बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को स्कूल खोले जाने के फैसले पर एक सप्ताह में जवाब मांगा है. हाईकोर्ट में भिलाई निवासी नजरुल खान ने याचिका दायर की है. याचिका पर कहा गया है कि 9वीं से 12वीं तक के स्कूलों को खोलने में कोरोना संक्रमण का खतरा है. इस पर हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है.
छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र : सेस की राशि, किसान आत्महत्या के मुद्दे पर हंगामा
याचिकाकर्ता छत्तीसगढ़ छात्र अभिभावक संघ का अध्यक्ष है. अपनी याचिका में उन्होंने कहा है कि स्कूल खोलने के बाद बच्चे एक दूसरे के संपर्क में आ रहे हैं. सोशल डिस्टेंसिंग तो टूटेगा ही और बच्चों के कोरोना संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाएगा.
खुशियों की उड़ान: बिलासपुर से शुरू होने वाले पहले फ्लाइट में यात्रा करेगा दुबे परिवार
वैक्सीनेशन किए बिना स्कूल खोलने का निर्णय
इसके अलावा अभी बच्चों को वैक्सीनेशन किए बिना ही स्कूल खोलने का निर्णय ले लिया गया है, जबकि अभी तो सिर्फ हेल्थ वर्कर्स और 50 वर्ष से अधिक के लोगों को ही वैक्सीन लगना है. बाद में कहीं जाकर बच्चों का नंबर वैक्सीनेशन के लिए आएगा. वह भी कब आएगा इसका भी पता नहीं है.
हाईकोर्ट ने सरकार से 1 सप्ताह में जवाब मांगा
याचिका में सरकार द्वारा स्कूल खोलने के फैसले को गलत बताया गया. याचिका में कहा गया है कि शासन का यह निर्णय बिल्कुल गलत है. क्योंकि अभी कोरोना खत्म नहीं हुआ है. पूरे मामले पर जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने सुनवाई की. हाईकोर्ट ने सरकार से 1 सप्ताह में जवाब मांगा है.