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उच्च शिक्षा आयुक्त को HC ने जारी किया नोटिस, पूर्व अधिकारी को पेंशन और ग्रेच्युटी नहीं मिलने का मामला

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने एक अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च शिक्षा विभाग आयुक्त को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट के पूर्व में दिए फैसले की अनदेखी को लेकर नोटिस जारी किया गया है.

High court issued notice to higher education commissioner
उच्च शिक्षा आयुक्त को HC ने जारी किया नोटिस
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Published : Nov 21, 2020, 2:45 AM IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा विभाग से रिटायर्ड अकाउंटेंट कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान आर्थिक तंगी से जूझता रहा. लेकिन ना तो उसे पेंशन मिल सकी ना ही ग्रेच्युटी. यहां तक कि उस दौरान हाईकोर्ट का आदेश भी काम नहीं आया. जिसके बाद दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को उच्च शिक्षा विभाग आयुक्त शारदा वर्मा को नोटिस जारी कर हाईकोर्ट ने जवाब मांगा है.

क्या है पूरा मामला

दरअसल उमेश पाठक उच्च शिक्षा विभाग में अकाउंटेंट ग्रेड 1 के पद से 31 अगस्त 2019 को रिटायर हुए थे. उन्होंने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें बताया गया कि रिटायरमेंट के बाद उन्हें ग्रेच्युटी राशि नहीं दी गई है. पेंशन का भी निर्धारण नहीं किया गया. बल्कि 8 माह बाद 1.56 लाख की वसूली आदेश निकाल दिया गया है. जिसे हाईकोर्ट में चुनौती भी दी गई है.

पढ़ें: थाने पहुंचा राजपरिवार का विवाद, राजा योगेश्वर राज सिंह पर टीकमगढ़ की राजकुमारी ने लगाया मारपीट का आरोप

कोर्ट ने दिए थे आदेश

कोर्ट ने पूर्व में सुनवाई करते हुए उच्च शिक्षा विभाग को आदेश दिया कि याचिकाकर्ता का इन्टरिम पेंशन कोर्ट के जारी किए गए आदेश की कॉपी मिलने के 30 दिन के भीतर जारी कर दिया जाए. लेकिन तय अवधि में भुगतान नहीं होने पर विभाग के संचालक आयुक्त सहित अन्य के खिलाफ अवमानना की याचिका दायर की गई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने नोटिस जारी किया है.

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा विभाग से रिटायर्ड अकाउंटेंट कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान आर्थिक तंगी से जूझता रहा. लेकिन ना तो उसे पेंशन मिल सकी ना ही ग्रेच्युटी. यहां तक कि उस दौरान हाईकोर्ट का आदेश भी काम नहीं आया. जिसके बाद दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को उच्च शिक्षा विभाग आयुक्त शारदा वर्मा को नोटिस जारी कर हाईकोर्ट ने जवाब मांगा है.

क्या है पूरा मामला

दरअसल उमेश पाठक उच्च शिक्षा विभाग में अकाउंटेंट ग्रेड 1 के पद से 31 अगस्त 2019 को रिटायर हुए थे. उन्होंने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें बताया गया कि रिटायरमेंट के बाद उन्हें ग्रेच्युटी राशि नहीं दी गई है. पेंशन का भी निर्धारण नहीं किया गया. बल्कि 8 माह बाद 1.56 लाख की वसूली आदेश निकाल दिया गया है. जिसे हाईकोर्ट में चुनौती भी दी गई है.

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कोर्ट ने दिए थे आदेश

कोर्ट ने पूर्व में सुनवाई करते हुए उच्च शिक्षा विभाग को आदेश दिया कि याचिकाकर्ता का इन्टरिम पेंशन कोर्ट के जारी किए गए आदेश की कॉपी मिलने के 30 दिन के भीतर जारी कर दिया जाए. लेकिन तय अवधि में भुगतान नहीं होने पर विभाग के संचालक आयुक्त सहित अन्य के खिलाफ अवमानना की याचिका दायर की गई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने नोटिस जारी किया है.

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