बिलासपुर: हाईकोर्ट ने आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी बैंक के मामले में सुनवाई की. कोर्ट ने केंद्र सरकार के रजिस्ट्रार और परिसमापक को 60 दिन में कार्रवाई करने का आदेश दिया है. मामले की सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी की बेंच में हुई.
याचिकाकर्ता नीलिमा ताम्रकार और अन्य ने अधिवक्ता विवेक कुमार अग्रवाल के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की. उन्होंने कहा कि वे दुर्ग और भिलाई के आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी बैंक में 2015 से इन्वेस्ट कर रहे है. बैंक की शाखा राज्य के सभी जिलों में चल रही थी. साथ ही बैंक में ब्याज ज्यादा था, इसलिए याचिकाकर्ताओं ने अपनी जिंदगी भर की कमाई फिक्स डिपॉजिट, आरडी और सेविंग सहित सभी पैसे बैंक में जमा कर दिए.
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पैसा वापस करने की मांग
2019 में अचानक से बैंक के ब्रांच बंद हो गए, जितने भी इन्वेस्टर थे उनका पैसा बैंक में फंस गया. शिकायत होने पर केंद्रीय रजिस्ट्रार ने बैंक की संपत्ति को सीज कर दिया है. याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को यह भी बताया कि केंद्र सरकार ने 15 मई 2020 को एक आदेश निकाल कर इन्वेस्टर के क्लेम को देने के लिए परिसमापक नियुक्त किया है. उन्होंने अपना पैसा जल्द से जल्द वापस दिलाने की मांग की है.
पैसे रिफंड करने का आदेश
कोर्ट ने केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त परिसमापक एचएस पटेल और केंद्र सरकार के रजिस्ट्रार को निर्देश जारी किया है. आदेश की प्रति प्राप्त होने के 60 दिन के भीतर याचिकाकर्ताओं को पैसे रिफंड करने का आदेश जारी किया है.