेश

बिलासपुर में अरपा नदी में खनन को लेकर एक जनहित याचिका दायर की गई थी. जिसपर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. जिले के कलेक्टर और एसपी को खनन के लेकर कई निर्देश दिए गए हैं.

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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
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Published : Feb 23, 2021, 7:24 PM IST

बिलासपुर: रेत माफिया के खिलाफ छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. अरपा नदी के तट पर बेतरतीब तरीके से खुदाई के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा कि बिलासपुर जिले के कलेक्टर और एसपी यह सुनिश्चित करें कि बिना ठेका किसी तरह की कोई खनन न हो.

बिलासपुर में अरपा नदी में रेत माफिया नियम-कानून को ताक पर रख बेतरतीब तरीके से खुदाई कर रहे हैं. इसे लेकर अरपा अर्पण संघर्ष समिति ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया है कि राज्य शासन इस पूरे मामले में उदासीन बना हुआ है. जिसके कारण माफिया 2016 के रेत खनन कानून की अनदेखी करते हुए अवैध खनन कर रहा है. याचिका में यह भी कहा गया है कि इस बेतरतीब खुदाई के कारण नदी में जगह-जगह कई बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं. जो किसी बड़े हादसे को दावत दे रहा है. मामले में राज्य सरकार के साथ बिलासपुर नगर निगम और कई अन्य को भी पक्षकार बनाया गया है.

बिलासपुर की जीवनदायनी अरपा को बचाने आगे आए बुद्धिजीवी और समाजसेवी

13 मार्च को अगली सुनवाई

मंगलवार को जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बिलासपुर नगर निगम को भी ऐसे माफिया पर एक्शन लेने का निर्देश जारी किया है, जो बिना ठेका लिए नदी से रेत का खनन कर रहे हैं. ऐसे कई इलाके हैं जो निगम के तहत आते हैं. केस में अगली सुनवाई 13 मार्च को होना है.

बिलासपुर: रेत माफिया के खिलाफ छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. अरपा नदी के तट पर बेतरतीब तरीके से खुदाई के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा कि बिलासपुर जिले के कलेक्टर और एसपी यह सुनिश्चित करें कि बिना ठेका किसी तरह की कोई खनन न हो.

बिलासपुर में अरपा नदी में रेत माफिया नियम-कानून को ताक पर रख बेतरतीब तरीके से खुदाई कर रहे हैं. इसे लेकर अरपा अर्पण संघर्ष समिति ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया है कि राज्य शासन इस पूरे मामले में उदासीन बना हुआ है. जिसके कारण माफिया 2016 के रेत खनन कानून की अनदेखी करते हुए अवैध खनन कर रहा है. याचिका में यह भी कहा गया है कि इस बेतरतीब खुदाई के कारण नदी में जगह-जगह कई बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं. जो किसी बड़े हादसे को दावत दे रहा है. मामले में राज्य सरकार के साथ बिलासपुर नगर निगम और कई अन्य को भी पक्षकार बनाया गया है.

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13 मार्च को अगली सुनवाई

मंगलवार को जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बिलासपुर नगर निगम को भी ऐसे माफिया पर एक्शन लेने का निर्देश जारी किया है, जो बिना ठेका लिए नदी से रेत का खनन कर रहे हैं. ऐसे कई इलाके हैं जो निगम के तहत आते हैं. केस में अगली सुनवाई 13 मार्च को होना है.

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